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शेखर न्यूज़ उत्तर प्रदेश की खबरें

शेखर न्यूज़ उत्तर प्रदेश

🌹🌹आज का सुविचार🌹🌹

जरा सोच समझकर जीवन में व्यवहार कीजिए बच्चे आपको देखकर ही सीखते हैं।

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यूपी बोर्ड:अब क्रिप्टो करंसी, ड्रोन टेक्नोलॉजी पढ़ेंगे छात्र

नौ से 12 तक के कम्प्यूटर का कोर्स जारी किया, थ्रीडी प्रिंटिंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग व इंटरनेट ऑफ थिंग्स शामिल

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। यूपी बोर्ड के विद्यार्थी अब क्रिप्टो करंसी और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे टॉपिक भी पढ़ेंगे। बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कक्षा नौ से 12 तक के पाठ्यक्रम को संशोधित करते हुए वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।यूपी बोर्ड के 28 हजार से अधिक स्कूलों में कम्प्यूटर का जो पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है वह बोर्ड के विशेषज्ञ तय करते हैं। कम्प्यूटर में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की ओर से निर्धारित पाठ्यक्रम की पढ़ाई नहीं होती। बोर्ड के विशेषज्ञों ने कक्षा 11 व 12 में प्रोग्रामिंग और कोडिंग में पाइथन व जावा जैसे टॉपिक को शामिल किया है।पहले एचटीएमएल और सी प्लस प्लस की पढ़ाई होती थी जो अब चलन में नहीं रह गई है। कक्षा 12 में कोर जावा, रोबोटिक्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है। वहीं कक्षा 11 में पाइथन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अलावा ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, डिजिटल क्रिप्टो करंसी, आंग्मेंटेड एवं वर्चुअल रियलिटी का परिचय, इंटरनेट ऑफ थिंक्स, थ्रीडी प्रिंटिंग और क्लाउड कम्प्यूटिंग को भी शामिल किया है। पहले कम्प्यूटर की पीढ़ी, इतिहास, प्रकार जैसे विषय पढ़ाए जाते थे जिसके प्रति छात्र-छात्राओं में उदासीनता थी। अब इन्हें बाहर कर दिया गया है।कक्षा दस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा के तहत हैकिंग, फिशिंग और साइबर फ्रॉड से बचने की जानकारी दी जाएगी। ई-गवर्नेंस की भी पढ़ाई होगी। कक्षा नौ में हाईस्कूल के अधिकतर टॉपिक को शामिल कर दिया गया है। प्रोगामिंग तकनीक, कम्प्यूटर कम्युनिकेशन और नेटवर्क जो पहले 10वीं में पढ़ाया जाता था, अब नौंवीं के छात्र पढ़ेंगे।

यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक के कम्प्यूटर विषय के पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। बच्चों को अब क्रिप्टो करंसी, ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हैकिंग, फिशिंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसे आधुनिक टॉपिक पढ़ाया जाएगा। इससे छात्र आधुनिक समय की आवश्यकता के अनुसार तैयार होंगे।

-बिश्वनाथ मिश्र, कम्प्यूटर शिक्षक, शिवचरणदास कन्हैयालाल इंटर कॉलेज

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सुविधा:स्कूल-यात्री बसों में फायर अलार्म अनिवार्य 

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्र सरकार ने स्कूली बसों और सार्वजनिक परिवहन सेवा की बसों में फायर अलार्म एंड प्रोटेक्टशन सिस्टम (एफएपीएस) लगाने का फैसला किया है। इसके तहत पहली अक्तूबर से सड़कों पर दौड़ने वाली बसों में उक्त अग्निरोधी सुरक्षा उपकरण लगाना अनिवार्य होगा।सरकार के इस फैसले से करोड़ों स्कूली बच्चों और सड़क यात्रियों का सफर सुरक्षित हो सकेगा। बसों में आग लगने से यात्रियों की मौत की बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने इस बाबत 28 अप्रैल को अंतिम अधिसूचना जारी कर दी है।मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, स्कूली बसों और सार्वजनिक परिवहन की बसों (टाइप-3) में एफएपीएस लगाने के लिए 2022 से प्रयास किए जा रहे थे। एक अक्तूबर व उसके पश्चात की नई बसों में उक्त उपकरण लगाना अनिवार्य होगा।

