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अजान पर कर्नाटक के पूर्व डिप्टी CM का विवादित बयान:बोले- क्या अल्लाह बहरा है जो उन्हें बुलाने के लिए लाउडस्पीकर पर चिल्लाना पड़ता है

जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व डिप्टी CM ईश्वरप्पा ने कहा कि हिंदू भी मंदिरों में भजन और प्रार्थना करते हैं, हम उनसे ज्यादा धार्मिक हैं।

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले लाउडस्पीकर को लेकर कर्नाटक के पूर्व डिप्टी CM और भाजपा नेता के एस ईश्वरप्पा ने विवादित बयान दिया है। मंगलुरु में सोमवार को ईश्वरप्पा ने कहा कि क्या अल्लाह बहरा है, जो उन्हें बुलाने के लिए लाउडस्पीकर पर चिल्लाना पड़ता है। अजान की आवाज से मुझे सिरदर्द होता है।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, ईश्वरप्पा एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तभी पास की मस्जिद से अजान शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, यह अजान मुझे सिरदर्द देती है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है, आज नहीं तो कल अजान का अंत हो जाएगा।

मंदिरों में हम लाउडस्पीकर इस्तेमाल नहीं करते
ईश्वरप्पा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए कहा है, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि क्या अजान के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने पर ही अल्लाह नमाज सुनेंगे। हिंदू भी मंदिरों में भजन और प्रार्थना करते हैं।

हम उनसे ज्यादा धार्मिक हैं और यह भारत माता हैं जो धर्मों की रक्षा करती हैं, लेकिन अगर आप कहेंगे कि अल्लाह केवल तभी सुनता है जब आप माइक का इस्तेमाल करते हैं तो मैं ये जरूर पूछूंगा कि क्या वह बहरा है?

टीपू सुल्तान को मुस्लिम गुंडा कह चुके हैं ईश्वरप्पा
ईश्वरप्पा इस तरह के बयान पहले भी दे चुके हैं। इससे पहले उन्होंने 18वीं शताब्दी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान को मुस्लिम गुंडा कहा था। पिछले साल एक कांट्रैक्टर के सुसाइड करने के बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। 

पिछले साल कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा था लाउडस्पीकर का मुद्दा
अजान लंबे समय से बहस का विषय रहा है। इसे लेकर एक वर्ग का तर्क है कि अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल अन्य धर्मों के लोगों को परेशान कर सकता है। इसे लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले साल मस्जिदों को कोई निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अजान से अन्य धर्मों के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होने वाली दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में लाउडस्पीकर बैन किया था
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2005 में ध्वनि प्रदूषण से हेल्थ की परेशानियों का हवाला देते हुए इमरजेंसी को छोड़कर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2005 में कोर्ट ने कहा था कि लाउडस्पीकर को साल में 15 दिनों के लिए उत्सव पर आधी रात तक इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है।

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