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विश्वविद्यालयों में छात्रों के सुधार की गाइडलाइन लागू कराएं….UGC

बीएचयू सहित अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयो को भी यूजीसी की गाइडलाइन लागू करने का निर्देश

अनुशासनहीनता के दोषी छात्रों में सुधार और संस्था के अनुशासन के बीच संतुलन जरूरी:हाईकोर्ट

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह विश्वविद्यालयों में अनुशासनहीनता की कार्रवाई का सामना कर रहे छात्रों के सुधार और पुनर्वास के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा नारायण मिश्रा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, मोहम्मद ग्यास बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और पीयूष यादव बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में दिए गए अदालत के निर्देशों का पालन कराए। कोर्ट ने इन आदेशों के अनुपालन में यूजीसी द्वारा 12 अप्रैल 2023 को जारी गाइडलाइन भी सभी विश्वविद्यालय में लागू करने का निर्देश दिया है। कहा है कि इन नियमों को विश्वविद्यालय अपने यहां की परिनियमावली में 6 माह के भीतर शामिल करें।बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बीए के छात्र रौनक मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सभी विश्वविद्यालयों को छात्रों के सुधार व पुनर्वास के लिए जारी अदालत के निर्देश और यूजीसी की गाइडलाइन लागू करने पर विस्तृत आदेश पारित किया है। रौनक मिश्रा सहित 6 छात्रों को बीएचयू के रजिस्ट्रार ने 8 अक्टूबर 2022 के आदेश से निलंबित कर दिया था । उनके परीक्षा में शामिल होने पर भी रोक लगा दी थी। इन सभी पर एक छात्र महेंद्र पटेल से मारपीट में शामिल होने का आरोप है। याची की निलंबन वापस लेने की अर्जी भी विश्वविद्यालय में खारिज कर दी । उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर निलंबन आदेश रद्द करने की मांग की। याची के अधिवक्ता का कहना था कि उसे सुधार का एक मौका मिलना चाहिए जबकि विश्वविद्यालय ने याची को सुधार का कोई अवसर दिए बिना सिर्फ दंडात्मक कार्रवाई की है । ऐसा करके इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा नारायण मिश्रा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य मुकदमों में दिए गए आदेश का पालन नहीं किया। जिससे छात्र का न सिर्फ पूरा भविष्य नष्ट हो गया बल्कि कानून के राज पर भी चोट की है। विश्वविद्यालय ने कार्रवाई करते समय नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया तथा छात्र को उसकी गलती से ज्यादा दंड दिया गया है। जबकि बीएचयू के अधिवक्ता विमलेंदु त्रिपाठी का कहना था कि विश्वविद्यालय अदालत के आदेश और यूजीसी की गाइडलाइन का पालन करने के लिए बाध्य है। छात्र को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई है। वहीं यूजीसी के अधिवक्ता रिजवान अली अख्तर का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में यूजीसी ने 12 अप्रैल 2023 को गाइडलाइन जारी कर दी है। उन्होंने यूजीसी द्वारा जारी गाइडलाइन की प्रति कोर्ट में दाखिल की तथा बताया कि यूजीसी ने बीएचयू के साथ मीटिंग कर छात्रों के सुधार की योजना लागू करने और इसे विश्वविद्यालय के परिनियमों में शामिल करने पर चर्चा की है। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि याची छात्र के विरुद्ध कार्रवाई करने में विश्वविद्यालय ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया है। कोर्ट ने याची रौनक मिश्रा के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई को रद्द करते हुए उसे नियमित छात्र के रूप में विश्वविद्यालय जाने का निर्देश दिया है।

सरकार और विश्वविद्यालय को निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, यूजीसी और विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि सरकार अपने क्षेत्राधिकार वाले विश्वविद्यालयों में यूजीसी की गाइडलाइन लागू करवाए तथा सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इसे यूजीसी के साथ मिलकर लागू किया जाए। गाइडलाइन के क्रियान्वयन की निगरानी की व्यवस्था कानून के अनुसार सुनिश्चित की जाए। इसके लिए नियमित रूप से कार्यशालाओं व्याख्यानो का आयोजन किया जाए । तथा सभी विश्वविद्यालयों के अनुभवों को साझा करने के लिए एक लाइब्रेरी स्थापित की जाए ताकि विश्वविद्यालय एक दूसरे के अनुभवों का लाभ लेकर अपने कार्यक्रम को और उन्नत बना सकें। कोर्ट ने कहा की सजा ऐसी होनी चाहिए जिससे संस्था के अनुशासन और छात्र में सुधार के बीच संतुलन बना रहे।

