आरओ/एआरओ के पदों पर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन
2602 अभ्यर्थी प्रत्येक पद के लिए दावेदार
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। समीक्षा अधिकारी (आरओ) के 334 और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) के 77 यानी कुल 411 पदों के लिए 10,69,725 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। स्पष्ट है कि प्रत्येक पद पर 2600 से अधिक दावेदार मैदान में हैं। यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को आरओ/एआरओ भर्ती के लिए इतनी बड़ी संख्या में आवेदन मिले हैं। आवेदकों की बड़ी संख्या का मुख्य कारण यह है कि आरओ के लिए केवल स्नातक पास ही आवेदन के योग्य थे।लंबे समय से शिक्षक समेत दूसरी भर्ती नहीं आने के कारण स्नातक पास युवाओं ने इस भर्ती में अपनी किस्मत आजमाने के लिए आवेदन कर दिया। समीक्षा अधिकारी के 334 पदों में से 322 उत्तर प्रदेश सचिवालय, नौ लोक सेवा आयोग और तीन पद राजस्व परिषद में हैं। एआरओ के लिए डोएक का ओ-लेवल प्रमाणपत्र अथवा इसके समकक्ष अर्हता और हिन्दी टंकण में न्यूनतम पच्चीस शब्द प्रति मिनट की गति अनिवार्य होने के कारण इसमें कम आवेदन हुए हैं।आरओ/एआरओ की लिखित परीक्षा फरवरी में संभावित है। क्योंकि सात जनवरी को अपर निजी सचिव (एपीएस) की लिखित परीक्षा प्रस्तावित है। यूपीपीएससी ने 2021 के बाद इस साल आरओ/एआरओ की भर्ती निकाली है। ऑनलाइन आवेदन नौ अक्तूबर से नौ नवंबर तक मांगे गए थे, लेकिन वन टाइम रजिस्ट्रेशन में आ रही दिक्कत को देखते हुए आवेदन की अंतिम तिथि 24 नवंबर तक बढ़ा दी गई थी।आरओ/एआरओ के लिए 11,07,212 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था जिनमें से 10,69,919 ने फीस जमा की और 10,69,725 अभ्यर्थियों ने अंतिम रूप से फॉर्म जमा किया। इसमें प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर मुख्य परीक्षा में प्रवेश के लिए रिक्तियों के 15 गुना अभ्यर्थी सफल घोषित किए जाएंगे। प्रारंभिक परीक्षा प्रयागराज, लखनऊ, आगरा, अयोध्या, आजमगढ़, गाजियाबाद, गोरखपुर, मेरठ, ग्रेटर नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) समेत प्रदेश के 40 जिलों में कराई जाएगी।
पीसीएस से डेढ़ गुनी आरओ-एआरओ में भीड़
इतने अधिक आवेदन तो आयोग की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) में भी नहीं होते। पीसीएस 2019 में 544664, 2020 में 595696, 2021 में 691173 व 2022 में 603536 जबकि पीसीएस 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 565659 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
एलटी ग्रेड भर्ती से भी ज्यादा आवेदक
2018 में हुई सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) यानी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में सबसे अधिक 763317 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। हालांकि इस भर्ती में एलटी ग्रेड शिक्षकों के कुल 10768 पद थे। पदों और आवेदकों की संख्या के लिहाज से यह आयोग की सबसे बड़ी भर्ती थी लेकिन आरओ-एआरओ की इस भर्ती ने आवेदकों की संख्या का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्ति का विरोध
प्रयागराज। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्त करने के विरोध में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने मंगलवार को जिला विद्यालय कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर सीएम को संबोधित ज्ञापन डीआईओएस पीएन सिंह को सौंपा। मंडलीय मंत्री अनुज कुमार पांडेय, मंडल अध्यक्ष रमेश चन्द्र शुक्ला व जिलाध्यक्ष राम प्रकाश पांडेय ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को न्याय दिलाने के लिए एक दिसंबर को शिक्षा निदेशक कार्यालय लखनऊ में धरना देंगे।
परिषदीय स्कूलों के बच्चों का मूल्यांकन शुरू
प्रयागराज। निपुण भारत मिशन के तहत एआरपी के चयनित विद्यालय एवं शिक्षक संकुल विद्यालयों का आंकलन मंगलवार से शुरू हो गया। डायट प्राचार्य राजेंद्र प्रताप के निर्देशन में जिले के 1983 परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से तीन तक के छात्र-छात्राओं का भाषा एवं गणित का निपुण किया जाएगा। पहले दिन डीएलएड प्रशिक्षुओं की 75 टीमों ने जसरा, शंकरगढ़, कौंधियारा, प्रतापपुर आदि विकासखंडों में 152 परिषदीय विद्यालयों में निपुण आंकलन किया।
फर्जी पेंशन खाते खोलकर करोड़ों का गबन, लेखाकार समेत 5 पर रिपोर्ट
