हम पीएम मोदी को वो दिन याद दिलाना चाहते हैं, जब उन्होंने संसद की सीढ़ियों पर माथा टेका था, पढ़ें बारिश और मच्छरों के बीच कैसे डटे हैं विपक्षी सांसद
Opposition Parliament protest: संसद से निलंबन झेल रहे विपक्षी सांसदों के लिए बुधवार, 28 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस की ओर से डिनर का प्रबंध किया गया, जिसमें रोटी, दाल, पनीर और चिकन तंदूरी शामिल था।
Opposition Parliament protest: संसद में अशोभनीय व्यवहार को लेकर निलंबित हुए विपक्षी सांसद संसद के लॉन में धरना दे रहे हैं। उनका धरना पिछले दो दिनों से चल रहा है। खुले आसमान के नीचे निलंबित सांसदों ने दो रातें बिताई हैं। इस पर विपक्षी दल के एक नेता ने कहा कि हम मोदी को उस वादे की याद दिलाना चाहते हैं जो उन्होंने पहले दिन संसद आने पर किया था। यही वह जगह है जहां उन्होंने सीढ़ियों पर माथा टेका था।
बता दें कि संसद परिसर के अंदर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने 50 घंटे का धरना आज दोपहर करीब 12 बजे खत्म होने की संभावना है।
बता दें कि निलंबित सांसदों के खाने पीने की व्यवस्था विपक्षी दलों द्वारा की जा रही है। उनके ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का जिम्मा अलग-अलग दलों ने लिया हुआ है। इन सांसदों के लिए इडली सांभर, चिकन तंदूरी, गाजर का हलवा और फलों की व्यवस्था की जा रही है। वहीं इन सांसदों के चिकन खाने की खबर सामने आई है। भाजपा के नेता शहजाद पूनावाला ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने चिकन खाने के लिए निलंबित सांसदों पर निशाना साधा है।
शहजाद पूनावाला ने कहा, “मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर रहे कुछ निलंबित सांसदों ने ‘तंदूरी चिकन’ खाया। सभी जानते हैं कि गांधी जी का जानवरों के वध और उन पर हिंसा के खिलाफ थे। कई लोग पूछ रहे हैं कि यह विरोध है, तमाशा है या फिर पिकनिक मना रहे हैं।” हालांकि भाजपा नेता के इस आरोप को टीएमसी सांसद सुष्मित देव ने झूठा बताया है।
बता दें कि संसद से निलंबन झेल रहे विपक्षी सांसद गपशप, चुटकुले और चाय पर चर्चा के साथ समय बिता रहे हैं। निलंबित सांसदों ने पहला दिन गांधी प्रतिमा के सामने बिताया, लेकिन गुरुवार को बारिश के चलते उन्हें संसद भवन के बरामदे में जाना पड़ा।
टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा, “चूंकि मेरे ऊपर पारिवारिक दायित्व नहीं हैं, इसलिए पूरी रात बिताने वाली मैं अकेली महिला सांसद हूं। कई लोग सुबह जल्दी आ जाते हैं। उनमें हमारी सांसद मौसम बेनजीर नूर भी हैं, देखभाल के लिए उनके पास एक छोटा बच्चा है। वो सुबह 6 बजे आती हैं।” उन्होंने कहा कि देखिए हम यहां पिकनिक नहीं मना रहे हैं। हमारा शाम का वक्त ज्यादातर मच्छरों को भगाने में बीतता है।
सेन ने कहा कि हमें मच्छर भगाने वाली दवा भी नहीं दी गई है। सत्ताधारी पार्टी के सांसद भी हमारे साथ बातचीत करने या इस तरफ से जाने में बचते हैं। चिकन खाने को लेकर सेन कहा, “महात्मा की प्रतिमा के सामने चिकन खाने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने हमें सदन से जबरदस्ती बाहर कर हमारी एकता को और मजबूत कर दिया है, और लगता है सरकार को इसका एहसास हो गया है।”
निलंबित आप सांसद संजय सिंह ने कहा, “ऐसा नहीं है कि हमें इन विरोध प्रदर्शनों को करने और खुले में रात बिताने में मज़ा आता है। लेकिन सरकार ने हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। हम लोकतंत्र के मंदिर में अहम मुद्दों को कैसे उठा सकते हैं, जो मायने रखते हैं? अहम सवाल यह है कि संसद में नहीं तो कहां बोलेंगे?”
विपक्षी पार्टियां कर रही हैं खाने का इंतजाम:
बीते बुधवार को डीएमके सांसद तिरूची सिवा ने निलंबित सांसदों के ब्रेकफास्ट का इंतजाम किया था। जिसमें इडली-सांभर की व्यवस्था की गई। इसके अलावा टीएमसी ने सांसदों के लिए फलों और सैंडविच की व्यवस्था की। वहीं दोपहर में डीएमके की ही तरफ से चावल और दही मंगाया गया था।