
बेसिक शिक्षकों के विरोध के बीच नया आदेश लागू
07 जिलों के प्राइमरी शिक्षकों ने छोडे़ अतिरिक्त प्रभार
1.4 लाख शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए होगी व्यवस्था
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। सरकार ने प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भी बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को बिना बायोमेट्रिक हाजिरी लगाये वेतन नहीं मिलेगा। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से आदेश जारी कर दिये गये हैं। इस आदेश के बाद माध्यमिक स्कूलों के करीब 1.43 लाख शिक्षा एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को बिना बायोमेट्रिक हाजिरी लगाये वेतन नहीं मिल सकेगा।माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षक के नाम जारी इस आदेश में कहा गया है कि राजकीय माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति अनिवार्य करने के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही करें और तय प्रारूप पर (सॉफ्ट एवं हार्ड कापी में) ई-मेल के माध्यम से निदेशक कार्यालय को प्रतिदिन (अवकाश को छोड़कर) उपलब्ध करायें। यह भी कहा गया है कि संस्था प्रधान अनिवार्य रूप से अपने विद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रतिमाह के वेतन बिल के साथ बायोमेट्रिक उपस्थिति भी भेजेंगे ताकि उसी आधार पर वेतन बिल पारित करने की कार्यवाही की जा सके।माध्यमिक शिक्षकों के संगठन राजकीय शिक्षक संघ ने स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य करने का स्वागत करते हुए इसे विभाग के सभी संवर्ग के अधिकारियों के कार्यालयों में भी लागू करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष रामेश्वर पाण्डेय ने बयान जारी कर कहा है कि विभाग में सभी स्तर पर बायोमेट्रिक उपस्थिति व्यवस्था लागू होने से एकरूपता आएगी और हमारी भी विभागीय कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात हो जाया करेगी।
प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी बढ़ने के बजाय घटी
स्कूल शिक्षा महानिदेशालय की ओर से पूरी मशीनरी को झोंके जाने के बाद भी शुक्रवार की अपेक्षा शनिवार को ऑनलाइन हाजिरी कम हो गई। शुक्रवार को 0.61 फीसदी और छुट्टी के समय 0.33 फीसदी ने ऑनलाइन हाजिरी लगाई। वहीं शनिवार को कुल 6,09,564 शिक्षकों में से मात्र 2120 शिक्षकों यानि 0.39 प्रतिशत ने ही ऑनलाइन हाजिरी दर्ज की। छुट्टी के समय 0.31 फीसदी हाजिरी लगी।
कई जिलों के शिक्षकों ने अतिरिक्त प्रभार से इस्तीफा दिया
प्राइमरी शिक्षकों की ओर से ऑनलाइन हाजिरी का विरोध दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश भर में शिक्षकों की ओर से संकुल प्रभारी, बूथ लेबल अधिकारी, एबीआरसी, जिला समन्यवयक ,बाढ़ आदि कार्यो लगाए गए पदों से त्याग पत्र देना शुरू कर दिया है। शनिवार को बरेली,आगरा,अलीगढ़, अमेठी, कुशीनगर, मऊ तथा शामली में 150 से अधिक शिक्षकों ने अतिरिक्त प्रभार के रूप में प्राप्त संकुल प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार को भी आगरा, एटा, मैनपुर, इटावा समेत अनेक जिलों के पांच दर्जन से अधिक शिक्षकों ने अतिरिक्त कार्यभार से इस्तीफा भेज दिया था। शिक्षक नेताओं का दावा है कि सोमवार को जब स्कूल खुलेंगे तो बाकि बचे जिलों में भी शिक्षक अपने अतिरिक्त प्रभार से इस्तीफा देंगे।
चिकित्साधिकारी की आठ भर्तियों में 1383 पद खाली
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने एक महीने में घोषित किया परिणाम
गायनकोलॉजिस्ट के 385 पदों में से 315 पद खाली रह गए
प्रयागराज मुख्य संवाददाता। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (एलोपैथी) के तहत चिकित्साधिकारी के एक महीने में घोषित आठ परिणामों में 1714 पदों में से 1383 (80.68 प्रतिशत) खाली रह गए।उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 13 जून से 12 जुलाई तक आठ विषयों के परिणाम घोषित किए हैं। इनमें केवल 331 योग्य अभ्यर्थी मिले हैं जबकि खाली रह गए 1383 पदों को फिर से विज्ञापित करने की सिफारिश की गई है। शुक्रवार शाम जारी गायनकोलॉजिस्ट के 385 पदों में से 315 पद खाली रह गए।कुल 385 पदों में से 53 अनारक्षित, 157 पद अन्य पिछड़ा वर्ग, 126 पद अनुसूचित जाति, 11 पद अनुसूचित जनजाति एवं 38 पद आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के लिए आरक्षित थे। अभ्यर्थी उपलब्ध न होने के कारण ओबीसी के 153, एससी 124, एसटी 10, ईडब्ल्यूएस के 28 पद खाली रह गए। इससे पहले मंगलवार को घोषित एनेस्थेटिस्ट के कुल 460 पदों के परिणाम में 390 पद खाली रह गए थे। कुल 460 पदों में से 112 पद अनारक्षित, 184 अन्य पिछड़ा वर्ग, 127 अनुसूचित जाति, 11 अनुसूचित जनजाति एवं 46 ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आरक्षित थे। इनमें से अनारक्षित श्रेणी के ही 70 अभ्यर्थियों का चयन हो सका था।
