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गोंडा : अवध संस्कृति उत्कर्ष समिति ने विधायक करनैलगंज को सौंपा ज्ञापन — विधायक अजय कुमार सिंह बोले, “करनैलगंज का नाम शीघ्र ही होगा सूकर खेत”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलकर होगी आगे की पहल

परसपुर ( गोंडा ) : अवध संस्कृति उत्कर्ष समिति भारत के प्रतिनिधिमंडल ने करनैलगंज के माननीय विधायक श्री अजय कुमार सिंह से भेंट कर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं जनभावनाओं से जुड़े विषय “करनैलगंज का नाम परिवर्तन” के संबंध में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि करनैलगंज का नाम अंग्रेज़ी शासनकाल में सन् 1853 में तत्कालीन ब्रिटिश अधिकारी कर्नल विंग फील्ड के नाम पर रखा गया था। यह नाम न तो इस क्षेत्र की ऐतिहासिक गरिमा से मेल खाता है और न ही भौगोलिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से उपयुक्त है। समिति ने कहा कि यह भूमि प्राचीन काल से “सूकर खेत” के नाम से प्रसिद्ध रही है, जिसकी सांस्कृतिक विरासत, पौराणिक परंपरा और धार्मिक महत्व सर्वविदित हैं। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि सूकर खेत का उल्लेख स्थानीय लोककथाओं, पुरातात्त्विक साक्ष्यों तथा लोकजीवन में आज भी जीवंत रूप से मिलता है। ऐसे में करनैलगंज नाम इस पावन भूमि की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान के अनुरूप नहीं है। स्थानीय जनता भी सर्वसम्मति से इस नाम को “सूकर खेत” के रूप में पुनः स्थापित करने की मांग कर रही है। माननीय विधायक अजय कुमार सिंह ने समिति की भावनाओं का सम्मान करते हुए ज्ञापन को अनुमोदित किया और आश्वासन दिया कि वे शीघ्र ही माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भेंट कर इस प्रस्ताव को प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि — “यह केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, आस्था और अस्मिता की पुनर्स्थापना का कार्य है।” ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में अवध संस्कृति उत्कर्ष समिति भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व निजी सचिव गृह राज्य मंत्री भारत सरकार श्री राजेश सिंह, डॉ. संत शरण त्रिपाठी ‘संत’, कोषाध्यक्ष श्री नारायण तिवारी, केंद्रीय प्रतिनिधि श्री सुनील कुमार सिंह तथा आदर्श तिवारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश कुमार सिंह ने कहा कि अवध की सांस्कृतिक अस्मिता को पुनर्जीवित करना संस्था का मूल उद्देश्य है। “सूकर खेत” नाम केवल एक भू-भाग की पहचान नहीं, बल्कि अवध की गौरवशाली परंपरा और भारतीय संस्कृति की जड़ों का प्रतीक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी निश्चित ही जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस ऐतिहासिक निर्णय को शीघ्र मूर्त रूप देंगे।

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