लखनऊ, संवाददाता। फर्जी पेंशन खाते खोलकर कलेक्ट्रेट कोषागार (ट्रेजरी) में तैनात महिला लेखाकार (एकाउंटेंट) ने 1.42 करोड़ रुपये पार कर दिए। अपने रिश्तेदारों के नाम फर्जी पीपीओ खाते खोले और वर्षों से पारिवारिक पेंशन जारी करती रही। पेंशन फाइल में जीवन प्रमाण पत्र गायब मिलने पर जांच हुई तो गबन का खुलासा हुआ। कोषाधिकारी राहुल सिंह ने लेखाकार रेणुका राम समेत पांच के खिलाफ कैसरबाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।डालीगंज कुतुबपुर निवासी रेणुका राम पत्नी अनिल कुमार 27 मार्च 1998 से लेखाकार पद पर तैनात हैं। मूलरूप से सिद्धार्थनगर के नौगढ़ निवासी रेणुका जवाहर भवन स्थित कोषागार से सम्बद्ध हैं। 15 सितंबर 2014 को रेणुका को पंजाब नेशनल बैंक में जाने वाली पेंशन की जिम्मेदारी सौंपी गई। फिर 20 जून 2017 से इण्डियन ओवरसीज बैंक से जुड़े पेंशन मामलों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। सक्षम अधिकारी के पद पर रहते हुए रेणुका ने फर्जी कागजों के आधार पर पेंशन पेमेंट ऑर्डर तैयार किए। कैसरबाग खटिकाना निवासी विशाल, गुलभी और रामरती के साथ ही कैसरबाग मोहल्ला पीरजलील निवासी प्रतींद्र कश्यप के खातों में पेंशन और पारिवारिक पेंशन के मद में करीब एक करोड़ 42 लाख 39 हजार रुपये जमा कराए गए।कोषाधिकारी राहुल सिंह ने विशाल के जीवन प्रमाण पत्र की रिपोर्ट मांगी तो पता चला कि पेंशन की तो कोई फाइल ही नहीं बनी है। इसके बाद जांच में पता चला कि विशाल के नाम से दो पेंशन जा रही थी। पेंशन खाते में दर्ज पते पर इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। विभागीय जांच हुई तो पता चला कि रेणुका कुमार विशाल की चचेरी मौसी हैं। वह मूलत महाराजगंज के मिश्रौलिया का रहने वाला है। गुलाभी देवी विशाल की मां और रामरती नानी हैं।
एनपीएस घोटाले की होगी एसआईटी जांच
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। शिक्षा विभाग में एनपीएस घोटाले की समयबद्ध एसआईटी जांच होगी।विधान परिषद में मंगलवार को नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष को आश्वस्त करते हुए यह जानकारी दी कि इस मामले में सरकार गंभीर है। निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने एसआईटी जांच के आदेश कर दिए हैं। न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत एडेड माध्यमिक शिक्षकों की धनराशि कटौती का पैसा उनकी जानकारी के बिना निजी कंपनियों में निवेश करने का मुद्दा शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने विधान परिषद में उठाया। उन्होंने कहा कि दो दर्जन से ज्यादा जिलों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। शिक्षक समुदाय अपनी गाढ़ी कमाई से हुई कटौती की खुली लूट से बेबस है। शिक्षा विभाग में आजादी के बाद इससे बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने समयबद्ध जांच कराने की मांग की। सभापति ने कहा कि एसआईटी पूरी और गहन जांच ही करेगी।
निवेश व रोजगार को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच नोकझोंक
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। विधान परिषद में इंवेस्टर्स समिट के लिए गमला खरीद के मामले में हुए कथित घोटाले का मामला उठाते हुए सपा सदस्य आशुतोष सिन्हा ने सरकार को घेरने की कोशिश की।
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 19,058 एमओयू हुए थे, जिनमें 33.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे जो अब बढ़कर 38.50 लाख करोड़ से अधिक तक पहुंच गया है। इस पर सवाल के विषयान्तर का आरोप लगाते हुए सपा के अन्य सदस्य भी कई पूरक प्रश्न करने लगे जिससे दोनो पक्षों के बीच कुछ समय तक सवाल-जवाब होता रहा। इस पर सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सरकार को निर्देश दिए कि वह इस बारे में जांच कर सदन को जानकारी उपलब्ध करा दे।
लखनऊ विश्वविद्यालय को प्रथम श्रेणी का दर्जा मिला, बढ़ेंगी सुविधाएं
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ लखनऊ विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन के बाद फिर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे प्रथम श्रेणी विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है। यह गौरव हासिल करने वाला एलयू प्रदेश का पहला विवि बन गया है। इससे विवि अब कई तरह के शैक्षणिक निर्णय खुद ले सकेगा। इसके लिए यूजीसी से अनुमति नहीं लेनी होगी।कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि एलयू राज्य का पहला विश्वविद्यालय बना, जिसे नैक ए डबल प्लस मिला। एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 101-150 संस्थान में जगह बनाई। टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड व एशिया और क्यूएस एशिया रैंकिंग में प्रवेश प्राप्त किया है। इसी के चलते एलयू को प्रथम श्रेणी की उपलब्धि मिली है। इसके बाद अब एलयू को कई शैक्षणिक गतिविधियों के लिए यूजीसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। कई अन्य लाभ भी होंगे। उन्होंने बताया कि प्रथम श्रेणी होने से यूजीसी स्तर पर अधिक स्वायत्तता और कम औपचारिकताएं करनी होंगी।