धुएं के साथ काम करेगा सिस्टम

यह उपकरण बस में धुआं उठने पर अलार्म बजाने के साथ ही आग बुझाना शुरू कर देगा। सरकार ने इंजन गरम होने या शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिए उपकरण लगाने की व्यवस्था की थी। पर यह सिर्फ बस के इंजन तक सीमित था।

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संस्कृत स्कूलों में मानदेय पर भर्ती होंगे 2100 शिक्षक

अजीत कुमार लखनऊ। प्रदेश के हर मण्डलों में खुलने जा रहे आवासीय संस्कृत विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की बहाली होने तक मानदेय पर 2100 अध्यापक रखे जाएंगे। पढ़ाई में किसी प्रकार का व्यवधान न हो इसके लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों की भी सेवा लेने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही अभी संविदा पर तैनात 1700 संस्कृत शिक्षकों का पुनचयन किया जाएगा।संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के माध्यम से होगी। परिषद ही अब शिक्षकों के शिक्षण कार्य से जुड़े कार्यों से लेकर उनकी समस्याओं के निराकरण का भी कार्य करेगी। अब तक की व्यवस्था के अनुसार संस्कृत विद्यालयों के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से शिक्षकों की भर्ती होती रही है। इसमें काफी समय लगने की आशंका है लिहाजा सरकार अब संस्कृत विद्यालयों के लिए नियुक्ति की जिम्मेदारी संस्कृत शिक्षा परिषद को देना चाहती है। इसमें भी एक पेंच फंसा है। परिषद को अधिकार देने के लिए कैबिनेट से निर्णय करा कर दोनों सदनों से पास करना होगा। इस प्रक्रिया में भी वक्त तो लगेगा। ऐसे में नया रास्ता निकाला गया है कि नए विद्यालयों के प्रारभ्म होने से पहले मानदेय पर शिक्षकों को रखा जाए।

संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति के अलावा जो शिक्षक 31 मार्च तक संविदा पर थे, उनकी संविदा के नवीनीकरण के भी प्रस्ताव कैबिनेट में भेजे गए हैं। आचार संहिता समाप्त होने के बाद मानदेय व संविदा पर नियुक्ति शुरू होगी। -जितेन्द्र प्रताप सिंह, सदस्य-उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद

1246 संस्कृत विद्यालय

● संस्कृत विद्यालयों में 973 एडेड और 2 राजकीय विद्यालय हैं।

● सभी 2000 से पूर्व संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से सम्बद्ध थे।

● वर्ष 2000 में उप्र संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन हुआ।

● संस्कृत विद्यालयों को परिषद से सम्बद्ध कर दिया गया।

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सीधी भर्ती का कटऑफ जारी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सरकारी विभागों में 13 प्रकार की सीधी भर्ती के कटऑफ अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। अभ्यर्थी नौ मई तक अनुक्रमांक, जन्मतिथि के आधार पर कटऑफ और प्राप्तांक देख सकते हैं।

सीधी भर्ती के 33 पदों पर साक्षात्कार जल्द

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में सरकारी विभागों में सीधी भर्ती के 33 पदों पर साक्षात्कार मई के तीसरे सप्ताह में होंगे। चिकित्सा शिक्षा विभाग में सहायक आचार्य एनेस्थीसियोलॉजी के 12 और पीडियाट्रिक्स के 18 पदों पर साक्षात्कार होने हैं। इसके अलावा राज्य नियोजन संस्थान में शोध अधिकारी (अभियंत्रण) के तीन पदों पर इंटरव्यू भी तीसरे सप्ताह में होंगे।

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राज्य विवि मंडल के चार कॉलेजों पर आर्थिक दंड तय 

