6 महीनों के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट, 20 नवंबर को बंद होगा बद्रीनाथ मंदिर
उत्तराखंड (Uttarakhand) में केदारनाथ मंदिर के कपाट सर्दियों में 6 महीने के लिए बंद कर दिए गए हैं। शनिवार सुबह 6 बजे हुई पूजा अर्चना आरंभ पूरे विधि विधान और लग्न के अनुसार 8 बजे केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham ) के कपाट बंद किए गए। अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली भी रवाना हुई। वहीं यमुनोत्री (Yamunotri) के कपाट भी आज सर्दियों के लिए बंद रहेंगे और अगले छह महीने तक बंद रहेंगे। मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित केदारनाथ मंदिर चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिसे ‘चार धाम’ कहा जाता है, जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ भी शामिल हैं। आठवीं शताब्दी ईस्वी में जगद गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा निर्मित, केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार बद्रीनाथ मंदिर 20 नवंबर को बंद हो जाएगा।इससे पहले पुजारियों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान करने के बाद शुक्रवार सुबह 11.45 बजे गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और स्थानीय लोग मौजूद थे। गंगोत्री मंदिर की मां गंगा की उत्सव डोली अगले छह महीने तक गंगोत्री के कपाट बंद रहने के बाद अपने शीतकालीन निवास मुखबा के लिए रवाना हुई और आज भाई दूज के अवसर पर वहां पहुंचेगी। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि इस वर्ष के दौरान 32,948 से अधिक तीर्थयात्रियों ने गंगोत्री धाम के दर्शन किए। चार धाम यात्रा इस साल 18 सितंबर को शुरू हुई, जब नैनीताल उच्च न्यायालय ने 16 सितंबर को चार धाम यात्रा पर प्रतिबंध हटा दिया। लोगों को वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए अनिवार्य कोविड नकारात्मक रिपोर्ट के साथ पूर्ण टीकाकरण के साथ यात्रा की अनुमति दी गई थी।
देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अनुसार, इस साल 22 अक्टूबर तक दो लाख से अधिक श्रद्धालु चार मंदिरों में दर्शन कर चुके हैं। बता दें कि देश और विदेश से हर साल लाखों पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करने वाले चार धाम क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण हर साल सर्दियों में बंद हो जाते हैं।