नए आयोग का कामकाज शुरू नहीं, होने लगे केस

आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में हुईं आधा दर्जन याचिकाएं 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने अभी कामकाज शुरू भी नहीं किया है और उसके खिलाफ न्यायालयों में मुकदमे होना शुरू हो गए हैं। कार्यवाहक अध्यक्ष और प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को पहली औपचारिक बैठक से पहले ही नए आयोग के खिलाफ लगभग आधा दर्जन मुकदमे हाईकोर्ट में हो चुके हैं। याचिकाकर्ताओं ने एरियर, एसीपी जैसे मुकदमों में नवगठित आयोग को पार्टी बनाया है।वहीं प्रयागराज के ही एक अल्पसंख्यक विद्यालय स्टैंडर्ड इंटर कॉलेज मऊआइमा ने वर्षों से शिक्षक भर्ती न होने के कारण आयोग को पार्टी बनाते हुए हाईकोर्ट में मुकदमा किया है क्योंकि अल्पसंख्यक संस्थाओं में शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी भी इस नए आयोग को ही दी गई है। 2017 में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने अल्पसंख्यक कॉलेजों में शिक्षक भर्ती पर रोक लगा दी थी। उसके बाद से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई। पुराने शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के कारण कॉलेज संचालन में अड़चन आ रही है।

मुकदमों का बोझ लेकर काम शुरू करेगा आयोग

प्रयागराज। नवगठित आयोग की शुरुआत हजारों मुकदमों के साथ होने जा रही है। नए आयोग में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय हो रहा है। वर्तमान में चयन बोर्ड के ऊपर ढाई हजार से अधिक मुकदमे लंबित हैं। वहीं उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तकरीबन 500 मुकदमों की पैरवी कर रहा है। आने वाले समय में उच्चतर और चयन बोर्ड की सारी संपत्ति, देनदारियों के साथ ही मुकदमों का बोझ भी नए आयोग के पास ही जाएगा। कार्यवाहक अध्यक्ष ने शुक्रवार को हुई पहली बैठक में ही एक कमेटी का गठन कर दिया है, जो मुकदमों की पैरवी के लिए अधिवक्ताओं के चयन की सिफारिश करेगी।

महज चार मिनट में यूजी-पीजी के छात्र-छात्राओं का करेंगे मूल्यांकन

परीक्षा नियंत्रक ने एक दिन में 100 कॉपी जांचने के दिए निर्देश

एक दिन में 40-50 कॉपी जांचकर घर चले जा रहे थे शिक्षक

एक महीने में 25 लाख से अधिक कापियों के मूल्यांकन का लक्ष्य

प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय परिसर एवं संबद्ध कॉलेजों में स्नातक एवं परास्नातक के विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन महज चार मिनट में होगा। शिक्षकों के मूल्यांकन के लिए राज्य विवि परीक्षा विभाग ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है।अब शिक्षकों को एक दिन में कम से कम 100 उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्यांकन करना होगा। तभी शिक्षकों का दैनिक वेतन भत्ता मिलेगा। इससे कम कॉपी जांचने पर शिक्षकों को भत्ता नहीं मिलेगा।बीते छह मई से सुबह दस से पांच बजे के मध्य परिसर स्थित परीक्षा विभाग में मूल्यांकन काम शुरू है। सात घंटे यानी 420 मिनट में 100 उत्तर पुस्तिकाओं को अनिवार्य रूप से जांचना होगा। ऐसे में एक कॉपी जांचने के लिए शिक्षक के पास करीब चार मिनट का वक्त मिलेगा। अभी स्नातक में प्राचीन इतिहास विषय की कॉपियों का मूल्यांकन चल रहा है।

सूत्रों की माने तो इससे पहले एक दिन में कॉपियां जाचंने का कोई नियम नहीं था। शिक्षक एक दिन में 40 से 50 कॉपी जांचते थे।

15 जून तक जारी होगा रिजल्ट कुलपति ने कहा कि शैक्षिक सत्र 2024-25 का संचालन जारी एकेडमिक कैलेंडर के मुताबिक हो सके। इसके लिए सम सेमेस्ट की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराना चुनौती है। उम्मीद है कि पंद्रह जून तक पीजी और इसके यूजी का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। समय से मूल्यांकन कराने के लिए स्ववित्तपोषिक कॉलेज के शिक्षकों को भी मूल्यांकन में लगाया जाएगा।

25 लाख कॉपियों का मूल्यांकन

कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि 15 अप्रैल से यूजी व पीजी सेमेस्टर की परीक्षा शुरू है। परीक्षा का समापन 15 मई को होगा। मंडल (प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फतेहपुर) के 219 केंद्रों पर परीक्षा चल रही है। सवा पांच लाख विद्यार्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं। शिक्षकों को तकरीबन 25 लाख कॉपियों का मूल्यांकन करना होगा। 360 शिक्षक मूल्यांकन में लगे हैं। शिक्षकों के लिए कम से कम 100 और अधिक से अधिक 150 कॉपी जांचने के लिए कहा गया है।