सामूहिक नकल के मामले में परीक्षा समिति ने लिया निर्णय

प्रयागराज, संवाददाता। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) राज्य विश्वविद्यालय परीक्षा में नकल पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। 25 अप्रैल से चल रही स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा के दौरान मंडल के चार कॉलेजों पर सामूहिक नकल की कार्रवाई हो चुकी है। बीते एक मई को हुई परीक्षा समिति की बैठक में प्रथम दृष्टया चारों कॉलेजों के खिलाफ आर्थिक दंड तय करते हुए तीन वर्ष के लिए परीक्षा से डिबार करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही परीक्षार्थी को न्यूनतम एक वर्ष के लिए डिबार किए जाने की तैयारी है। सूत्रों की माने तो सामूहिक नकल में शामिल कॉलेजों पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बीते दिनों धनराज महाविद्यालय में 300, परमानंद महाविद्यालय में 82 और बलराम महाविद्यालय में 290 परीक्षार्थियों के खिलाफ सामूहिक के तहत कार्रवाई की गई है। 30 अप्रैल को द्वितीय पाली की परीक्षा के दौरान बासदेव सिंह महिला महाविद्यालय तरवाई मेजा पर सामूहिक नकल के तहत कार्रवाई की गई थी। बासदेव सिंह महिला महाविद्यालय में बीएससी भौतिक एवं वनस्पति विज्ञान विषयों के 338 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए थे। अब तक की परीक्षा में तकरीबन 700 छात्र-छात्राओं के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।

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छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी के छापे जारी 

लखनऊ। छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी की छापेमारी शुक्रवार को भी जारी रही। ईडी को एक तरफ जहां घोटाले के आरोपी हाइजिया एजूकेशनल ग्रुप के तीसरे संचालक की तलाश है, वहीं इस ग्रुप के लिए ‘लायजनिंग’ करने वाले एक शख्स को भी ढूंढा जा रहा है। इस बीच गुरुवार को छापों में बरामद दस्तावेजों की भी जांच चल रही है।ईडी ने हाइजिया एजूकेशनल ग्रुप व एसएस इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट तथा फर्रुखाबाद के ओपी गुप्ता कॉलेज में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच तेज कर दी है। गुरुवार को ईडी ने इन तीनों संस्थानों और उनके संचालकों के दोबारा छापा मारा था। इससे पहले 15 फरवरी को भी इन तीनों संस्थानों पर छापेमारी हुई थी। हाइजिया ग्रुप के दो संचालकों इज़हार व अली अब्बास को कस्टडी रिमांड पर लेकर ईडी की टीमें पूछताछ कर रही हैं।

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डायट की विसंगतियों पर महानिदेशक सख्त, कहा दुरुस्त रखें सारे कामकाज 

प्रमुख संवाददाता, लखनऊ। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में व्याप्त गड़बड़ियों को लेकर स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनन्द ने प्रदेश के सभी डायट के प्राचार्य एवं टीम को कड़ा पत्र भेजा है। साथ ही चेतावनी भी जारी की है। स्थानीय निकाय चुनाव में श्रावस्ती में चुनाव ड्यूटी करने गए विजय किरण आनन्द ने वहां के डायट का निरीक्षण किया और वहां व्याप्त कई कमियों पर नाराजगी व्यक्त की। महानिदेशक ने स्वयं किए गए निरीक्षण का हवाला देते हुए सभी प्राचार्यों व टीम को लिखा है कि श्रावस्ती में निरीक्षण के दौरान अनेक विसंगतियां पाई गईं। संभवत आपके जिले में भी इस तरह की विसंगतियां प्रर्दशित हो रही होंगी।कार्यक्रमों को तय समय में पूरा करने को कहा डीएल-एड प्रशिक्षुओं की कम उपस्थिति कदापि स्वीकार्य नहीं है। इसके साथ ही उच्च कोटि का कक्षा प्रबंधन किया जाय। डायट मेंटर्स द्वारा कक्षाओं के संचालन में विभिन्न पद्धतियों पर चर्चा की जाए। इसके लिये पूर्व में प्रेषित टीचर कंपेंडियम में वर्णित पद्धतियां प्रयोग में लाई जाएं। दीक्षा पर उपलब्ध उच्च कोटि के वीडियो के साथ ही स्मार्टक्लास व्यवस्था का बेहतर संचालन एवं उपयोग किया जाए। गणित, विज्ञान , अंग्रेजी आदि विषयों पर ऑनलाइन डिजिटल कंटेंट (यूट्यूब )उपलब्ध हैं, उसका उपयोग करते हुए शिक्षण पद्धतियों में सुधारात्मक कार्यवाही की जाए।

