देश में कोरोना डराने लगा है। बुधवार को कोरोना के 3,303 नए केस सामने आए हैं। ये 47 दिनों मे सबसे ज्यादा हैं। इससे पहले पिछले महीने 11 तारीख को 3,614 केस आए थे। बीते 24 घंटे में 39 संक्रमितों की मौत भी हुई है और 2,642 मरीज ठीक हुए हैं। इस तरह एक्टिव केस 16,980 हो गए हैं। ये सभी आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए हैं। उधर, IIT मद्रास में संक्रमितों का आंकड़ा 171 पहुंच गया है।
रिकवरी केसों की संख्या 2,642
देश में पिछले 24 घंटों में रिकवरी केसों की संख्या 2,642 रही। इसके बाद देश में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 4,25,16,736 हो गई। वहीं, रिकवरी रेट 98.74% है। देश में कुल कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़कर अब 4 करोड़ 30 लाख, 68 हजार 799 हो गई है। अब तक कोरोना से 5 लाख, 23 हजार, 693 लोगों की मौत हो चुकी है।
देश में बीते 15 दिनों में एक्टिव मरीजों की संख्या 7,448 बढ़ी है। 12 अप्रैल 2022 में 9532 केस मिले थे। वहीं, गुरुवार को 16,980 एक्टिव केस मिले।
किस स्टेट में कितने मामले मिले
दिल्ली में बीते 24 घंटों में कोरोना के 1,367 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान एक मरीज की मौत हो गई। दूसरे नंबर पर हरियाणा है, यहां कोरोना के 535 केस मिले, जबकि एक मौत हुई। तीसरे नंबर पर केरल है, यहां 347 नए केस मिले, जबकि 14 लोगों की मौत हो गई। वहीं, UP में 258 और एक की मौत, महाराष्ट्र में 186, तमिलनाडु में 77, कर्नाटक में 126 केस मिले हैं।
IIT मद्रास में 19 और टेस्ट पॉजिटिव, कुल मामले 171 पहुंचे
IIT मद्रास में 39 और लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद संस्थान में कोरोना वायरस से संक्रमित छात्रों की कुल संख्या 171 हो गई है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव डॉ. जे राधाकृष्णन यह जानकारी दी।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सत्येंद्र जैन बोले- लोगों को बूस्टर डोज लगाने की तैयारी
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में लगभग 5,000 सक्रिय कोविड मामले हैं, लेकिन लोगों को अस्पताल जाने की भी ज्यादा जरूरत नहीं पड़ रही है। हमारे पास दिल्ली में 10,000 बेड हैं, जिनमें से केवल 100 पर ही मरीज हैं। इसके अलावा दिल्ली में सभी पात्र लोगों को बूस्टर डोज लगाने की भी तैयारी हो रही है।
राजस्थान में एक दिन में 59 केस, 18% बढ़ोतरी
राजस्थान में कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार को एक दिन में 18% केस बढ़ गए। प्रदेश में 59 नए कोविड पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जिनमें अकेले जयपुर में 46 मरीज पाए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 242 हो गई है। एक दिन पहले मंगलवार को प्रदेश में 50 संक्रमित मरीज मिले थे
क्या देश में आ गई है चौथी लहर?
देश में कोरोना के मामले बढ़ने से चौथी लहर की चर्चा शुरू हो गई है। सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर फिर से कोरोना के मामलों के बढ़ने की वजह क्या है? दैनिक भास्कर ने यही सवाल 3 एक्सपर्ट्स से जानने की कोशिश की।
अपने स्टैटिस्टिकल मेथेड से देश में 22 जून तक चौथी लहर आने की भविष्यवाणी करने वाले IIT कानपुर के प्रोफेसर शलभ ने चौथी लहर को लेकर कहा, ‘ये कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी कि केसेज का बढ़ना चौथी लहर का संकेत है।’ ये पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में चौथी लहर आ सकती है? प्रो. शलभ ने कहा, ‘इसकी आशंका ज्यादा है।’
कोरोना पर कई सटीक भविष्यवाणी करने वाले IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने चौथी लहर आने के सवाल पर कहा, ‘अभी मुझे चौथी लहर आने की कोई आशंका नहीं है।’
महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर चंद्रकांत लहरिया ने कहा, ‘ये चौथी लहर का संकेत नहीं है। केसेज बढ़ते-घटते रहेंगे, लेकिन अभी नई लहर की आशंका नहीं है, क्योंकि देश में अभी ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट BA.1, BA.2 ही डॉमिनेंट वैरिएंट हैं, एक ही वैरिएंट से दो लहर नहीं आ सकती है।’
क्या है देश में फिर से कोरोना केसेज बढ़ने की वजह
देश में फिर से कोरोना केसेज बढ़ने पर प्रो. मणींद्र ने कहा, ‘सारी पाबंदियां हट गई हैं, ऑफिस खुल गए हैं, बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। पाबंदियां हटने की वजह से ही केसेज बढ़े हैं।’
डॉ. लहरिया ने कहा, ‘केसेज बढ़ने की वजह पाबंदियां हटना है। लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने लगे हैं और खुद से टेस्ट करवा रहे हैं, इसलिए भी केस बढ़े हैं।’ प्रो. शलभ ने कहा, ‘ये तीसरी लहर के बाद का उतार-चढ़ाव है, जिसकी वजह से हाल ही में कई यूरोपीय देशों में भी केस अचानक बढ़ने लगे थे।’
सरकार ने 31 मार्च से देश में कोरोना पाबंदियां खत्म कर दी थीं और सार्वजनिक जगहों पर मास्क न पहनने पर जुर्माने का प्रवाधान खत्म कर दिया गया था।
कोरोना से बचाव के लिए क्या है जरूरी?
कोरोना के किसी भी वैरिएंट से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन ही सबसे अच्छा उपाय है। यानी मास्क पहनना, सैनिटाइजर यूज करना और वैक्सीनेशन करवाना ही कोरोना से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है। प्रो. शलभ का कहना है कि लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए।
वहीं, डॉ. लहरिया का कहना है, ”हेल्दी और वैक्सीनेटेड लोगों के लिए पाबंदियां नहीं होनी चाहिए और फेस्क मास्क अनिवार्य के बजाय स्वैच्छिक होना चाहिए। केवल 60+ उम्र के लोगों, अनवैक्सीनेटेड और पुरानी बीमारी से पीड़ितों को मास्क पहनना और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।”
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