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गोटबाया राष्ट्रपति भवन छोड़कर भागे, इन 5 वजहों ने श्रीलंका को भुखमरी में फंसाया

राजपक्षे परिवार पर 42 हजार करोड़ हड़पने का आरोप:

रीलंका में महीनों से जारी आर्थिक संकट से परेशान जनता का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। 9 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास घेर लिया, जिसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे आवास छोड़कर भाग खड़े हुए।

इससे पहले मई में जब उग्र भीड़ ने राजपक्षे के छोटे भाई और पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के कोलंबो स्थित सरकारी आवास को घेर लिया था, तो महिंदा ने परिवार समेत भागकर नेवल बेस में शरण ली थी। इस बीच 9 जुलाई को ही रानिल विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। विक्रमसिंघे 12 मई को महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री बने थे।

श्रीलंका को डुबोने वाले ताकतवर राजपक्षे परिवार को जानिए
अप्रैल तक श्रीलंका में सरकार में राजपक्षे परिवार के पांच लोग शामिल थे। इनमें राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे, सिंचाई मंत्री चामल राजपक्षे और खेल मंत्री नामल राजपक्षे थे। इनमें से गोटबाया को छोड़कर बाकी सब इस्तीफा दे चुके हैं।

एक समय श्रीलंका के नेशनल बजट के 70% पर इन राजपक्षे भाइयों का सीधा कंट्रोल था। राजपक्षे परिवार पर 5.31 अरब डॉलर यानी 42 हजार करोड़ रुपए अवैध तरीके से देश से बाहर ले जाने का आरोप है। इसमें महिंदा राजपक्षे के करीबी अजित निवार्ड कबराल ने अहम भूमिका निभाई थी, जो सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के गवर्नर थे।

राजपक्षे परिवार में सबसे ताकतवर महिंदा राजपक्षे हैं, इसलिए उन्हें ‘द चीफ’ कहा जाता है। वह श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रह चुके हैं।

1. महिंदा राजपक्षे

  • 76 साल के महिंदा राजपक्षे समूह के चीफ और कुछ महीनों पहले तक प्रधानमंत्री थे। उन्होंने बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच 10 मई को इस्तीफा दे दिया था।
  • वह 2004 में प्रधानमंत्री रहने के बाद 2005-2015 तक राष्ट्रपति रहे थे। इसी दौरान भाई गोटबाया राजपक्षे को तमिलों के आंदोलन को कुचलने का आदेश दिया था।
  • महिंदा के शासनकाल में श्रीलंका और चीन की करीबी बढ़ी और उसने चीन से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 7 अरब डॉलर का लोन लिया।
  • खास बात ये रही कि ज्यादातर प्रोजेक्ट्स छलावा साबित हुए और उनके नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ।
गोटबाया पर डेथ स्क्वॉड बनाकर उसके जरिए अपने दर्जनों विरोधियों को किडनैप करवा कर गायब कराने के आरोप भी लगे थे। उनके गुस्से के चलते उन्हें ‘टर्मिनेटर’ भी कहा जाता है।

2. गोटबाया राजपक्षे

  • पूर्व सैन्य अधिकारी रहे गोटबाया 2019 में श्रीलंका के राष्ट्रपति बने। वह रक्षा मंत्रालय में सेक्रेटरी समेत कई अहम पद संभाल चुके हैं।
  • 2005-2015 के दौरान बड़े भाई महिंदा राजपक्षे के राष्ट्रपति रहने के दौरान डिफेंस सेक्रेटरी रहते हुए तमिलों अलगाववादियों यानी LTTE को क्रूरता से कुचल दिया था।
  • गोटबाया की टैक्स में कटौती से लेकर, खेती में केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल पर बैन जैसी नीतियों को वर्तमान संकट की वजह माना जा रहा है।

3. बासिल राजपक्षे

  • 71 साल के बासिल राजपक्षे फाइनेंस मिनिस्टर थे। श्रीलंका में सरकारी ठेकों में कथित कमीशन लेने की वजह से उन्हें ‘मिस्टर 10 पर्सेंट’ कहा जाता है।
  • उन पर सरकारी खजाने में लाखों डॉलर की हेराफेरी के आरोप लगे थे, लेकिन गोटबाया के राष्ट्रपति बनते ही सभी केस खत्म कर दिए गए।
बासिल राजपक्षे कुछ महीनों पहले तक श्रीलंका के फाइनेंस मिनिस्टर थे। करप्शन में बासिल इतने आगे थे कि रिश्वत लेने की वजह से उन्हें मिस्टर-10 पर्सेंट भी कहा जाता है।

4. चामल राजपक्षे

  • 79 साल के चामल अप्रैल महिंदा के बड़े भाई हैं और शिपिंग एंड एविएशन मिनिस्टर रह चुके हैं। अब तक वह सिंचाई विभाग संभाल रहे थे।
  • चामल दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री सिरिमावो भंडारनायके के बॉडीगार्ड रह चुके हैं।

राजपक्षे भाइयों में सबसे कम विवादित चामल ही रहे हैं। लेकिन, राजपक्षे परिवार के श्रीलंका को लूटने के खेल में वो भी शामिल रहे हैं।

5. नामल राजपक्षे

  • 35 साल के नामल महिंदा राजपक्षे के बड़े बेटे हैं। 2010 में महज 24 साल की उम्र में वह सांसद बने थे। अब तक वह खेल और युवा मंत्रालय संभाल रहे थे।
  • उन पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं, जिससे नामल इनकार करते रहे हैं।
नामल को राजपक्षे परिवार की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी माना जाता है। कम उम्र में ही उन पर सरकारी धन की हेराफेरी के आरोप लग चुके हैं।

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