एलयू: दीक्षांत सप्ताह का आगाज, हर विभाग की दिखी सहभागिता
आधे दर्जन से ज्यादा विभागों में प्रतियोगिताएं व व्याख्यान हुए
लखनऊ, संवाददाता।एलयू के 66वें दीक्षांत समारोह के मद्देनजर मंगलवार से दीक्षांत सप्ताह की शुरूआत हुई। पहले दिन शारीरिक शिक्षा, समाज कार्य, जैव रसायन, वाणिज्य समेत आधे दर्जन विभागों की ओर से प्रतियोगिताएं, व्याख्यान और कार्यशालाएं आयोजित किए गए।लखनऊ विश्वविद्यालय में दीक्षांत सप्ताह के तहत शारीरिक शिक्षा विभाग की ओर से पांच दिवसीय खेल प्रतियोगिता इनट्रामयूरल का उद्घाटन प्रति कुलपति प्रो. अरविंद अवस्थी ने किया। इस दौरान बीपीएड व एमपीएड के सभी विद्यार्थियों ने मार्च पास्ट किया। सुबह छह बजे से शिवाजी मैदान पर वॉलीबाल प्रतियोगिता हुई। फाइनल मैच सैयद अली हाउस ने जीता। विशिष्ट अतिथि डॉ. ओपी शुक्ला, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रूपेश कुमार समेत कई शिक्षक व छात्र उपस्थित रहे।
अवध के इतिहास पर बात की
मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग ने एपी सेन सभागार में ‘द रीजन ऑफ अवध: फ्रॉम शरकीस टू द कॉलोनियल टाइम्स पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस.जेड.एच. जाफरी ने अवध के इतिहास पर बात करते हुए 1857 के विप्लव और उसके परिणामों पर विस्तार से जानकारी दी। विभागाध्यक्षा प्रोफेसर शमा महमूद सहित लगभग 300 लोगों की सहभागिता रही।
बाजार की मांग के अनुसार खुद को करें तैयार
समाज कार्य विभाग ने समाज कार्य व्यवसाय: चुनौतियां एवं अवसर पर व्याख्यान रखा। दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क के पूर्व विभागाध्यक्ष व प्रोफेसर संजय भट्ट ने कहा कि आज के समय में समाज कार्य के क्षेत्र में कार्य करने के बहुत अधिक अवसर है मगर कई चुनौतियां भी हैं। हमें अपनी निपुणता में वृद्धि करनी होगी और बाजार की मांग के अनुसार आने को तैयार करना होगा। विभागाध्यक्ष प्रो. अनूप कुमार भारतीय, प्रो. राज कुमार सिंह समेत कई अन्य मौजूद रहे।
म्यूजिकल चेयर में डॉ. मधु, अर्पिता जीती
वाणिज्य विभाग में खो-खो मैच और म्यूजिकल चेयर का आयोजन हुआ। विभागाध्यक्ष प्रो. राम मिलन ने बताया कि सत्र 2021-22 व 2022-23 के शोधार्थियों ने खो-खो प्रतियोगिता में भाग लिया। सत्र 2022-23 के शोधार्थी विजेता रहे। वहीं शिक्षकों व शोधार्थियों ने म्यूजिकल चेयर में प्रतिभाग किया। शिक्षकों में म्यूजिकल चेयर की विजेता डॉ. मधु भाटिया और शोधार्थियों से अर्पिता सिंह रहीं।
नर्सिंग भर्ती परीक्षा के बाद पेपर वायरल, जांच शुरू
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ केजीएमयू में नर्सिंग भर्ती परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में वायरल होने की सूचना से हड़कंप मच गया है। केजीएमयू प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच कमेटी गठित कर दी है। हालांकि जांच कमेटी को सोशल मीडिया में प्रश्न पत्र वायरल होने जैसे कोई सुबूत अभी तक नहीं मिले हैं।केजीएमयू में बीते रविवार को नर्सिंग के करीब 1200 पदों के लिए परीक्षा हुई। इसमें करीब 55 हजार अभ्यर्थियों ने प्रदेश के पांच जिलों आगरा, ग्रेटर नोएडा, प्रयागराज, गोरखपुर और लखनऊ के 134 केंद्रों पर परीक्षा दी। सोमवार को प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में वायरल होने की शिकायत मिली। हालांकि, परीक्षा में गड़बड़ी का केजीएमयू प्रशासन ने खंडन किया है। प्रशासन का दावा है कि परीक्षा कड़े पहरे में हुई है। किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि नर्सिंग परीक्षा खत्म होने के बाद कुछ लोगों ने प्रश्न पत्र व्हाट्सऐप पर वायरल होने की अफवाह उड़ाई थी। इस मामले को केजीएमयू प्रशासन ने गंभीरता से लिया। जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई। अभी किसी भी प्रकार के तथ्य सामने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। शिकायत की पुष्टि के बाद विधिक कार्रवाई कराने से भी केजीएमयू प्रशासन गुरेज नहीं करेगा।
रिजल्ट इसी सप्ताह
डॉ. सुधीर ने कहा कि नर्सिंग की भर्ती परीक्षा का परिणाम इसी सप्ताह के अंत तक आने की उम्मीद है। उसके बाद शैक्षिक व अनुभव प्रमाण-पत्रों की जांच होगी। उसके बाद नियुक्तिपत्र वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विद्यार्थियों को जानना चाहिए कि दादी-नानी के नुस्खे
