पंजाब में वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह की तलाश सोमवार को तीसरे दिन भी जारी है। पुलिस को अमृतपाल के जालंधर में छिपे होने की आशंका है। जिले के सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर नाकाबंदी कर दी गई है। अमृतपाल के गांव जल्लूखेड़ा में भी फोर्स तैनात है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल से लगी पंजाब की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है।
अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर ने रविवार देर रात पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। 1 लाख कैश और पिस्टल भी बरामद हुई। पुलिस ने अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार किया है।
अमृतपाल को अदालत में पेश करने के लिए वारिस पंजाब दे के कानूनी सलाहकार इमान सिंह खारा ने रविवार को हाईकोर्ट में अपील की। जस्टिस एनएस शिखावत के आवास हुई सुनवाई के बाद पंजाब सरकार से 21 मार्च तक जवाब मांगा गया है।
पुलिस ने 2 खुलासे किए
1. फाइनेंसर कलसी को मिला विदेशी फंड
पुलिस सूत्रों ने भास्कर को बताया कि अमृतपाल के फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी के पास 2 साल में 35 करोड़ रुपए का विदेशी फंड आया। उसके फोन से पाकिस्तान में भी बात हुई। पुलिस उसके मोबाइल की जांच कर रही है।
2. डी-एडिक्शन की आड़ में आतंकवाद की फैक्ट्री
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने बताया कि अमृतपाल नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर फिदायीन हमलावर तैयार कर रहा था। वह आतंकियों को तैयार कर रहा था। सब कुछ ISI के इशारे पर हो रहा था। पाकिस्तान से गैरकानूनी हथियार मंगवाकर इन्हीं सेंटरों में स्टोर किया जा रहा था। जिसके जरिए ही वह आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) तैयार कर रहा था। सब कुछ अमृत संचार के नाम पर किया जा रहा था।
ISI-बब्बर खालसा से लिंक, आनंदपुर खालसा फोर्स बनाई जा रही थी, जैकेट्स-हथियार मिले
अमृतपाल का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से लिंक सामने आया है। अमृतपाल के प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के हैंडलर होने का भी इनपुट है।
1980 में बना BKI भारत और इंग्लैंड में आतंकी संगठन घोषित है। कनाडा, जर्मनी और इंग्लैंड में सबसे ज्यादा एक्टिव है। BKI के ज्यादातर मेंबर्स पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं। वो ISI के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसी आधार पर पंजाब पुलिस की जालंधर रेंज के DIG स्वप्न शर्मा ने कहा है कि अमृतपाल के लिंक ISI से जुड़ रहे हैं। जानकारी मिली है कि अमृतपाल 10 साल दुबई में था। BKI का हैंडलर बनकर ही 2022 में पंजाब लौटा।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अमृतपाल जल्लूखेड़ा गांव में अपनी प्राइवेट आर्मी आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) बना रहा था। पुलिस को उसके घर AKF लिखी कई जैकेट्स मिलीं। यह जैकेट्स पुलिस और आर्मी के कमांडो की जैकेट्स जैसी ही हैं। साथियों से बरामद सारे हथियारों पर भी AKF लिखा मिला। करीबी हरविंदर सिंह से कई अवैध हथियार और 100 से ज्यादा कारतूस मिले।