अवमुक्त राशियों के उपयोग करने के निर्देश

अवस्थापना सुविधाओं के लिये जो धनराशि अवमुक्त की गई थी और इसके अतिरिक्त गतिविधियों में प्रोग्राम एक्टिविटी में धनराशि अवमुक्त की गई थी, उसका शत प्रतिशत उपभोग नहीं हुआ है। इस सम्बन्ध में निर्देशित किया जाता है कि कमिटेड लायबिलिटी को तत्काल राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी) को प्रेषित कर अनुमोदन प्राप्त करें। अवस्थापना सुविधाओं में पेयजल , शौचालय, कक्षाओं का संचालन , टायलीकरण , फर्नीचर , कंप्यूटर की व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान किया जाय।

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आयोग के कारण लटकी प्रोफेसर भर्ती 

प्रयागराज। प्रदेश में सभी स्तर की शिक्षक भर्तियों के लिए राज्य सरकार एक आयोग बनाने की तैयारी में है। इसका मसौदा कैबिनेट से पास हो गया है।यही वजह है कि सरकार उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में सदस्यों के रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं कर रही है। पद रिक्त होने के कारण सहायक प्रोफेसर के 907 पदों पर भर्ती अटकी है। इसे लेकर अभ्यर्थी हाईकोर्ट की शरण में है। आयोग की ओर से कहा गया कि 2014 के उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग नियमावली के अंतर्गत कम से कम तीन सदस्यों का होना आवश्यक है इसलिए चयन प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पा रही है।

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हर भर्ती के परिणाम से पहले मांगेंगे अभ्यर्थन वापसी

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग हर भर्ती से पहले अभ्यर्थन वापसी की सहमति मांगेगा ताकि कम से कम सीटें खाली रहें। कई बार ऐसा होता है कि पहले से सेवारत चयनित अभ्यर्थी कार्यभार ग्रहण नहीं करते। इसके अलावा एक भर्ती में चयन के बाद उससे अधिक वेतनमान के पद पर चयन के बाद ज्वाइन नहीं करते। इन कारणों से चयन के बावजूद पद खाली रह जाते हैं जिन पर किसी अन्य अभ्यर्थी का चयन हो सकता है। ऐसे में आयोग ने यह प्रक्रिया शुरू की है। पीसीएस से पहले अभ्यर्थन वापसी के आवेदन मांगे गए थे। राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक 2018 और प्रवक्ता 2020 भर्ती में भी अभ्यर्थन वापसी के लिए आवेदन मांगे जा चुके हैं।

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सभी मंडलों में होंगे उच्च शिक्षा के कार्यालय

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सभी मंडलों में क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को भेजा जा चुका है। इसके अलावा लखनऊ और आगरा में कैंप कार्यालय भी खोलने की तैयारी चल रही है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के आठ क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर, बरेली, झांसी, आगरा, लखनऊ व कानपुर में संचालित हैं।इनके माध्यम से महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की समस्याओं का समुचित समाधान नहीं हो पा रहा। इन्हें बार-बार शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में मंडल मुख्यालयों स्तर पर उच्च शिक्षा विभाग का कार्यालय खोलने की बात चल रही है। प्रदेश के 18 में से दस बचे हुए मंडलों में ये कार्यालय खुलेंगे।

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शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर कर भुगतान का निर्देश

प्रयागराज। विधि संवाददाता इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर स्थित श्री महंत रामाश्रय दास पीजी कॉलेज के शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर कर सप्ताह भर में भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया सप्ताह भर में पूरी नहीं होती है तो अगली सुनवाई पर कॉलेज के प्राचार्य और प्रबंधक कोर्ट में हाजिर हों। कोर्ट ने पीजी कॉलेज संचालित करने वाली सोसाइटी के अगले चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल का निर्धारण करने के लिए वैध सदस्यों की सूची भी तलब की है।यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने श्री महंत रामाश्रय दास पीजी कॉलेज व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में प्रबंधक की ओर से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि वह सोसाइटी के तहत चयनित प्रबंधक है। शिक्षकों के वेतन के वितरण के लिए 75 फीसदी राशि बैंक में भेज दी गई है। 25 फीसदी राशि विसंगतियों के कारण नहीं भेजी जा सकी है। उसे संशोधित करने के लिए प्राचार्य के पास भेजा गया है।इस पर कोर्ट ने कॉलेज के प्राचार्य को संशोधित वेतन बिल प्रबंधक के पास भेजने का निर्देश दिया है। साथ ही प्रबंधक से वेतन बिल को उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। ऐसा नहीं होने पर प्राचार्य और प्रबंधक अगली सुनवाई पर हाजिर रहेंगे। कोर्ट ने सरकारी वकील से कॉलेज प्रबंधन सोसायटी के वैध सदस्यों की सूची भी अगली सुनवाई पर पेश करने को कहा है।