लखनऊ, कार्यालय संवाददाता।भाषा विश्वविद्यालय में मंगलवार को आयुर्वेद का जीवनशैली और उद्यमिता में भूमिका विषय पर कार्यशाला हुई। विश्वविद्यालय, विज्ञान भारती शक्ति और नस्य की ओर से हुई कार्यशाला में विद्यार्थियों को आयुर्वेद के बारे में विस्तार से बताया गया।मुख्य वक्ता एस्ट्रोलॉजर और फिजिशियन डॉ. प्रीति मिश्रा ने विद्यार्थियों को आयुर्वेद के सभी आयामो से अवगत कराया और ये समझाया कि कैसे जीवनशैली इससे प्रभावित होती हैं। उन्होंने कहा कि हम दवा की तरह कैसे उपयोग कर सकते हैं। डॉ. आशीष जैसवाल ने विद्यार्थियों को व्यवसाय में आयुर्वेद की जगह और इसके नए स्तर से अवगत कराया। उन्होंने कहा आयुर्वेद चिकित्सा नहीं जीवनशैली है जो आपको जीवनयापन में भी सहायता करता है। विद्यार्थियों से संवाद करते हुए दोनों वक्ताओं ने उनके सभी प्रश्नों का जवाब दिया और इससे विद्यार्थियों के आयुर्वेद का ज्ञानवर्धन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रो. एहतेशाम अहमद ने कहा आयुर्वेद हमारे साथ बरसों से है। उन्होंने कहा कि हमें जरूर जानना चाहिए कि दादी नानी के नुस्खे कैसे काम करते हैं। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. ममता शुक्ला तथा प्रो संजीव त्रिवेदी ने किया।
2.88 लाख अभ्यर्थियों ने दी कैट 2023 परीक्षा, अब आंसर की और रिजल्ट की बारी
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ ने बताया कि मैनेजमेंट कोर्सों में दाखले के लिए होने वाले कॉमन एडमिट टेस्ट (CAT 2023) परीक्षा के लिए करीब 3.28 लाख अभ्यर्थियो ने रजिस्ट्रेशन कराया था। लेकिन 88 फीसदी लोगों ने कैट परीक्षा में भाग लिया। यानी करीब 2.88 लाख अभ्यर्थियो ने भाग लिया। बिजनस स्कूलों में दाखिले को हुई इस परीक्षा का आयोजन 26 नवंबर को तीन पालियों में देशभर के 167 शहरों में बने 375 केंद्रों किया गया है। यह परीक्षा आम अभ्यर्थियों के लिए 120 मिनट की थी, जबकि दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 160 मिनट का समय दिया गया था।सीएटी 2023 परीक्षा में कुल 66 प्रश्न पूछे गए थे, जहां 24 प्रश्न सेक्शन-I या वर्बल एबिलिटी और गद्यखंड पर आधारित थे, सेक्शन-II में 20 प्रश्न थे। इस खंड में डेट इंटरप्रिटेशन और लॉजिकल रीजनिंग (DILR) और सेक्शन-III में गणनात्मक क्षमता से जुड़े 22 प्रश्न थे।आईआईएम कैट 2023 की परीक्षा होने के बाद अब इस परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को प्रोविजनल आंसर की व रिजल्ट का इंतजार है। उम्मीद है कि जल्द ही आईआईएम की वेबसाइट iimcat.ac.in पर आंसर की व कैट रिजल्ट 2023 के बारे में अपडेट मिलेगा।कैट 2023 की आंसर की जारी करने के बाद आईआईएम लखनऊ अभ्यर्थियों से परीक्षा में पूछे गए प्रश्न या उनके विकल्पों को लेकर आपत्तियां मांगेगा। आपत्तियों पर विचार करने के बाद फाइनल आंसर की और रिजल्ट तैयार किया जाएगा। रिजल्ट तैयार होने के बाद प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित होगा।आईआईएम सीएटी 2023 परीक्षा में कटऑफ के बराबर या इससे ज्यादा स्कोर हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को बिजनेस स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा।
दो साल से स्कूल गए बिना वेतन ले रहा था शिक्षक
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज गांधी शांति निकेतन इंटर कॉलेज गौहनिया (जसरा) के संबद्ध प्राइमरी स्कूल में कार्यरत सहायक अध्यापक चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी दो साल से स्कूल पहुंचे बगैर वेतन ले रहे हैं। मंडलीय उप शिक्षा निदेशक आरएन विश्वकर्मा ने मंगलवार दोपहर 2:30 बजे स्कूल का निरीक्षण किया तो उपस्थिति पंजिका पर अक्तूबर और नवंबर में शिक्षक के हस्ताक्षर नहीं थे।प्रधानाचार्य से पूछने पर पता चला कि उक्त शिक्षक लगभग दो साल से स्कूल में उपस्थित नहीं होते और न ही उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर करते हैं। उनको वेतन मिल रहा है। अक्तूबर से पहले की उपस्थिति पंजिका प्रबंधक के पास है। इस पर उप शिक्षा निदेशक ने नवंबर महीने का वेतन रोकते हुए प्रबंधक से दो साल का रजिस्टर तलब किया है।वहीं उपस्थिति पंजिका पर प्रवक्ता लालमणि मिश्रा के 25 व 28 नवंबर को हस्ताक्षर नहीं मिले और न ही उपस्थित थे। उनसे भी जवाब तलब किया गया है। ब्वॉयज इंटर कॉलेज सीओडी छिवकी में प्रधान लिपिक ज्ञानेश्वर प्रसाद एवं परिचारक मनोज कुमार बगैर सूचना अनुपस्थित थे। राजकीय अभिनव विद्यालय दांदूपुर चाका में शिक्षिका गरिमा उपाध्याय ने छात्रों की उपस्थिति/अनुपस्थिति दर्ज नहीं की थी। इसके अलावा उप शिक्षा निदेशक को राम प्रसाद एकेडमी इंटर कॉलेज गोविन्दपुरम कॉलोनी नैनी, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दांदूपुर चाका में सभी कक्षाएं चलती मिलीं।
रेलवे में हिंदी का प्रयोग बढ़ा, अब आदेश भी जारी होने लगे
