
परसपुर ( गोंडा ) : परसपुर ब्लॉक के चरहुआ गांव में दो चार गांव ऐसे हैं । जहां पर ग्रामीणों को आवागमन के लिए कोई रास्ता नहीं है ।जहां पर अधिकारियों , जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ग्रामीणों को आवागमन के लिए दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं । वहां पर चिराग तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है । परसपुर नगर से महज 5 से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत चरहुंआ के मरजाद पुरवा , भृकुटी गांव , कल्प पुरवा , लोनियनपुरवा में आवागमन के लिए कोई रास्ता नहीं है । बरसात के चलते कई गांव के रास्ते पर जलभराव एवं रास्ते में कीचड़ हो गया है । जिससे ग्रामीणों को आवागमन के लिए कठिनाइयां झेलनी पड़ रही हैं । चुनाव में सुख सुविधा व बड़े बड़े विकास का दावा करने वाले प्रत्याशी ने भी चुनाव जीतने के बाद समस्या के समाधान से मुंह फेर लिया है। बरसात के इन दिनों में ग्रामीणों के इस गंभीर समस्या पर संबंधित विभागीय अधिकारी व जनप्रतिनिधि मुंह मोड़े हुए हैं । हर वर्ष बरसात के मौसम में जलभराव हो जाता है जिससे ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो जाता है । ग्रामीण पैदल ही बमुश्किल जलभराव और कीचड़ के रास्ते से होकर जान जोखिम में डालकर इसी तरह आवागमन करते हैं ।कुछ वर्ष पहले गंगरौली नहर बनी थी जिस पर ग्रामवासी उसी नहर के रास्ते से आवागमन करते थे । ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो परसपुर अस्पताल जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है । और ना ही चौपहिया वाहन व साइकिल आने-जाने के लिए कोई रास्ते नही हैं । चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े विकास का दावा करने के बाद भूल जाते हैं । इसकी जानकारी मरजाद पुरवा गांव के गिरिराज गोस्वामी ( बाबा )ने दी है ।