चिकित्साधिकारी कुल पद चयन रिक्त
गायनकोलॉजिस्ट 385 70 315
एनेस्थेटिस्ट 460 70 390
जनरल सर्जन 338 51 287
आप्थोमोलॉजिस्ट 23 19 04
पैथोलॉजिस्ट 21 21 00
ईएनटी स्पेशियलिस्ट 25 20 05
आर्थोपेडिशियन 22 22 00
पीडियाट्रिशियन 440 58 382
योग 1714 331 1383
मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन,बैठक में पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन व ऑनलाइन उपस्थिति के निर्णय को वापस लेने की मांग की
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ की जोगिया बीआरसी में शनिवार को हुई बैठक में शिक्षक समस्याओं को हल करने की मांग करते हुए ऑनलाइन उपस्थिति के बहिष्कार का प्रस्ताव सर्वसम्मत से पास किया गया।बैठक में पदाधिकारियों ने बताया कि समस्त शिक्षकों ने बेसिक विद्यालयों में पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन व शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति के विभागीय निर्देश से असहमति जताते हुए हस्ताक्षर किए हैं। बैठक में पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन व ऑनलाइन उपस्थिति के निर्णय को वापस लेने की मांग की है। जिलाध्यक्ष राधेरमण त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षकों को 31 दिन का अर्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार का अवकाश, 15 दिन का हाफ सीएल, चिकित्सा प्रतिपूर्ति व पुरानी पेंशन बहाली आदि मांग वर्षों से लंबित है। इन मांगों को पूरा न करने से शिक्षक परेशान हैं और ऊपर से ऑनलाइन उपस्थिति थोपा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार को बीएसए कार्यालय पर सभी शिक्षक एकत्रित होंगे और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन बीएसए को सौंपेंगे।जिला मंत्री योगेंद्र प्रसाद पांडेय ने कहा कि अन्य विभागों की भांति शिक्षकों को भी सुविधाएं दी जाए, जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार करेंगे। रविवार को पूरे प्रदेश में एक्स प्लेटफार्म पर ऑनलाइन उपस्थिति के बहिष्कार के लिए अभियान चलाया जाएगा। बैठक में रूपेश सिंह, अभय श्रीवास्तव, गयानंद मिश्र, इंद्रसेन सिंह, सुधाकर मिश्र, दिनेश सिंह, मणिकांत उपाध्याय, अरुण सिंह, शैलेंद्र मिश्र आदि रहे।
प्राथमिक शिक्षा को पटरी से उतारना चाहते हैं अधिकारी
डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद। डुमरियागंज ब्लॉक संसाधन केंद्र पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों की शनिवार को बैठक हुई। जिलाध्यक्ष आदित्य शुक्ल ने कहा बेसिक शिक्षा को अधिकारियों ने प्रयोगशाला बना दिया है। नित नए-नए आदेश कर शिक्षकों को आदेशों के मकड़जाल में फंसा कर प्राथमिक शिक्षा को पटरी से उतारना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को निस्तारित किए बिना संघ ऑनलाइन उपस्थित के फरमान का बहिष्कार करता रहेगा। आउटसोर्सिंग, संविदा कर्मी व एनजीओ के हाथ अधिकारी विभाग को सौंप निजीकरण कराना चाहता हैं। उन्होंने कहा कि निजी मोबाइल का उपयोग विद्यालय समय में करने से बचे। एप के नाम पर अधिकारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। ब्लॉक अध्यक्ष राकेश पांडेय ने कहा शिक्षकों को लगभग दो दर्जन कार्य करने के बाद कम पे बैंड के अन्य विभागों के अधिकारी समेत विभागीय आकस्मिक निरीक्षण नित्य करते हैं। फिर इस आदेश की क्या जरूरत पड़ गई। इस दौरान मनोज द्विवेदी, इश्तियाक अहमद, धर्मेंद्र, दिलीप शर्मा, संजय मिश्र, नीलम गुप्ता, विवेक द्विवेदी, मुशीर अहमद, शेषराम, राम सिंह मौजूद रहे।
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर अधिकारी शिक्षकों पर बना रहे अनुचित दबाव
