पटना: आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अधिकारी एक लापता मोबाइल फोन के निशान पर गर्म हैं, जिसमें YouTuber मनीष कश्यप के फर्जी वीडियो के प्रसार में कथित संलिप्तता के मामले में अहम सबूत हो सकते हैं, जिसने तमिलनाडु में बिहारियों के खिलाफ हिंसा को उकसाया था।
कश्यप, जो वर्तमान में पुलिस हिरासत में है, ने कथित तौर पर जांचकर्ताओं को बताया था कि उसका मोबाइल फोन उसके नोएडा स्थित फ्लैट में था। हालांकि, जब पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से फ्लैट पर छापा मारा तो फोन कहीं नहीं मिला।
पुलिस का मानना है कि लापता फोन का इस्तेमाल उन फर्जी वीडियो को रिकॉर्ड करने और प्रसारित करने के लिए किया गया होगा, जिसके कारण तमिलनाडु में बिहारियों के खिलाफ हिंसा हुई थी। अधिकारी अब फोन की तलाश कर रहे हैं, और उम्मीद है कि इसकी बरामदगी मामले पर अधिक प्रकाश डालेगी और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
कश्यप के दोस्त और यूट्यूब चैनल के निदेशक मणि द्विवेदी भी इस मामले में वांछित हैं। पुलिस ने पटना के महेश नगर में उनके अपार्टमेंट की तलाशी ली है और फिलहाल द्विवेदी की तलाश कर रही है।
तमिलनाडु पुलिस ने भी अदालत में ट्रांजिट रिमांड के लिए आवेदन किया है, यह दर्शाता है कि वे हिंसा में उनकी कथित भूमिका की जांच के लिए कश्यप को तमिलनाडु लाना चाहते हैं।
मामले ने व्यापक रूप से ध्यान आकर्षित किया है, कई लोगों ने घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रखी है। पुलिस पर मामले की तह तक जाने का दबाव है, और गुमशुदा फोन सबूत का एक महत्वपूर्ण टुकड़ा हो सकता है जो मामले को सुलझाने में मदद कर सकता है।