भारत ने नहीं लिया UNSC में रूसी प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा, पश्चिमी देशों के साथ हुआ शामिल
Highlights
- यूक्रेन पर रूस का UNSC में मसौदा प्रस्ताव
- भारत ने नहीं लिया मसौदे पर मतदान में हिस्सा
- रूस और चीन ने प्रस्ताव के पक्ष में किया वोट
नई दिल्ली: यूक्रेन में मानवीय हालातों पर रूस के मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग को लेकर भारत ने UNSC में भाग नहीं लिया। रूस और चीन ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि भारत उन 13 देशों में शामिल रहा, जिन्होंने इस वोटिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। जिस कारण रूस का यूक्रेन पर मसौदा प्रस्ताव UNSC में स्वीकार नहीं हो सका।
India joins West in abstaining widely criticized Russian resolution at UNSC
— ANI Digital (@ani_digital) March 24, 2022
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UNSC में पेश किए गए इस मसौदे प्रस्ताव में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण का उल्लेख नहीं किया है, यही कारण है कि इस प्रस्ताव की व्यापक रूप से आलोचना की गई है। भारत ने यूक्रेन की मानवीय स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस रूसी-मसौदे प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया। भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) इस प्रस्ताव पर वोट करने से परहेज करने को लेकर पश्चिमी देशों के साथ शामिल हो गए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में रूस के यूक्रेन पर मसौदे प्रस्ताव के पक्ष में केवल रूस और चीन ने मतदान किया और बाकी 13 सदस्य अनुपस्थित रहे।
India abstained in UNSC on a vote on a draft resolution by Russia on humanitarian situation in Ukraine
— ANI (@ANI) March 23, 2022
Russia and China voted in favour of the resolution while India was among 13 countries who abstained. The draft resolution failed to get adopted.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने UNSC में बयान दिया कि रूस हमलावर है, आक्रामक है और घुसपैठ कर रहा है। यूक्रेन में रूसी सेना आम नागरिकों के खिलाफ क्रूरता के अभियान में लगी हुई है। अमेरिकी राजदूत ने आगे कहा कि इस सब के बावजूद रूस चाहता है कि हम एक ऐसा प्रस्ताव पारित करें जो उसके इन सभी दोषों को स्वीकार न करे।
बता दें कि रूस के UNSC में पेश किए गए मसौदे प्रस्ताव में यूक्रेन संकट में मास्को की भूमिका के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है. रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से यूक्रेन के बाहर के गंतव्यों के लिए सुरक्षित रास्ते की अनुमति देने और बिना रुकावट के मानवीय सहायता सुविधा प्रदान करने का आह्वान किया है।