लखनऊ। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि शिक्षाधिकारी शिक्षकों पर डिजिटल अटेंडेंस देने का दबाव बना रहे हैं जो अनुचित है। विभाग शिक्षकों की व्यावहारिक समस्याओं का समाधान खोजें, उनकी मांगे माने जाने से पहले डिजिटल अटेंडेंस नहीं दर्ज कराई जाएगी। वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश सिंह शर्मा ने सभी शिक्षकों से विभाग के सभी ग्रुप छोड़ने की अपील की है।सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर डॉ. शर्मा ने लिखा कि टैबलेट लॉगिन के लिए ओटीपी शिक्षक के पर्सनल नंबर पर आ रहा है। दूसरी तरफ विद्यालय में फोन प्रयोग करने पर शिक्षक को निलंबित किया जा रहा है। इसलिए आप केवल शिक्षण करें, मांगे माने जाने तक अपने व्यक्तिगत नंबर से कोई विभागीय सूचना न दें, सभी विभागीय ग्रुप से बाहर निकल जाएं। इसके बाद काफी शिक्षकों ने सरकारी ग्रुप से व्यक्तिगत मोबाइल नंबर से हट भी गए हैं।
कल जिलों में बीएसए को ज्ञापन
डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से हर ब्लॉक में शिक्षकों के बीच दो दिन सर्वे कराया गया था। इसमें अधिकतर शिक्षकों ने इस व्यवस्था का विरोध किया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि इस क्रम में अब 15 जुलाई को हर जिले में शिक्षक बीएसए को ज्ञापन देंगे। वहीं 23 अक्तूबर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर सीएम को संबोधित ज्ञापन भेजेंगे।
शनिवार को भी मात्र 0.39 फीसदी रही उपस्थिति
बेसिक शिक्षा विभाग की तमाम सख्ती और प्रयास के बाद भी शिक्षक-कर्मचारी डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगा रहे हैं। वह इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। शनिवार को भी सुबह शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालयों में गए और शिक्षकों- कर्मचारियों से वार्ता कर उनसे डिजिटल अटेंडेंस लगाने को कहा, लेकिन वह नहीं माने। शिक्षक संगठनों के अनुसार शनिवार को भी पूरे प्रदेश में मात्र 0.39 फीसदी शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज कराई है।
शिक्षकों से पहले शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी ली जाए ऑनलाइन उपस्थिति
प्रयागराज। विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था लागू कर दी गई है। सोमवार से प्राइमरी के विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थित होने लगी है। अब राजकीय विद्यालयों में भी ऑनलाइन उपस्थिति का आदेश जारी कर दिया गया है। राजकीय शिक्षक संघ ने ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश का स्वागत किया है।संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने कहा है कि शिक्षकों से पहले शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी उपस्थित ऑनलाइन की जाए।जिला विद्यालय निरीक्षक और बीएसए कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति भी ऑनलाइन की जाए। इन्हीं कार्यालयों में शिक्षकों का शोषण होता है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक समय से विद्यालय पहुंचेंगे, लेकिन शिक्षा विभाग की कार्यालय में भी उतनी ही सख्ती से इसे लागू किया जाए, तभी यह व्यवस्था निष्पक्ष होगी। उन्होंने बताया कि निदेशालय में अधिकारी और कर्मचारी मनमानी करते हैं। शिक्षकों का कोई भी काम वहां पर समय से नहीं होता है। ब्यूरो
ऑनलाइन हाजिरी पर बढ़ा विरोध, प्रदर्शन
बहराइच । बेसिक स्कूलों में ऑनलाइन व्यवस्था के विरोध में शिक्षकों संग अनुचर भी विरोध में उतर आए हैं। संकुल पदों से इस्तीफा देने के भी सिलसिला चल रहा है। विरोध प्रदर्शन कर शिक्षक शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य जिम्मेदारियों के निर्वहन से हटने का भी फैसला किया है। शनिवार को एमएलसी डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपकर शिक्षकों ने मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है।महानिदेशक स्कूली शिक्षा के शिक्षकों, छात्रों के ऑनलाइन हाजिरी के फैसले का विरोध छठवें दिन शनिवार को भी जारी रहा। एक भी विद्यालयों में शिक्षकों व अन्य कर्मियों की ओर से ऑनलाइन हाजिरी नहीं दर्ज कराई।रिसिया, नवाबगंज व चित्तौरा ब्लॉक के संकुल पदों पर कार्यरत शिक्षकों ने भी सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संयोजक विद्यविलास पाठक के नेतृत्व में शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल एमएलसी से मिला। जिलाध्यक्ष ने कहा कि शिक्षकों के मोबाइल चेक किए जा रहे हैं। उसके आधार पर निलंबन किया जा रहा है जबकि समस्त विभागीय कार्य वह अपने निजी मोबाइल से कर रहे हैं। आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी दबाव व भय दिखाकर शिक्षकों से ऑनलाइन हाजिरी दिलाना चाहते हैं जो स्वीकार ही नहीं है। नवाबगंज बीईओ कार्यालय पर नाराज शिक्षकों ने जमकर प्रदर्शन किया। ब्लॉक अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के नेतृत्व में शिक्षकों ने ब्लाक संसाधन केंद्र बाबागंज पहुंचकर विरोध किया। कोषाध्यक्ष रजनीश उपाध्याय, संगठन मंत्री रमेश द्विवेदी, इंद्राज, लालू मौर्या, सुशील पोरवाल, सुनील पटेल, प्रदीप, राम सिंह यादव, जितेंद्र मौजूद रहे।