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अब एक क्लिक पर छात्रों का डाटा होगा

लखनऊ। कक्षा एक से लेकर 12 वीं तक किसी भी बोर्ड से पढ़ने वाली छात्रा का सम्पूर्ण विवरण एक क्लिक पर अब माध्यमिक शिक्षा परिषद के पास होगा यूपी बोर्ड समेत केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई), काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सीआईएससीई संस्कृत विद्यालय, खेल विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यालयों को यू-डायस प्लस में बच्चों की सम्पूर्ण प्रोफाइल भरनी होगी। यू-डायस प्लस पर स्टूडेंट प्रोफाइल भी डेटा हुँट्री के लिए महानिदेशक स्कूल की सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य को निर्देश दिए जा चुके हैं।स्टूडेंट प्रोफाइल डेटा के अन्तर्गत स्कूल प्रबंधन को 30 बिन्दुओं का प्रारूप भेजा गया है। जिसमें बच्चे का नाम, जन्मतिथि, पता, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, कक्षा, आधार कार्ड संख्या, स्टूडेंटकाड, अभिभावक का मोबाइल नम्बर, ईमेल, जाति, वर्ग समेत कई जानकारियां देनी होंगी।जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश पाण्डेय ने कहा कि बच्चों का विवरण भरे जाने की प्रक्रिया जारी है।

2021-22 का डेटा, हर साल अपडेट होगा

यू-डायस प्लस पर बच्चों का डेटा स्कूल प्रबंधन को 2021-22 से देना होगा। बच्चों का सम्पूर्ण विवरण शासन के पास होगा। जिससे उनके लिए योजनाएं संचालित करने में आसानी होगी। एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय जाने पर छात्र का रिकार्ड मौजूद रहेगा। कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थियों के विवरण भरे जाने के बाद | प्रत्येक छात्र की एक यूनीक आईडी बनेगी।

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विभागीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में फिसड्डी चल रहे 5 जिलों का निरीक्षण करेगी स्कूल महानिदेशालय के विशेषज्ञों की टीम

प्रमुख संवाददाता-लखनऊ बेसिक शिक्षा से संबंधित कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में प्रदेश में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पांच जिलों में स्कूल महानिदेशालय अपने अफसरों की टीम भेजने जा रहा है। ये राज्य स्तरीय टीमें सरकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों का पता लगाएगी। अगर दिक्कतें मानव निर्मित हैं तो इसके जिम्मेदार शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों को दण्डित करने की संस्तुति करेंगी और अगर ये दिक्कतें किसी तकनीकी कारणों से आ रही है तो उसे दूर कराएगी। टीमों को अलग-अलग तिथियों में अलग-अलग जिलों में पहुंचना है।एक टीम 8 मई को सीतापुर जाएगी जबकि दूसरी 9 मई हरदोई का दौरा करेगी। एक अन्य टीम 11 मई को बस्ती का दौरा करेगी जबकि एक अन्य टीम 18 से 19 मई के बीच बलिया और फिर आजमगढ़ जाएगी। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनन्द ने इन टीमों को निर्देश दिए हैं कि वे पूरी तैयारियों के साथ उन्हें सौपें गए जिलों का दौरा करें और जिले में संचालित स्कूली कार्यक्रम और गतिविधियों की समीक्षा करें। समीक्षा में उजागर होने वाली खामियों को दूर करने के उपाय बताएं। टीमों को कहा गया है कि वे वापस लौटरी 25 मई से पूर्व अपनी रिपोर्ट महानिदेशालय को सौंप दें ताकि इस माह के अन्त तक इस मामले में महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा स

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तनावग्रस्त डॉक्टर, कर्मचारियों की पहचान करेगा केजीएमयू

हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ केजीएमयू में डॉक्टर, मेडिकल छात्र और कर्मचारियों की मानसिक स्थिति की जांच कर काउंसलिंग की जाएगी। इससे समय पर डॉक्टर, कर्मचारियों को तनाव और अवसाद से उबारा जा सकेगा और जरूरत पर मुक्कमल इलाज हो सकेगा। संबंधित व्यक्ति के काम का दबाव भी घटाया जा सकेगा। इस संबंध में केजीएमयू प्रशासन ने मानसिक स्वास्थ्य विभाग अध्यक्ष को पत्र लिखा है। सभी की चरणबद्ध तरीके से साइक्रेट्रिक काउंसलिंग कराई जाएगी।केजीएमयू में करीब 500 डॉक्टर और 2200 नियमित टेक्नीशियन,कर्मचारी हैं। इसके अलावा नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ और 800 से अधिक जूनियर-सीनियर रेजिडेंट हैं। प्रशासन का कहना है कि केजीएमयू में प्रदेश भर से मरीज आ रहे हैं। रोजाना ओपीडी में छह से सात हजार मरीज आ रहे हैं। 4500 बेड हैं, जो बेड भरे रहते हैं। 200 से ज्यादा आईसीयू बेड हैं, जिनमें गंभीर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। इलाज के दौरान मरीजों की सांसें भी थम रही है। इससे डॉक्टर और कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। कोविड में भी कई साथी और परिवार के सदस्यों को खोया। यह घटनाएं चिंता का विषय है। ऐसे में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, डॉक्टर और रेजिडेन्टों की विभागवार साइक्रेट्रिक काउंसलिंग की जरूरत है। 10 दिन के भीतर समय सारिणी तैयार होगा। प्रथम चरण में प्रशासनिक कार्यालय में तैनात कार्मिकों की काउंसिलिंग होगी।

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पीजीआई में 200 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू

हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ पीजीआई में नौकरी पाने की आस में बैठे युवाओं के लिए खुशखबरी है। बड़ी संख्या में पीजीआई में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। डॉक्टर से लेकर टेक्नीशियन और दूसरे संवर्ग के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती शुरू की गई है। अधिकारियों ने दो से तीन माह में भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने का दावा किया है।पीजीआई में बड़ी संख्या में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग और अन्य श्रेणी के कर्मचारियों के पद खाली थी।एक साल के दौरान दो बाद पीजीआई भर्ती का अभियान चला चुका है। निदेशक डॉ. आरके धीमन के मुताबिक पहले 450 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था। इसमें 252 नर्सिंग और बाकी टेक्नीशियन के पद थे। ये सभी पद भरे गए। उसके बाद 905 नर्सिंग ऑफिसर के खाली पद भरे गए। अब तीसरी बार में करीब 200 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है।डॉ. आरके धीमन ने बताया कि मेडिकल सुपरीटेंडेंट,ज्वाइंट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन के पद के लिए विज्ञापन निकाला गया है। प्रतिनियुक्ति के आधार पर तैनाती होगी। अभी इन पदों की जिम्मेदारी संस्थान के डॉक्टर निभा रहे हैं। इनके आने से दोनों डॉक्टर मरीजों के इलाज में सहयोग कर सकेंगे। इसके अलावा 13 गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है। इसमें डायलिसिस, ओटी, रेडियोथेरेपी टेक्नीशियन, न्यूक्लीयर मेडिसिन, ऑप्थैलमिक, परफ्यूजनिस्ट, डेंटल टेक्नीशियन, जूनियर फिजियोथेरेपिस्ट, जूनियर ऑकोपेशनल थेरेपिस्ट, न्यूरो ऑटोलॉजी समेत अन्य पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया है। परीक्षा के आधार पर भर्ती होगी। उन्होंने बताया कि पीजीआई की वेबसाइट पर भर्ती संबंधी जानकारी अपलोड है। निदेशक डॉ. आरके धीमन ने बताया कि कैंसर संस्थान में फैकल्टी के 97 खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। डॉक्टरों से आवेदन जमा हो गए हैं। जल्दी स्क्रीनिंग कर साक्षात्कार के आधार पर भर्ती होगी।

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय : पीजी में सीट के दोगुने हुए रजिस्ट्रेशन