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज संसदीय राजभाषा समिति की दूसरी उप समिति की संयोजक सांसद रीता बहुगुणा जोशी की अध्यक्षता में मंगलवार को महाप्रबंधक कार्यालय समेत अन्य कार्यालयों में राजभाषा के प्रगति प्रसार की निरीक्षण बैठक हुई। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सतीश कुमार ने सरकारी कार्यों में हिंदी का और अधिक प्रयोग करने की बात कही। यह भी बताया कि स्टेशन मास्टर और संरक्षा से जुड़े कर्मचारियों को सभी आदेश, निर्देश और परिपत्र हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है। यात्रियों से संबंधित सूचना बोर्ड, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड इत्यादि पर हिंदी और अंग्रेजी में प्रसारित की जा रही है। इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक हिमांशु बडोनी ने हिंदी का और अधिक प्रयोग बढ़ाने का आश्वासन दिया। बैठक में सांसद सुशील कुमार गुप्ता, मुख्य राजभाषा अधिकारी मनीष कुमार गुप्ता, मुख्य वाणिज्य प्रबंधक अनुमणि त्रिपाठी, महाप्रबंधक के सचिव अजय सिंह, अपर मंडल रेल प्रबंधक नवीन प्रकाश, उप मुख्य राजभाषा अधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, रेलवे बोर्ड के कार्यपालक निदेशक सुधीर कुमार, निदेशक राजभाषा रेलवे बोर्ड डॉ. बरुण कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।
राज्य विवि : परीक्षाएं शुरू, तीन केंद्रों में सामूहिक नकल का शक
प्रयागराज प्रमुख संवाददाता प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय के सत्र 2023-24 की विषम सेमेस्टर की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गईं। शुचितापूर्ण एवं नकलविहीन परीक्षा के लिए कुलपति डॉ. अखिलेश सिंह एवं परीक्षा नियंत्रक संजय कुमार ने तीन परीक्षा केद्रों स्व. नन्द किशोर सिंह पीजी कॉलेज, धनुहां चाका नैनी, सर्वेश्वरी पीजी कॉलेज, धनुहां चाका नैनी एवं एसएन सेवा संस्थान गर्ल्स डिग्री कॉलेज नैनी का औचक निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान तीनों केन्द्रों पर अव्यवस्थाएं एवं परीक्षाओं की शुचिता प्रभावित किए जाने की आशंका मिली। ऐसे में तीनों परीक्षा केन्द्रों के प्रकरण को मंगलवार को यूएफएम कमेटी/परीक्षा समिति को संदर्भित कर दिया गया। इसके अलावा आठ परीक्षा केन्द्रों के सीसीटीवी कैमरे विश्वविद्यालय के कंट्रोल रूम से नहीं जुड़ने के कारण संबंधित केन्द्रों को नोटिस जारी किया गया है।विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अविनाश कुमार श्रीवास्तव के अनुसार भविष्य में पुनरावृत्ति होने पर सामूहिक नकल के तहत कार्यवाही की जाएगी। अन्य परीक्षा केन्द्रों से किसी प्रकार की शिकायत या अव्यवस्था का मामला सामने नहीं आया है। कुलपति ने साफ किया है कि परीक्षा शुरू होने के पहले नकलविहीन एवं शुचितापूर्ण परीक्षा के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। मंगलवार को पहली पाली में 63053 तथा दूसरी पाली में 41076 विद्यार्थियों की परीक्षाएं कराई गई।
चुनाव से पहले करें पेंशन पर विचार, नहीं तो कर्मचारी करेंगे प्रहार
प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद पुरानी पेंशन बहाली के लिए हर मंच पर लड़ने को तैयार है। मंगलवार को परिषद के सदस्यों ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन बहाली की मांग रखी है। प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सदस्यों ने स्पष्ट किया कि पुरानी पेंशन के मुद्दे पर पिछले दिनों मतदान कराया जा चुका है। स्ट्राइक बैलेट के समर्थन में 96 फीसदी कर्मचारियों ने वोट किया है। ऐसे में अब हड़ताल अंतिम विकल्प है। हड़ताल से पूर्व राष्ट्रव्यापी बैठक में तारीख तय होगी और इसके बाद सरकार को 14 दिन का नोटिस देकर हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।संयोजक आरडी यादव ने बताया कि पिछले दिनों 26 विभागों का समर्थन मिल गया। इसके साथ ही रेलवे के एनसीआर जोन में कुल 61646 सदस्यों के सापेक्ष 59575 सदस्यों ने हड़ताल के पक्ष में मतदान किया। स्पष्ट है कि 96 फीसदी लोग महाहड़ताल के पक्ष में हैं तो हड़ताल अंतिम विकल्प है। कर्मचारियों ने राज्य सरकार से आह्वान किया कि 2024 के पूर्व अगर पुरानी पेंशन बहाली न की गई तो कर्मचारी वोट पर चोट के नारे के साथ काम करेंगे। इस हड़ताल में देश के सभी संगठन शामिल होंगे। साथ ही दूसरे संगठनों से इस प्रमुख मुद्दे पर एक मंच पर आने का आह्वान किया गया है। संचालक विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि सांसद-विधायक एक नहीं चार-चार पेंशन ले रहे हैं और कर्मचारियों के लिए पेंशन नहीं है। ऐसे में अब हड़ताल ही विकल्प है। हम कर्मचारी सरकार से अनुरोध करते हैं कि पुरानी पेंशन बहाल करें, नहीं तो हड़ताल का रास्ता चुना जाएगा।
12वीं तक के विद्यार्थियों का संग्रहालय में नहीं लगेगा टिकट