इविवि: परास्नातक में चौथे सप्ताह से शुरू होंगे प्रवेश
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता।इलाहाबाद विश्वविद्यालय में परास्नातक प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट शनिवार से घोषित होना शुरू हो गया है। पहले दिन छह पाठ्यक्रमों का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। अलगे सप्ताह तक सभी पाठ्यक्रमों का रिजल्ट घोषित करने की तैयारी है। इसके बाद जुलाई के चौथे सप्ताह से प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में प्रवेश प्रकोष्ठ जुट गया है। पीजी में प्रवेश विभागवार आयोजित किया जाएग, जबकि एलएलबी में प्रवेश के लिए संयुक्त काउंसिलिंग आयोजित की जाएगी।उधर स्नातक के 16 पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए शनिवार साम तक 20,092 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन पंजीकरण कर दिया है। यह पंजीकरण छह जुलाई से शुरू है। इसकी अंतिम तिथि 20 जुलाई तय की गई है। कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का रिजल्ट आते ही यूजी में भी प्रवेश शुरू हो जाएगा।
15 जुलाई को ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में होगा धरना प्रदर्शन
गाजीपुर, संवाददाता।शहर के आरटीआई परिसर में प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर शिक्षक शिक्षा मित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की ओर से शुक्रवार को बैठक आयोजित की गयी। बैठक में मोर्चे की कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसके साथ ही ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में 15 जुलाई को सरजू पाण्डेय पार्क में विशाल धरना प्रदर्शन करने के लिए रणनीति बनायी गयी। इसमें संयोजक मंडल में जयप्रकाश पांडेय जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ, अनन्त सिंह जिलाध्यक्ष विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, सरफराज खान अध्यक्ष अटेवा, प्रीती सिंह जिलाध्यक्ष महिला शिक्षक संघ, राधेश्याम सिंह यादव अध्यक्ष पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ,जगदीश प्रसाद जिला संयोजक टीएससीटी, रामप्रताप यादव अध्यक्ष शिक्षा मित्र संघ, सूर्य प्रताप सिंह जिलाध्यक्ष यूटा, जितेन्द्र कुमार जिलाध्यक्ष अनुदेशक शिक्षक संघ को सर्वसहमति से जिला संयोजिक बनाया गया है। अजय कुमार जिला महामंत्री पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ को मोर्चे का जिला सचिव बनाया गया।संगठन के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से कहा कि सरकार शिक्षकों के सभी मांगो को पूरा नहीं करेगी तब तक किसी भी दशा में आनलाईन उपस्थिति स्वीकार्य नहीं होगी। बैठक में आंदोलन के अगले चरण में 15 जुलाई सरजू पाण्डेय पार्क में एकत्रित होकर विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित पत्रक सौंपा जाएगा। बैठक में प्रमोद उपाध्याय, रामबिलास कुशवाहा, मनोज राय ,दुर्गेश प्रताप सिंह , अभिषेक गौरव , ओमप्रकाश सिंह , मानवेन्द्र सिंह, रामाशीष यादव, राजेश्वर चौहान , ज्ञानेंद्र कुमार, सुधीर सिंह, अजीत कुमार सिंह ,आनंद कुमार सिंह ,हरिद्वार सिंह , साहसीकांत सिंह, अंबिका कुमार, अनिल कुमार, अवधेश कुमार, प्रणव मिश्र सहित अन्य मौजूद रहे।
ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में बैठक कर गरजे शिक्षक
