गोण्डा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के तहत रविवार को 520 मोबाइल वेटनरी यूनिट को अपने सरकारी आवास से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इन मोबाइल यूनिट की लागत 201 करोड़ है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर काफी गंभीर है। इसी को लेकर प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। सभी वेटरनरी यूनिट को पांच जोन में बांटा गया है। मुख्यमंत्री जी ने पशुपालन विभाग की हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1962 की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि कोई भी किसान हेल्पलाइन नंबर पर अपनी समस्या दर्ज करा कर पशु उपचार हेतु निशुल्क सुविधा प्राप्त कर सकता है।
इस अवसर पर पशुपालन, डेयरी अमर और मत्स्य पालन विभाग के केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला व पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह भी चौधरी मौजूद रहे। इस पूरे कार्यक्रम का एनआईसी सभागार में जिलाधिकारी डॉ उज्ज्वल कुमार, अपर जिलाधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व उनकी पूरी टीम द्वारा देखा गया। इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा दो वेटरनरी यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उन्होंने सीवीओ को पशुविभाग के हेल्पलाइन नंबर 1962 के प्रचार प्रसार कराने के निर्देश दिए।
इसके बाद जिलाधिकारी दुल्लापुर निकट कटहाघाट में पशु आरोग्य मेला में पहुंचे और पशुपालन विभाग द्वारा लगाए गये स्टालों का निरीक्षण किया व आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
क्षेत्र में पशुओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के प्रयास में शहर के जिलाधिकारी ने कल राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से एक मोबाइल पशु चिकित्सा वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया।
वैन, सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित है और अनुभवी पशु चिकित्सकों द्वारा स्टाफ किया गया है, दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में जानवरों की जरूरतों को पूरा करेगा जहां पशु चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच सीमित है। वैन सभी प्रकार के घरेलू और कृषि पशुओं के लिए चिकित्सा सहायता, टीकाकरण और उपचार प्रदान करेगी।
फ्लैग-ऑफ समारोह के दौरान जिलाधिकारी ने पशुओं को समय पर और उचित चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने अर्थव्यवस्था में जानवरों की भूमिका पर जोर दिया और जनता से उनकी देखभाल और सम्मान के साथ व्यवहार करने का आग्रह किया।
उन्होंने आगे कहा कि यह पहल सभी जानवरों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम है। जिलाधिकारी ने परियोजना में सहयोग के लिए एनआईसी को भी धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि वैन का सदुपयोग किया जाएगा।
मोबाइल पशु चिकित्सा वैन का प्रबंधन समर्पित पशु चिकित्सकों की एक टीम द्वारा किया जाएगा जो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे। इस पहल का पशु प्रेमियों और कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है जिन्होंने जानवरों के कल्याण में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की है।
कुल मिलाकर, यह पहल पशुओं की भलाई सुनिश्चित करने और पशु स्वास्थ्य देखभाल के महत्व के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।