म्यूचुअल फंड में भेदिया कारोबार पर रोक लगेगी

30 दिन में अनुचित आचरण पर मानक प्रक्रिया तैयार होगी

सेबी ने संस्थागत व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया था

नई दिल्ली, हिन्दुस्तान ब्यूरो एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) अनुचित आचरण यानी भेदिया कारोबार पर लगाम कसने के लिए परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया बनाएगी। यह प्रक्रिया एक महीने में तैयार हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि बाजार नियामक सेबी ने अपनी पिछली बोर्ड बैठक में बाजार का गलत फायदा उठाने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए संस्थागत व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया था।एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी वेंकट चलसानी ने कहा कि हम एक समिति के साथ इन उपायों पर चर्चा कर रहे हैं। हम इसे एक महीने के भीतर जारी कर देंगे और एएमसी को सूचना भेजेंगे। समिति के साथ चर्चा के बाद मानक परिचालन प्रक्रिया बनाई जाएगी और सेबी की जांच के बाद इसे एएमसी को भेजा जाएगा। 30 अप्रैल की बोर्ड बैठक में सेबी ने ऐसी व्यवस्था बनाने के फैसले को मंजूरी दी थी।

भेदिया कारोबार क्या होता है फ्रंट-रनिंग तब होती है जब कोई दलाल या निवेशक किसी व्यापार में शामिल होता है क्योंकि उन्हें एक बड़े गोपनीय सौदे के बारे में पहले से पता होता है- जो एसेट की कीमत को प्रभावित करेगा। फ्रंट-रनिंग को फॉरवर्ड-ट्रेडिंग या टेलगेटिंग के रूप में भी जाना जाता है।इसे लेकर करीब साल भर पहले मई 2023 में सेबी ने एक परामर्श पत्र जारी किया था। दरअसल, बाजार में फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग के मामलों में अचानक काफी तेजी देखी जा रही थी। ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सेबी ने परामर्श पत्र जारी कर बाजार के विभिन्न प्रतिभागियों के सुझावों को जानने का प्रयास किया था।

क्या है फैसलों में खास सेबी के फैसलों के मुताबिक, एसेट मैनेजमेंट कंपनी के पास एक आंतरिक तंत्र होना चाहिए जो बाजार में गड़बड़ी की संभावनाओं का पता लगा कर रोक सके।

शेयर बाजार में रौनक लौटी सेंसेक्स 260 अंक सुधरा

विदेशी बाजारों में मजबूत रुख के बीच घरेलू शेयर बाजार के दिग्गज शेयरों रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी और भारती एयरटेल में तेजी के दम पर गिरावट थमी और दोनों सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 260.30 अंक चढ़कर 72,664.47 अंक पर बंद हुआ।

सेबी ने दिया था निर्देश

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने 30 अप्रैल की बोर्ड बैठक में इस तरह की व्यवस्था शुरू करने के फैसले को मंजूरी दे दी। नियामक व्यापक फ्रेमवर्क का निर्देश देगा जबकि एम्फी मानक तैयार करेगा। सेबी ने जानकारी के दुरुपयोग के मामलों की पहचान करने के लिए आंतरिक नियंत्रण प्रक्रिया बनाने का निर्देश दिया है।

संतकबीरनगर में घूस लेते लिपिक को रंगे हाथ दबोचा 

संतकबीरनगर, निसं। एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा के कार्यालय में तैनात लिपिक को 50 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी लिपिक एक प्रभारी प्रधानाध्यापक से वेतन विसंगति दूर करने के लिए रुपये ले रहा था। टीम ने आरोपी पर केस मुकदमा दर्ज कराया।शिक्षा क्षेत्र खलीलाबाद के कंपोजिट विद्यालय नैनाझाला के प्रभारी प्रधानाध्यापक कृष्ण चंद्र का आरोप है कि तीन साल से उनके वेतन की विसंगति दूर नहीं हो पा रही है। वह अपने समकक्ष शिक्षकों से एक स्केल कम वेतन पा रहे हैं। वेतन की विसंगति दूर करने के लिए वह लगातार वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के बाबू शरदेंदु कुमार से संपर्क कर रहे थे, लेकिन वह मामले को टाल देते थे।