मऊ, संवाददाता। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक जिलेभर में ऑनलाइन हाजिरी वाली व्यवस्था का विरोध कर रहे है। शिक्षक रोजाना कहीं न कहीं धरना-प्रदर्शन कर रहे है। शनिवार को उप्र प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जनपदीय कार्यसमिति सदस्यों ने बैठक कर ऑनलाइन हाजिरी को लेकर खूब गरजे। बैठक में 15 जुलाई को विभिन्न मांगों को लेकर बीएसए को ज्ञापन सौंपने की रणनीति भी बनाई। उप्र प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष कृष्णानंद राय ने कहा कि जब तक राज्य कर्मियों की भांति शिक्षकों को 31 उपार्जित अवकाश, 12 द्वितीय शनिवर अवकाश और अर्द्ध आकस्मिक अवकाश, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, प्रतिकर अवकाश, अध्ययन अवकाश, शिक्षकों की पदोंन्नति, पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली नहीं की जाती है तब तक शिक्षक इसका विरोध करते रहेंगे। आगे कहा कि 15 जुलाई को सभी शिक्षक एकत्र होकर ऑनलाइन हाजरी के विरोध में बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे। और अपनी मांगों को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अपराह्न तीन बजे ज्ञापन सौपेंगे। इस पर सभी उपस्थित शिक्षकों ने सहमति दी। बैठक में प्रमोद राय, राधेश्याम, रामकेर, रमाकांत यादव, शशिभूषण राय, सतीश राय, सुजीत कुमार, विजय सिंह, जगदीश गौतम, राशिद जमाल, मनीराम, सुरेंद्र नाथ यादव, जगमोहन सिंह, ममता शर्मा, शशिकला, प्रवीण राय, रामजन्म यादव, उपेन्द्र तिवारी, मनमोहन पाण्डेय, गुलाब गुप्ता, रणंजय मल, सूर्यभान शर्मा, अनिल कुमार सिंह, मनोज पांडेय, रवि शंकर यादव सहित अन्य उपस्थित रहे।
ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में हस्ताक्षर अभियान
लखनऊ, कार्यालय संवाददाता।उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्ष संघ की ओर ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में दो दिवसीय हस्ताक्षर अभिया 11 एवं 12 जुलाई को चलाया गया। संघ की ओर से विकास खण्ड एवं नगर क्षेत्र की बीआरसी पर डिजिटल हाजिरी में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों के निराकरण न होने के कारण विरोध स्वरूप सभी शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस न देने के पक्ष में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिसमें अधिकतर शिक्षकों ने हस्ताक्षर कर विरोध दर्ज कराया।संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि विकासखंड काकोरी से 354, चिनहट से 242, मलिहाबाद से 414, महानगर क्षेत्र से 201, सरोजिनी नगर से 547, माल से 351, गोसाईंगंज से 433, मोहनलालगंज से 442 और बक्शी का तालाब से 415 शिक्षकों ने हस्ताक्षर कर विरोध दर्ज कराया। जिसके बाद प्रदेश की प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद लखनऊ की संयुक्त कार्य समिति की बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि 15 जुलाई को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ को ज्ञापन दिया जाएगा और 23 जुलाई को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर विशाल धरना होगा। बैठक में जिला मंत्री वीरेन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष फहीम बेग मौजूद रहे।
नीट मामले में 13 आरोपियों की सीबीआई रिमांड
पटना। नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने 13 आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। सीबीआई ने बेऊर जेल में बंद इन सभी को 15 दिनों के लिए रिमांड पर लिया है। इनको पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ की जायेगी। पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई के आवेदन पर सुनवाई करते हुए जेल में बंद 13 आरोपितों को रिमांड पर लेने की अनुमति दी थी। शनिवार को सीबीआई टीम बेऊर जेल पहुंची। यहां आकर रिमांड से जुड़ी कागजी प्रक्रिया को पूरा किया और फिर एक साथ 13 आरोपितों को साथ लेकर पटना स्थित कार्यालय पहुंची।
हिन्दी में शुरू हो एलएलबी कोर्स मुख्य न्यायाधीश
खसरा और खतौनी का मतलब समझें छात्र
लखनऊ, संवाददाता। मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय (आरएमएलएन एलयू) के तीसरे दीक्षांत समारोह में शनिवार को कहा कि विश्वविद्यालय को एलएलबी कोर्स हिन्दी में जरूर शुरू करना चाहिए। अंग्रेजी में दो किसानों के बीच की बातचीत को सही तरीके से नहीं बता सकते हैं।उन्होंने कहा, स्थानीय भाषा में ताल और तलैया का मतलब मुझे यूपी आकर पता चला। जज-वकील तो अंग्रेजी समझते हैं लेकिन भोजपुरी जानने वाला किसान नहीं समझता, इसलिए इसे बदलने की जरूरत है। कई वकील भी हिन्दी में बेहतरीन तरीके से पक्ष रखते हैं। मैं ये नहीं कह रहा हूं कि कानूनी शिक्षा से अंग्रेजी को हटा देना चाहिए, लेकिन स्थानीय भाषा में भी कानून की शिक्षा दी जानी चाहिए।
