श्रीलंका में इमरजेंसी।
पीएम हाउस और नेशनल टीवी पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा किया, मोदी से मदद मांगी
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग गए हैं। राजपक्षे के देश छोड़ने से श्रीलंकाइयों का गुस्सा भड़क गया है। राजधानी कोलंबो की सड़कों पर प्रदर्शनकारी जमकर उत्पात कर रहे हैं। लोगों के उग्र विरोध देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इमरजेंसी का ऐलान किया है।
गुस्साई भीड़ ने पीएम हाउस और नेशनल टीवी ‘रूपवाहिनी’ के स्टूडियो पर कब्जा कर लिया। जबकि हजारों की तादाद में लोग संसद भवन और मार्च कर रहे हैं। नेशनल टीवी पर कब्जे के बाद चैनल ऑफ एयर हो गया। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प हुई। दो गुट भी आपस में भिड़ गए, जिससे 12 लोग घायल हो गए।
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों पर हेलिकॉप्टर से नजर रखी जा रही है। इन पर काबू करने के लिए हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी है।
श्रीलंका संकट से जुड़े बड़े अपडेट्स…
१.प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है।
२.श्रीलंकाई सेना ने अपने नागरिकों के सामने हथियार नीचे कर दिए हैं।
३.प्रदर्शनकारी संसद भवन और प्रधानमंत्री आवास का घेराव कर रहे हैं।
देश छोड़कर भागे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षा ने इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने अपनी जगह प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री आवास के बाहर इस समय भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री का भी इस्तीफा मांग रहे हैं।
एयरफोर्स ने गोटबाया को एयरक्राफ्ट दिया
श्रीलंकाई एयरफोर्स मीडिया डायरेक्टर ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, फर्स्ट लेडी और दो बॉडीगार्ड्स को मालदीव जाने के लिए रक्षा मंत्रालय से इमीग्रेशन, कस्टम और बाकी कानूनों को लेकर पूरी अनुमति दी गई थी। 13 जुलाई की सुबह उन्हें एयरफोर्स का एक एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराया गया था।
गोटबाया की पहली कोशिश नाकाम हुई थी
गोटाबाया 8 जुलाई के बाद से कोलंबो में नहीं दिख रहे थे। वे मंगलवार यानी 12 जुलाई को नौसेना के जहाज से भागने की फिराक में थे, लेकिन पोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने पासपोर्ट पर सील लगाने के लिए VIP सुईट में जाने से इनकार कर दिया था। राजपक्षे ने जोर दिया था कि देशभर में चल रहे विरोध की वजह से दूसरी सार्वजनिक सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, लेकिन अफसर नहीं माने थे।
राष्ट्रपति के भाई भी देश से भागना चाहते हैं
राष्ट्रपति के भाई और पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे को देश छोड़कर भागने की फिराक में थे, लेकिन एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन स्टॉफ के विरोध के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। देश में जहां एक तरफ जनता दाने-दाने के लिए तरस रही है, वहीं बासिल ने अमेरिका जाने के लिए 1.13 करोड़ श्रीलंकाई रुपए में बिजनेस क्लास के चार टिकट किए थे।
सबसे बड़ा सवाल : भागे या भगाए गए?
गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा देने से पहले शर्त रखी थी कि उन्हें देश से बाहर जाने दिया जाए। इसके कुछ घंटे बाद ही उनके देश छोड़ने की खबरें सामने आई। ऐसे में अब सवाल उठता है कि गोटबाया भागे या भगाए गए। राजपक्षे ने 12 जुलाई को अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर सीनियर अधिकारी को सौंप दिया था। यह लेटर 13 जुलाई को संसद स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को सौंपा जाना था। खबरें आईं कि भारतीय सेना ने गोटबाया को भागने में मदद की, लेकिन भारतीय दूतावास ने इन खबरों का खंडन कर दिया है।