उत्तरप्रदेश
Trending

गोंडा : करवा चौथ को लेकर महिलाओं ने किया व्रत उपवास

परसपुर गोंडा: परसपुर ब्लॉक क्षेत्र में गुरुवार की रात्रि में चंद्र दर्शन उपरांत करवाचौथ व्रत को लेकर सुहागिन महिलाओं ने विधि विधान पूर्वक पूजा करके पति के दीर्घायु की मंगल कामना किया कहां जा रहा है कि कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत उपवास रहने की प्राचीन परंपरा है इस दिन सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत उपवास रहती हैं इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव माता पार्वती की पूजा करती हैं इसके साथ ही दिन भर निर्जला व्रत रहने के बाद शाम को चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद व्रत को खोलती हैं इस दिन करवा माता की विधिवत पूजा का विधि विधान है । शास्त्रों के अनुसार इस दिन पूजा करने के साथ कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए ऐसी मान्यता है कि बिना कथा के व्रत उपवास पूर्ण नहीं माना जाता है करवा चौथ की पौराणिक कथा के अनुसार तुंगभद्रा नदी के पास देवी करवा अपने पति के साथ रहती थी एक दिन उनके पति नदी में स्नान करने गए थे । तो वहां उन्हें एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और नदी में खींचने लगा करवा के पति उन्हें पुकारने लगे। आवाज सुनकर जैसे ही करवा दौड़कर नदी के पास पहुंची , तो उसने देखा कि मगरमच्छ उनके पति को मुंह में पकड़कर नदी में खींच रहा था । यह देखकर करवा ने एक कच्चा धागा लिया , और मगरमच्छ को एक पेड़ से बांध दिया । करवा का सतीत्व इतना मजबूत था कि वो कच्चा धागा टस से मस नहीं हुआ। ऐसी स्थित में मगरमच्छ और करवा के पति दोनों के ही प्राण संकट में होने लगे फिर करवा ने यमराज को याद किया कि उनके पति को जीवनदान और मगरमच्छ को मृत्युदंड के लिए करवा ने यमराज से प्रार्थना किया । लेकिन यमराज ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया उन्होंने कहा कि मगरमच्छ की आयु अभी बाकी है। वह उसे मृत्युदंड नहीं दे सकते हैं । लेकिन उनके पति की आयु शेष नहीं है। यह सुनकर करवा बेहद क्रोधित होकर यमराज को ललकार दिया । करवा के श्राप से डरकर यमराज ने तुरंत ही मगरमच्छ को यमलोक भेज दिया साथ ही करवा के पति को जीवनदान दे दिया। इसी प्रकार से करवा चौथ को व्रत उपवास एवं पूजन की अनेकों कथाएं प्रचलित हैं बरसात के चलते रुपया पैसा धन के मोहताज वाले गरीबों के लिए मिट्टी निर्मित करवा खरीद पाना भी महंगा लगा । वहीं रुपया पैसा के धनी अमीर लोगों ने फूल कांसा जैसे धातु के बने करवा की खूब खरीददारी किया । विवाहित स्त्रियों के मायके से करवा आने की प्रथा गांव में गरीब परिवारों में अभी भी कायम है । सुख समृद्धि धन दौलत वाले बड़े अमीर घरों में इसका प्रचलन अब विलुप्त सा होता दिख रहा है ।इस प्रकार से सभी स्त्रियों ने करवा चौथ का व्रत उपवास रखकर अपने पति की लंबी आयु की मंगल कामना की ।

Related Articles

Back to top button