37 हजार निर्णयों का हिन्दी में अनुवाद हो रहा डॉ. चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ऐसे कई निर्देश दिए हैं, जिससे न्याय की प्रक्रिया को आम लोगों के लिए आसान बनाया जा सके। उदाहरण के तौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंग्रेजी में दिए गए निर्णयों का भारत के संविधान में प्रचलित विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है।
नवाजा शीश विंध्याचल (मिर्जापुर)। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को मां विंध्यावासिनी के दरबार में शीश नवाया। इस दौरान उन्होंने सदर बाजार मार्ग के प्रवेश द्वार पर पौधरोपण किया। मंदिर और परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। आम भक्तों के प्रवेश को रोक दिया गया था।सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ शनिवार अपराह्न 435 बजे सड़क मार्ग से पुरानी वीआईपी रोड होते हुए मां विंध्यवासिनी के दरबार में पहुंचे। मंडलायुक्त डॉ. मुथु कुमारस्वामी बी, डीआईजी आरपी सिंह, जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बुके देकर उनका स्वागत किया। गणेश द्वार से होते हुए वह गर्भगृह में प्रवेश कर मां का चरण-पूजन किया। पुरोहित धीरज मिश्रा ने दर्शन-पूजन कराया। पूजन के लिए पांच वैदिक पुरोहितों को भी लगाया गया था। दर्शन के पश्चात पूर्वी तरफ सदर बाजार प्रवेश द्वार पर मुख्य न्यायाधीश ने पौधरोपण किया। करीब 15 मिनट तक वह मंदिर में रहे।
बार और बेंच का बेहतर समन्वय जरूरी सीएम
लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बार और बेंच का बेहतर समन्वय बहुत महत्वपूर्ण है। एक आम जनमानस आपके पास एक उम्मीद लेकर आता है। हम देखते हैं कि परिवारिक विवादों को लेकर जब लोग आते हैं तो वह किसी की नहीं सुनते, लेकिन अधिवक्ता जहां कहता है वहां वे आंख बंद करके साइन कर देते हैं, क्योंकि अधिवक्ता पर उनका विश्वास है।यह विश्वास आपकी सबसे बड़ी पूंजी है और यह विश्वास सामान्य नागरिक का बार और बेंच दोनों पर बना रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य न्यायाधीश का आशीर्वाद भी छात्रों को मिल रहा है। इससे पहले भी दो दीक्षांत समारोह में उनका आशीर्वाद विद्यार्थियों को प्राप्त होता रहा है। कार्यक्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमरपाल सिंह, विभागाध्यक्ष विधि प्रो. आदित्य प्रताप सिंह, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कई न्यायमूर्ति उपस्थित रहे।
योगी ने विधि छात्रों को दिए सुझाव
- सत्यं वद, धर्म चर अर्थात सत्य बोलना और धर्म का आचरण करना।
- राष्ट्र के हित में समाज, गांव, परिवार और व्यक्ति से परहेज करना पड़े तो उसकी परवाह न करें।
राज्य कर कर्मियों की वेतन विसंगतियां होंगी दूर
लखनऊ। राज्य कर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन विसंगतियां अब हर वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले ही दूर कर ली जाएंगी। इतना ही नहीं सेवानिवृत्त होने वाले की पेंशन प्रक्रिया आठ माह पहले ही पूरी कर ली जाएगी। अपर आयुक्त लेखा राज्य कर महा मिलिंद लाल ने इस संबंध में अधिकारियों को पत्र भेज दिया है।इसमें कहा गया है कि सभी कार्मिकों के सेवानिवृत्तिक देयकों को समयबद्ध व प्राथमिकता पर भुगतान शासन की प्राथमिकता है।
मदरसों में 15 अगस्त से रोजगार मेले लगाए जाएंगे
लखनऊ। बेरोजगार मुस्लिम युवाओं को रोजगार मुहैया करवाने के लिए अब राज्य के अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों में रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने हिन्दुस्तान से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मदरसों में रोजगार मेलों के आयोजन की शुरुआत स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आगामी 15 अगस्त से होगी।दानिश आजाद विगत दिवस नयी दिल्ली में केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरन रिजूजु से मिले थे। दोनों के बीच उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं की मौजूदा प्रगति और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। दानिश आजाद ने बताया कि प्रदेश के अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिम छात्र-छात्राओं को उनकी शैक्षिक व तकनीकी योग्यता के आधार पर रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाएंगे
निदेशालय में लागू करें बायोमीट्रिक हाजिरी