प्रयागराज, संवाददाता।इलाहाबाद संग्रहालय ने छात्र-छात्राओं को बड़ा तोहफा दिया है। अब 12वीं तक विद्यार्थियों को प्रवेश टिकट नहीं लेना पड़ेगा। साथ ही समूह में भ्रमण के लिए आने वाले विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों का भी प्रवेश टिकट नहीं लगेगा। यह निर्णय 25 सितंबर को प्रदेश की राज्यपाल व इलाहाबाद संग्रहालय समिति की अध्यक्ष आनंदी बेन पटेल के साथ हुई कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया था।संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद के अनुसार विद्यार्थिंयों के लिए प्रवेश शुल्क खत्म करने के साथ सभी दर्शकों के लिए संग्रहालय की वीथिकाओं में मोबाइल से फोटो खींचना नि:शुल्क कर दिया गया है। पहले मोबाइल से फोटो खींचने का शुल्क 100 रुपये था लेकिन कैमरे से फोटोग्राफी करने व वीडियो बनाने पर 200 रुपये शुल्क लगेगा। समूह के अलावा एकल रूप से आने वाले विद्यार्थी यदि स्कूल के ड्रेस में होंगे और उनके पास स्कूल का परिचय पत्र रहेगा तभी प्रवेश टिकट नहीं लगेगा।संग्रहालय के प्रदर्शनी सभागार को भी अब निर्धारित शुल्क देकर किराये पर लिया जा सकता है। अभी तक 5 से 18 साल तक बच्चों का प्रवेश शुल्क 20 रुपये था। संग्रहालय की 16 वीथिकाओं में इस समय 70 हजार से अधिक कृलाकृतियों, चित्रों, ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रह है। साथ ही देश की पहली डिजिटल आजाद गैलरी भी दर्शकों को लुभा रही है। आजाद गैलरी में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े 150 वर्षों की ऐतिहासिक, राजनीतिक और क्रांतिकारी घटनाओं को तथ्यों के साथ प्रदर्शित किया गया है।
एक अंक देकर नियुक्ति पत्र जारी करें
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में दाखिल अवमानना याचिकाओं को निस्तारित करते हुए सभी 15 याचियों को एक अंक देते हुए दो माह में नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका दाखिल करने वाले सभी 2249 अभ्यर्थियों को भी इस आदेश का लाभ मिलेगा। इसके लिए मेरिट तैयार कर कटऑफ में आने पर इन 15 याचियों के साथ अन्य अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति दी जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतिम कटऑफ के अनुसार याची कटऑफ में आते हैं तो आज की तारीख से दो माह के भीतर प्रकिया पूर्ण कर नियुक्ति प्रदान की जाए।यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उपेंद्र कुमार दयाल, अलका दुबे एवं अन्य कई अभ्यर्थियों अवमानना याचिकाओं पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी व राहुल मिश्र, सरकारी वकील और बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता को सुनकर दिया है। कोर्ट ने कहा कि दो माह में नियुक्ति न दिए जाने पर याचियों को आदेश का रिकॉल कराने की छूट रहेगी। कोर्ट ने 25 अगस्त 2021 के आदेश का अनुपालन न करने पर स्पष्टीकरण के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी को तलब किया था। इस आदेश के अनुपालन में दोनों अधिकारी मंगलवार को कोर्ट में पेश हुए।सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने कोर्ट में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताया कि 26 नवंबर को उप सचिव प्रदेश शासन ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को शासनादेश भेजा है, जिसमें अवमानना याचिकाओं में शामिल 15 याचियों को एक अंक देते हुए सूची सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भेजने का निर्देश दिया गया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से सूची परिषद को भेज दी गई है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से भी व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर कहा गया कि अन्य अभ्यर्थियों को भी एक अंक देकर रिकॉर्ड 15 दिन के भीतर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भेज देंगे।
पुरानी पेंशन को कभी भी हड़ताल संभावित
वाराणसी। जिले में कार्यरत केंद्र व राज्य सरकार के 90 फीसदी कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए हड़ताल के समर्थक हैं। उन्होंने गुप्त मतदान में अपनी राय रखी है। वे नये साल के पहले कभी भी हड़ताल पर जा सकते हैं।यह जानकारी मंगलवार को कचहरी स्थित कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ भवन कार्यालय में पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मंच के संयोजक शशिकान्त श्रीवास्तव ने दी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मंच ने तीनों तहसील, आठों ब्लॉक के सभी विभागों के कर्मचारियों से स्वेच्छा से समर्थन पत्र भरवाया। विभिन्न विभागों के साथ ही विश्वविद्यालयों के शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी हड़ताल के पक्ष में हैं। हड़ताल की तारीख तय करने के लिए मंडल अध्यक्ष दिवाकर द्विवेदी जल्द ही लखनऊ जाएंगे। लखनऊ में वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी।शशिकांत श्रीवास्तव ने कहा कि नई पेंशन व्यवस्था कर्मचारियों के हित में नहीं है। पुरानी व्यवस्था में सेवानिवृत्ति पर 50 फीसदी धनराशि पेंशन में मिलती है जबकि नई योजना में तीन से चार रुपये प्रतिमाह कर्मचारियों के साथ मजाक है। मंच के जिला मंत्री श्यामराज यादव व नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के मंडल सचिव सुनील सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन ही बुढ़ापे की लाठी का सहारा थी। अब कर्मचारी आर-पार के मूड में हैं। सरकारों को कर्मचारियों के हित में फैसला लेना ही होगा।इस दौरान केन्द्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के सचिव सुभाष शाह, मंडल मंत्री दीपेन्द्र श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेन्द्र पाण्डेय, दिनेश सिंह, अमित श्रीवास्तव, धीरज श्रीवास्तव, गीतांजलि राणा, सुधांशु सिंह, अतुल सिंह, मान सिंह, योगेश सिंह, बृजेश यादव, प्रणव मिश्र, कौशलेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
बलरामपुर में डॉक्टर ने मृत बता बच्चे को बेचा, दो गिरफ्तार
बलरामपुर, संवाददाता। बलरामपुर के पचपेड़वा के नर्सिंग होम में गर्भवती पुष्पा देवी का ऑपरेशन के बाद बच्चे को मृत बताकर को बेचने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने पीड़ित मां की तहरीर पर अस्पताल के चिकित्सक समेत दो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।दूसरी ओर मुखबिर की सूचना पर जिला सिद्धार्थनगर के बढ़नी नगर पंचायत के सभासद के घर से नवजात को बरामद कर महिला को सौंप दिया गया है। आरोपी सभासद नेपाल भाग गया है। पुलिस घटना की छानबीन कर रही है। मामला 29 अक्तूबर का है।
अवैध रूप से संचालित हो रहा था मिशन हास्पिटल
जिले में अवैध नर्सिंग होमों पर शिकंजा नहीं कसा जा पा रहा है। जिस मिशन हास्पिटल में बच्चे को बेचने की घटना सामने आई है वह अवैध रूप से संचालित हो रहा था। इसका रजिस्ट्रेशन भी सीएमओ कार्यालय में नहीं है। नर्सिंग होम के नोडल व अपर सीएमओ डा. जय प्रकाश ने बताया कि इसके पूर्व भी मिशन हास्पिटल एवं जच्चा बच्चा केन्द्र पर अनियमितता की शिकायतें मिली थीं। कई माह पूर्व उसे रजिस्ट्रेशन कराने की हिदायत दी गई थी। बावजूद इसके संचालक रजिस्ट्रेशन न कराकर अवैध रूप से इसका संचालन कर रहा था। यह बड़ी घटना है।
गलत आदेश पर शिक्षिका संपूर्ण वेतन की हकदार
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि बीएसए की ओर से जारी गलत आदेश के कारण सहायक अध्यापिका को कार्य न करने दिया गया हो तो वह संपूर्ण वेतन की हकदार होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल ने झांसी में तैनात सहायक अध्यापिका नेहा पटेल की याचिका पर अधिवक्ता रजत ऐरन, राजकुमार सिंह एवं ऋषि श्रीवास्तव को सुनकर दिया है।याची के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि याची ने चित्रकूट से झांसी अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का आवेदन किया था। याची ने अपने पति की असाध्य बीमारी से पीड़ित होने के साथ उनके सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक होने के भारांक का लाभ भी लिया था। झांसी में ज्वाइनिंग के बाद एक माह से अधिक कार्य लेने के बावजूद बेसिक शिक्षा अधिकारी, झांसी ने याची के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण को निरस्त करते हुए वापस चित्रकूट ज्वाइन करने के लिए कार्यमुक्त कर द
बहरिया की प्रधानाचार्य कन्नौज की बीएसए बनीं
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में मंगलवार को बीएसए स्तर के पांच अधिकारियों का तबादला कर दिया गया।प्रयागराज स्थित राजकीय मॉडल इंटर कालेज, कमलानगर बहरिया की प्रधानाचार्य उपासना रानी वर्मा को कन्नौज की बेसिक शिक्षा अधिकारी बनाया गया है। हरदोई में डायट में तैनात वरिष्ठ प्रवक्ता राम प्रवेश को लखनऊ का नया बेसिक शिक्षा अधिकारी बनाया गया है जबकि गौतमबुद्धनगर में डायट में तैनात वरिष्ठ प्रवक्ता राहुल पवार को गौतमबुद्धनगर का नया बीएसए बनाया गया है। बाराबंकी में डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता हरिकेश यादव ललितपुर के बीएसए बनाये गये हैं जबकि ललितपुर के बीएसए रामपाल को ललितपुर में ही डायट प्रवक्ता के पद पर भेजा गया है।
सूरत-ए-हाल : दस दिन में डिजिटल हाजिरी, सवा साल में समायोजन नहीं कर पाए