प्रयागराज, संवादाता।इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों के शैक्षिक सत्र 2023-24 में परास्नातक में दाखिले के लिए 25 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन चल रहे हैं। शुक्रवार तक दाखिले के लिए सीट से दोगुने रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. जेके पति ने बताया कि 18136 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं। इसमें से 6460 अभ्यर्थियों ने फीस जमा कर अंतिम रूप से फार्म सबमिट कर दिए हैं। पंजीकरण और आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 16 मई तय की गई है।छात्र-छात्राएं https://aupravesh2023.cbtexam.in/ के माध्यम से या विश्वविद्यालय की वेबसाइट (www.allduniv.ac.in) पर उपलब्ध पीजीएटी- 2023 लिंक पर क्लिक कर पंजीकरण करा सकते हैं। जून के पहले सप्ताह से प्रवेश परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। अंतिम सप्ताह तक परिणाम घोषित किए जाएंगे। काउंसिलिंग जुलाई के दूसरे सप्ताह से शुरू होगी। पीजीएटी की कुल 9467 सीटों (विश्वविद्यालय परिसर में 4203 और घटक कॉलेजों में 5264) पर प्रवेश होगा। पीजीएटी-1 के तहत एलएलबी, एलएलएम एमकॉम, एमए समेत 32 पाठ्यक्रमों में प्रवेश होगा। वहीं, पीजीएटी-2 के तहत बीएड, एमएड, एमबीए, एमबीएआरडी सहित 24 पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जाएगा

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अब दे सकेंगे मनपसंद प्रश्नपत्र की ऑनलाइन परीक्षा

प्रयागराज, संवाददाता।उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले अथवा अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। विश्वविद्यालय अपने छात्रों को स्वयं पोर्टल की सुविधा प्रदान कर रहा है। इससे 12 क्षेत्रीय केंद्रों से जुड़े प्रदेश के 1300 से अधिक अध्ययन केंद्रों पर पढ़ाई करने वाले 60 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं लाभाविंत होंगे।छात्र पंजीकृत पाठ्यक्रम के मनपसंद पेपर की पढ़ाई इस पोर्टल पर ऑनलाइन मोड में कर सकेंगे। पेपर की पढ़ाई पूरी पर होने पर वह स्वयं पोर्टल पर ही ऑनलाइन परीक्षा में दे सकेगा। मिले अंक की जानकारी छात्र को विश्वविद्यालय को देना होगा। इस क्रेडिट को मुक्त विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग स्वीकार कर कोर्स में शामिल कर देगा। हालांकि पाठ्यक्रम के अतिरिक्त विषय की भी पढ़ाई छात्र स्वयं पोर्टल पर कर सकेंगे, पर इस गैर विषय की परीक्षा का क्रेडिट छात्र के अंकपत्र में नहीं जोड़ा जाएगा।

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ऐलान:कोरोना का आपातकाल समाप्त

जेनेवा, एजेंसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को ऐलान किया कि कोविड-19 अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं रहा। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कभी खत्म न होने वाले लॉकडाउन, दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में गिरावट और कम से कम 70 लाख लोगों की जान लेने वाली यह महामारी अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं रही।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयीसस ने कहा डब्ल्यूएचओ की स्वतंत्र आपातकालीन समिति ने कोविड मामले पर अपनी 15वीं बैठक में इस बात पर मुहर लगाई कि अब यह बीमारी उतनी खतरनाक नहीं रही। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि यह अब वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं रह गई।कुछ देशों में इस महामारी के मामले बढ़ने को लेकर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भले ही आपातकाल का दौर खत्म हो गया था, लेकिन इसका वायरस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था। यूएन की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि अभी भी हर सप्ताह हजारों लोग वायरस के कारण मौत का शिकार हो रहे हैं।यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने पहली बार 30 जनवरी 2020 को कोरोना को अंतरराष्ट्रीय महामारी घोषित किया था। तब तक इसे कोविड-19 नाम नहीं दिया गया था और चीन में भी इससे भारी तबाही नहीं हुई थी। तीन साल से भी अधिक समय के दौरान इस वायरस की वजह से पूरी दुनिया में 76.4 करोड़ लोग संक्रमित हुए और करीब 5 अरब लोगों ने टीके की कम से कम एक डोज जरूर ली थी। घेब्रेसीयस ने यह भी कहा कि कोविड-19 का यह वायरस खत्म नहीं हुआ है और सभी देशों को दूसरी बीमारियों के साथ इसके नए वैरिएंट के खिलाफ लड़ते रहना होगा।

ये भी जानें

● 30 जनवरी 2020 को डब्ल्यूएचओ ने अंतरराष्ट्रीय महामारी घोषित किया

● 2019 के दिसंबर में चीन के वूहान में वायरस की मौजूदगी का पता चला

● 24 मार्च 2020 को भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन

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