प्रयागराज। राजकीय शिक्षक संघ पांडेय गुट ने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में बायोमीट्रिक से हाजिरी व्यवस्था लागू करने से पहले शिक्षा निदेशालय में इसे लागू करने की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने महानिदेशक को भेजे पत्र में अनुरोध किया है कि पहले शिक्षा निदेशालय और कार्यालयों में यह व्यवस्था लागू हो। क्योंकि जब भी शिक्षक अपने किसी काम से निदेशालय या कार्यालयों में जाते हैं तो न वहां अधिकारी मिलते है न ही कर्मचारी मिलते हैं। चेतावनी दी है कि अनुरोध स्वीकार न किया गया तो विवश होकर विरोध पर उतरना पड़ेगा।
138 शिक्षकों ने लगाई ऑनलाइन हाजिरी
प्रयागराज। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी का विरोध बना हुआ है। शनिवार को छठवें दिन प्रयागराज के 15269 शिक्षकों में से महज 138 (.90 प्रतिशत) ने ऑनलाइन अटेंडेंट लगाई है। स्कूल बंद होने के समय इनमें से 100 शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंट लगाई है। प्रदेश के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो औसत के लिहाज से प्रयागराज आठवें स्थान पर रहा
एलयू प्रवेश परीक्षा में अधूरे सवाल पूछे
लखनऊ, संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय में शनिवार को हुई पांच वर्षीय एलएलबी प्रवेश परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि प्रश्न पुस्तिकाओं में मुद्रण संबंधी कई गलतियां थीं। दावा है कि कई प्रश्न या तो अधूरे थे या ठीक से मुद्रित नहीं किए गए थे।अभ्यर्थियों के मुताबिक बुकलेट सीरीज बी और सी में प्रश्न 85 अधूरा था। प्रश्न पत्र में प्रश्न संख्या 85, 98, 99 और 100 में मुद्रण संबंधी गलती थी। इन प्रश्नों में आधा कंटेंट गायब था। अभ्यर्थियों ने बताया कि मामले की सूचना कक्ष निरीक्षकों को दी गई। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने गलतियों को ठीक करा दिया। एलयू के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि एलएलबी प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र में एक प्रश्न में एक शब्द की छपाई स्पष्ट नहीं थी। उसे सही करा दिया गया था। पांच वर्षीय लॉ कोर्स के लिए 160 सीटें उपलब्ध हैं, जिसके लिए 6,935 आवेदन प्राप्त हुए थे। इस प्रकार एक सीट के लिए 44 आवेदक दावेदार है।
आईटी कॉलेज की पीजी मेरिट लिस्ट 15 को
लखनऊ। इसाबेला थोबर्न (आईटी) कॉलेज में शैक्षिक सत्र 2024-25 के तहत परास्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में आवेदन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि बीत गई है। अब तक प्राप्त हुए आवेदन के अनुसार सोमवार को मेरिट सूची जारी की जाएगी। जानकारी के अनुसार बता दें कि अभ्यर्थी अपने रोल नंबर का इस्तेमाल कर रिजल्ट देख सकेंगे। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी कॉलेज की वेबसाइट देख सकते हैं। जहां उनको दाखिले से संबंधित सभी जरूरी जानकारियां मिल जाएंगी।
आगरा में आज अग्निवीर भर्ती परीक्षा, तैयारियां पूरी
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। आगरा के एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में अग्निवीर ट्रेड्समैन की भर्ती प्रक्रिया रविवार से शुरू होगी। सेना भर्ती रैली की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।सेना भर्ती कार्यालय, आगरा तीन चरणों में भर्ती रैली कर रहा है। पहले चरण में सेना भर्ती कार्यालय, आगरा की अग्निवीर भर्ती रैली 12 जिलों (आगरा, अलीगढ़, एटा, इटावा, फिरोजाबाद, हाथरस, जालौन, झांसी, कासगंज, ललितपुर, मथुरा और मैनपुरी) के युवाओं के लिए होगी। दूसरे और तीसरे चरण में सोल्जर टेक्निकल (नर्सिंग असिस्टेंट) और सिपाही फार्मा पदों के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सभी जिलों के युवा शामिल हैं। भर्ती रैली के दौरान लगभग 15,000 अग्निवीर, सैनिक नर्सिंग सहायक और सिपाही फार्मा उम्मीदवार कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरेंगे।
इन बातों का ध्यान रखें
जिन्होंने अप्रैल में ऑनलाइन सीईई पास कर लिया है वे भर्ती रैली में शामिल हो सकते हैं। क्यूआर कोड में उल्लिखित मूल दस्तावेजों के साथ आना होगा। प्रवेश पत्र में दी तिथि पर 1 बजे (13 जुलाई की रात/14 जुलाई की सुबह) तक एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम, आगरा में रिपोर्ट करना होगl
पुनर्वास विवि ने शैक्षिक कैलेंडर जारी किया
