उत्तरप्रदेश

वाराणसी: नमो घाट पर घूमने के लिए नगर निगम ने लगाया एंट्री टिकट, विरोध के बाद वापस लेना पड़ा फैसला

वाराणसी के नमो घाट पर एंट्री टिकट का लोगों ने जमकर विरोध किया। इसके बाद प्रशासन ने इसे हटाने का फैसला लिया है और लोगों से अनुरोध किया कि अभी गंगा के पास ना जाएं क्योंकि बरसात के कारण पानी का स्तर बढ़ा हुआ है।

वाराणसी के नमो घाट पर घूमने के लिए 10 रुपए के एंट्री टिकट की व्यवस्था की गई थी। घाट पर बड़ी संख्या में सैलानियों के आगमन को देखते हुए जिला नगर निगम ने यह व्यवस्था की थी, लेकिन भारी विरोध के कारण इस आदेश को प्रशासन को वापस लेना पड़ा। नगर आयुक्त प्रणय सिंह की ओर से यह आदेश दिया गया था, जिसे लेकर वाराणसी के लोगों ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी। सोशल मीडिया यूजर्स भी इस पर मोदी सरकार को घेरने में लगे हैं। हालांकि, भारी विरोध को देखते हुए टिकट की व्यवस्था को लागू नहीं किया गया है।

सोशल मीडिया यूजर्स बोले- कभी नहीं सोचा था कि ऐसा भी देखने को मिलेगा

वैभव सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर ने कहा, “तो, अब विजिटर्स को बनारस में “नमो घाट” पर जाने के लिए “एंट्री फीस” के रूप में 10 रुपए का भुगतान करना होगा और 4 घंटे के लिए घाट पर रहने की अनुमति दी जाएगी। एक बनारसी के रूप में, जो घाटों पर रहता और पला-बढ़ा, उसने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसा देखने को मिलेगा। नरेंद्र मोदी, माननीय, सांसद जी, क्या आप कृपया घाटों को छोड़ देंगे?”

काजूमा सातो नाम के एक यूजर ने कहा , “यह हिंदुओं का पवित्र स्थल है, इसके लिए चार्ज क्यों किया जा रहा है। कभी किसी और धर्म में ऐसा देखा है?” श्री नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “बनारस में जो पले बड़े हैं उनको भी घाट में जाने के लिए अब पैसा देना पड़ेगा। इतिहास में ही नहीं, जगह जगह अपना नाम दर्ज करवा रहे हैं NaMo जी – ताकि लोग भूलना चाहे तो भी ना भूल पाएं।”

आदेश किया गया रद

भारी विरोध को देखते हुए मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने आदेश को रद कर दिया है। उन्होंने कहा कि गंगा में पानी का स्तर बढ़ने की वजह से लोगों को फिलहाल तटवर्ती इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी जा रही है। अभी टिकट की कोई व्यवस्था लागू नहीं की जा रही है।

बता दें कि साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो घाट का उद्घाटन किया था। यह घाट दो चरणों में बनाया गया था। यह काशी का पहला ऐसा घाट होगा जो जल, थल और वायु मार्ग से जुड़ेगा। यह घाट सूर्य नमस्कार को समर्पित है और इसे 34 करोड़ की लागत से बनाया गया था। इस घाट पर गेल इंडिया ने फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन बनाया है।

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