
जीवन की ऐसी कोई समस्या नहीं इस प्रकृति के पास जिसका समाधान ही ना हो। समस्या चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो मगर उसका कोई न कोई समाधान अवश्य होता है। हमें समस्या का डटकर सामना करना आना चाहिए क्योंकि समस्या मुकाबला करने से दूर होती है मुकरने से नहीं।
इस प्रकृति का एक नियम यह भी है, कि यहाँ सदैव एक दूसरे द्वारा अपने से दुर्बल को ही सताया जाता है। दुःखों के साथ भी ठीक ऐसा ही होता है। जितना आप दुःखों से भागने का प्रयास करोगे उतना दुःख तुम्हारे ऊपर हावी होते जायेंगे।
दुःख बंदरों की तरह होते हैं जो पीठ दिखाने पर पीछा किया करते हैं और सामना करने पर भाग जाते हैं। समस्या का डटकर मुकाबला करना ही समस्या को कम करने का सर्वोत्तम उपाय है।
सुरपति दास
इस्कॉन/भक्तिवेदांत