लखनऊ। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र 2024-25 के तहत शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है। छात्र-छात्राएं विवि की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। शैक्षिक कैलेंडर के मुताबिक विवि को 10 अगस्त तक यूजी और 30 अगस्त तक पीजी पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसी तरह 10 दिसंबर तक यूजी और 18 दिसंबर तक पीजी कार्यक्रमों के एक सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करानी हो
भाषा विवि में प्रवेश के लिए दी परीक्षा
लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश के लिए शनिवार को दो पालियों में परीक्षा हुई। बीफार्मा, डीफार्मा, एमटेक, एमबीए, एमसीए, बीसीए, बीबीए एवं बीटेक में नए सत्र में प्रवेश के लिए परीक्षा हुई। प्रवेश समन्वयक प्रो. एहतेशाम अहमद ने बताया कि प्रथम पाली सुबह 11 से 12 और द्वितीय पाली तीन से चार बजे तक हुई। पहली पाली के लिए लिए 300 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। जिसमें से 161 ने परीक्षा दी। वहीं द्वितीय पाली में कुल 696 में 498 अभ्यर्थियों ने लिखित प्रवेश परीक्षा दी।
स्वीकृत पदों के सापेक्ष नहीं हो पा रही चालकों की नियुक्ति
रायबरेली, संवाददाता। परिवहन निगम मुख्यालय की ओर से विभाग में संविदा के पद पर बस चालकों की जा रही सीधी भर्ती में अभी तक स्वीकृत पदों के सापेक्ष चालकों की नियुक्ति नहीं हो पाई। अब तक महज 15 चालकों की नियुक्ति की गई है। इससे चयनित किए गए चालकों को पहले चरण में स्थानीय डिपो के एआरएम प्रशिक्षण लेंगे और इसके बाद कानपुर में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें मार्गो पर भेजा जाएगा। हालांकि स्वीकृत पदों के सापेक्ष अगर चालकों की नियुक्ति नहीं हुई तो बसों के संचालन में एक बार फिर समस्या होगी। निगम मुख्यालय के निर्देश पर स्थानीय डिपो में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक दिनेश चन्द्र की उपस्थिति में बस चालकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई। हालांकि निगम की ओर से स्वीकृत किए गए पदों के सापेक्ष अभी तक महज 15 चालकों की ही नियुक्ति हो पाई। वहीं नियुक्ति किए गए बस चालकों का पहला प्रशिक्षण स्थानीय डिपो के अधिकारी और कर्मचारियों की मौजूदगी में पूरा हुआ। इसके बाद उन्हें प्रशिक्षण के लिए कानपुर भेज दिया गया है। कानपुर में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद चालकों को बस लेकर मार्गो पर भेजा जाएगा। नियुक्त किए जाने वाले संविदा चालकों को निगम की ओर से दी गई शर्तो के बारे में भी जानकारी दे दी गई है। इस दौरान अगर बीच में कोई बस चालक नौकरी छोड़कर जाने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ उसकी संविदा समाप्त करने की भी जानकारी दी गई।
क्या कहते हैं एआरएम
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक दिनेश चन्द्र ने बताया कि विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर संविदा पर बस चालकों की नियुक्ति की जा रही है, लेकिन अभी तक महज 15 चालकों की ही नियुक्ति हो पाई है। इसके साथ ही चालकों के स्वीकृत पदों पर चालकों की नियुक्ति करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ चालकों को प्रशिक्षण के लिए कानपुर भेजा जा चुका है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें मार्गो पर भेजा जाएगा।
बस संचालन में आएगी समस्या
निगम की ओर से संविदा के पद पर नियुक्त किए जाने वाले बस चालकों के स्वीकृत पदों के सापेक्ष नियुक्ति नहीं की गई तो एक बार फिर से बसों के संचालन में बाधा उत्पन्न हो सकती है। विभाग के अधिकारी भी लगातार प्रयास कर रहे है कि बस चालकों की नियुक्ति हो जाए, जिससे परिसर के अंदर चालकों के अभाव में खड़ी होने वाली बसों का संचालन समय से किया जा सके। हालांकि जिस तरह से चालक संविदा पर नौकरी करने के लिए इच्छुक नहीं दिखाई पड़ रहे हैै तो ऐसे में समस्या खड़ी हो जाएगी। जबकि सावन माह में धार्मिक स्थलों के लिए अतिरिक्त बसें चलाए जाने की योजना है, लेकिन अगर चालकों की नियुक्ति नहीं हो पाई तो यात्रियों को यह सुविधा मिलने पर समस्या आ सकती है।
साक्षात्कार स्थल पर धक्का-मुक्की, नोटिस जारी
भरूच। गुजरात के भरूच जिले में साक्षात्कार स्थल पर हुई अव्यवस्था को लेकर निजी कंपनी को नोटिस भेजा है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी 40 रिक्तियों के लिए आयोजित वॉक-इन-इंटरव्यू में लगभग 800 लोग पहुंच गए थे। युवाओं के हुजूम ने साक्षात्कार के लिए पहले घुसने की कोशिश में धक्का-मुक्की की। जिला रोजगार अधिकारी संजय गोहिल ने कहा वीडियो वायरल होने के बाद घटना के बारे में पता चला।