लखनऊ।बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली भी अजब-गजब है। टैबलेट से शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी तो मात्र दस दिन में लागू हो गई, लेकिन जिले के अंदर तबादले और समायोजन का आदेश सवा साल बाद भी नहीं हो सका है।महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने दस नवंबर को डिजिटल हाजिरी का आदेश जारी किया था। 20 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बाराबंकी, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव व श्रावस्ती में डिजिटल उपस्थिति पंजिका पर हाजिरी लगने लगी। एक दिसंबर से यह व्यवस्था पूरे प्रदेश के 1.50 लाख से अधिक स्कूलों में लागू हो जाएगी। डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था लागू होने के बाद पांच मिनट की देरी पर भी जवाबदेही तय होगी। इस बीच परिषदीय स्कूल के शिक्षकों का जिले के अंदर सवा साल बाद भी स्थानान्तरण और समायोजन न होने से नाराजगी बढ़ने लगी है। पिछले साल 27 जुलाई 2022 को जब स्थानान्तरण और समायोजन के लिए शासनादेश जारी हुआ था तो शिक्षकों को उम्मीद जगी कि रोजाना 70-80 किलोमीटर दूरी के चक्कर लगाने से थोड़ी राहत मिलेगी।शासनादेश के अनुसार जिलों में सरप्लस शिक्षकों को चिह्नित करते हुए आरटीई के अनुसार आवश्यकता वाले स्कूलों में भेजना था। इसके लिए दस दिन में पोर्टल खुलना था, लेकिन बार-बार शासनादेश में परिवर्तन और शिक्षकों के डेटा संशोधन के नाम पर प्रक्रिया सवा साल से लटकी हुई है। जबकि अध्यापक तैनाती नियमावली के अनुसार जिले के अंदर पिछड़े ब्लॉक में तैनाती के पांच वर्ष पूरा करने वाले पुरुष व दो वर्ष पूरे करने वाली शिक्षिकाओं का तबादला होना चाहिए।
‘हाजिरी डिजिटल, रास्ते क्रिटिकल’ टैग से अभियान
डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था लागू होने के बाद से परिषदीय शिक्षकों में बेचैनी है। फेसबुक पर उपस्थिति हो जाएगी डिजिटल, रास्ते वही क्रिटिकल नाम से अभियान चलाकर रास्तों की दुश्वारियां साझा कर रहे हैं।
जिले के अंदर शिक्षकों के 2017 से लंबित ओपन ट्रांसफर को जल्द शुरू करना चाहिए। ऑनलाइन हाजिरी के पूर्व सरकार को शिक्षकों के गृह ब्लॉक या उसके आसपास तैनाती देनी चाहिए। नियमावली के अनुसार पति-पत्नी यानी दंपति शिक्षक को एक ब्लॉक में तैनात करना चाहिए। -अनिल राजभर, गणित/विज्ञान शिक्षक
कैबिनेट के फैसले: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली को मंजूरी
शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को सर्च कमेटी चुनेगी
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगी इन पदों पर चयन के लिए सर्च कमेटी
तीन राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना से संबंधित विधेयक का मसौदा तैयार
लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षकों की भर्ती के लिए गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली को मंजूरी दे दी गई। नियमावली के अनुसार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का चयन एक सर्च कमेटी द्वारा किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। सूचीबद्ध किए गए अभ्यर्थियों की सूची मुख्यमंत्री के पास अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी। इसके साथ ही तीन मंडलों में राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए नया विधेयक लाने पर सहमति बन गई।
चार उप सचिव भी तैनात करेगी सरकार
नियमावली में यह प्रावधान किया गया है कि आयोग में एक सचिव, एक परीक्षा नियंत्रक, एक वित्त नियंत्रक, न्यायिक सेवा के एक विधि अधिकारी, एक वित्त एवं लेखा अधिकारी तथा आउटसोर्स से एक कम्प्यूटर एवं आईटी समन्वयक नियुक्त होंगे। चार उप सचिव राज्य सरकार द्वारा प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किए जाएंगे, जिनका कार्यकाल तीन साल से अधिक नहीं होगा। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सभी पूर्णकालिक कर्मचारी आयोग में समाहित कर दिए जाएंगे। नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसके अध्यक्ष एवं सदस्य के 10 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। नियमावली में आयोग के कामकाज व उसके अधिकारों तथा अध्यक्ष एवं सदस्यों की योग्यता एवं उनके अधिकारों का वर्णन किया गया है। आयोग को बेसिक, माध्यमिक, उच्च, एवं व्यवसायिक शिक्षा से संबंधित शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार दिया गया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज और उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज को इस नए आयोग में समाहित कर दिया जाएगा।
विधानमंडल सत्र में पेश होंगे विधेयक
कैबिनेट ने देवीपाटन मंडल, विंध्याचल मंडल और मुरादाबाद मंडल में एक-एक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश 2023 के स्थान पर राज्य विधानमंडल में प्रतिस्थानी विधेयक पेश करने का निर्णय लिया। तीनों विधेयक इसी सत्र में ही विधानमंडल में पेश कर दिया जाएगा। कैबिनेट ने लखनऊ में निजी क्षेत्र में एसआर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आशय पत्र जारी करने की मंजूरी दे दी। शाहजहांपुर में वरुण अर्जुन विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित विधेयक पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।