गाजियाबाद मर्डर केस विरलतम श्रेणी होने के नाते मौत की सजा।
तीन पीढ़ियों के सात लोगों की गला काटकर हत्या करने वाले को सजा-ए-मौत, कोर्ट ने की कठोर टिप्पणी
Ghaziabad Murder: उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे गाजियाबाद में वर्ष 2013 में हुए सामूहिक हत्याकांड मामले में कोर्ट ने हत्यारोपी को सजा-ए-मौत दी है। इस दौरान कोर्ट ने हत्यारोपी द्वारा किए जघन्य अपराध के लिए कठोर टिप्पणी भी की।
आपको बता दें कि एक आरोपित ने परिवार के सात लोगों की चाकू से गला काट कर निर्मम हत्या कर दी थी। उसने तीन पीढ़ियों को खत्म कर दिया था।
नई बस्ती में हुई थी सामूहिक हत्याकांड का वारदात
जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद की नई बस्ती स्थित अनाज मंडी में 21 मई वर्ष 2013 को निर्मम हत्याकांड हुआ था। राहुल वर्मा (30 वर्ष) जो कि कारोबारी का ड्राइवर था ने कारोबारी सतीश गोयल के परिवार में सात लोगों की हत्या की थी। मरने वालों में तीन मासूम बच्चे भी शामिल थे। सतीश गोयल के अन्य परिवार वालों ने बताया कि तीन पीढ़ियों को खत्म कर दिया गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया था। तभी से मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की आदालत में चल रही थी
कोर्ट ने कहा-राहुल वर्मा, तुम्हें मृत्युदंड दिया जाता है
सोमवार को इस हत्याकांड में फैसला सुनाया गया। न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान हत्यारोपी के खिलाफ कठोर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह विरल से विरलतम श्रेणी का अपराध है। छुरे से परिवार के सात लोगों की गला काटकर हत्या कर दी गई। इनमें तीन मासूम बच्चे भी शामिल थे। कोर्ट ने इस दौरान कहा, ‘राहुल वर्मा, तुम्हें इस गुनाह के लिए मृत्युदंड दिया जाता है’। इसके बाद पुलिस राहुल को ले गई
डीएनए टेस्ट के साथ ये थे अहम साक्ष्य
जानकारी के मुताबिक इस हत्याकांड का कोई भी चश्मदीद नहीं था। इस दौरान पुलिस को मिले मजबूत साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को सजा दिलाई गई। आरोपी के डीएनए टेस्ट से साफ हुआ था कि हत्याकांड राहुल ने किया था। इसके अलावा बरामद छुरी, सिगरेट का टुकड़ा, पंजे का निशान, खून से सने कपड़े और लूटे गए गहनों की बरामदगी अहम साक्ष्य रहे