कस्तूरबा आवासीय छात्रावास का निर्माण अधर में लटका 

हर्रैया, हिसं। कस्बे में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के बगल इंटर की पढ़ाई के लिए बालिका छात्रावास का निर्माण कार्य अधर में है। नए शिक्षा सत्र में छात्रावास में रहकर बेटियों को इंटर की पढ़ाई करने का सपना अभी पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है।हर्रैया में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में बेटियों को आठवीं पास के बाद उनकी आगे की शिक्षा बाधित न हो इसलिए इंटर तक की पढ़ाई के लिए सत्र 2022-23 में एक करोड़ सोलह लाख रुपये की लागत से छात्रावास का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। छात्रावास में रहकर छात्राएं पास के शासकीय व अर्द्धशासकीय स्कूलों में दाखिला लेकर पढ़ाई करेंगी। इस छात्रावास में सरकार द्वारा खाने-पीने, कॉपी व किताब जैसी सभी सुविधाएं निशुल्क दी जाएंगी। यहां 100 छात्राओं के लिए 23 कमरे व शौचालय, किचन का निर्माण कार्य किया गया हैं। कार्यदायी संस्था के ठेकेदार बीके सिंह ने बताया कि छात्रावास का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। बिजली वायरिंग व टाइल्स, रंग-रोगन का सिर्फ कार्य बचा है। दो माह में पूरा कराकर भवन को हैंडओवर कर दिया जाएगा।

मुठभेड़ में प्रधानाचार्य का हत्यारोपी गिरफ्तार

बगही बगिया के पास घेराबंदी कर संयुक्त टीम ने की कार्रवाई

बभनान/गोंडा, हिटी। प्रधानाचार्य की हत्या के इनामी आरोपी अजय वर्मा को करीब दो माह बाद गुरुवार रात पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ के दौरान उसके दाहिने पैर में गोली लगी है। घायल हत्यारोपी को फौरन सीएचसी पहुंचाया गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे गोंडा रेफर कर दिया गया। उसके कब्जे से अवैध तमंचा, तीन खोखा, एक कारतूस और बाइक बरामद की गई है। एएसपी पूर्वी मनोज कुमार रावत और सीओ राजेश सिंह भी मौके का जायजा लिया है।एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि बीते 03 मार्च की रात करीब 01.00 बजे छपिया थानाक्षेत्र के ग्राम चान्दारती में पुरानी रंजिश को लेकर सीडी यादव इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके मामा आज्ञा राम की तहरीर पर अजय वर्मा और राज सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमों का गठन किया गया था। उन्होंने बताया कि आरोपी राज सिंह गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जबकि, मुख्य आरोपी अजय वर्मा पुत्र जोखू वर्मा निवासी सिसहनी घटना के बाद से फरार था। उसकी गिरफ्तारी पर 25,000 रुपए के इनाम की घोषणा पुरस्कार घोषित किया गया था । बकौल एसपी, गुरुवार रात करीब पौने नौ बजे मुखबिर की सूचना पर थाना छपिया, उमरीबेगमगंज व एसओजी/सर्विलांस की संयुक्त टीम ने आरोपी अजय वर्मा की गिरफ्तारी के लिए बगही बगिया के पास घेराबन्दी की थी। वहां, हुई मुठभेड़ के बाद आरोपी अजय वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके विरुद्ध थाना छपिया पुलिस द्वारा विधिक कार्यवाही की जा रही है। गिरफ्तार करने वाली टीम में एसओ छपिया कृष्ण गोपाल राय, एसओ उमरीबेगमगंज संजीव वर्मा, स्वाट प्रभारी सर्वजीत गुप्ता, साइबर प्रभारी शादाब आलम, सर्विलास प्रभारी सुनील सिंह मय टीम शामिल रहे।

बाल संरक्षण आयोग में लगाई न्याय की गुहार 

गौर, हिसं। पैकोलिया थानाक्षेत्र के कठौतिया सांवडीह परिषदीय विद्यालय में मोमबत्ती से छात्र का हाथ जलाकर प्रताड़ित करने का मामला बाल संरक्षण आयोग उत्तर प्रदेश व राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग तक पहुंचा है। तत्कालीन प्रधानाध्यापिका रुकैया अख्तर पर बच्चे को प्रताड़ित करने का आरोप है। पीड़ित के परिजनों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन से न्याय नहीं मिलने पर आयोग का दरवाजा खटखटाया है।पीड़ित की मां निशा मौर्य का कहना है कि प्रधानाध्यापिका ने 22 अप्रैल को घड़ी चोरी का आरोप उनके पांच वर्षीय बेटे पर लगाते हुए उसे बुरी तरह प्रताड़ित किया। घटना की सूचना पैकोलिया थाने में देने के साथ ही एसपी व डीएम को शिकायती-पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई गई। बीएसए ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए दो सदस्यीय टीम बनाकर जांच कराई। प्रधानाध्यापिका को बीआरसी गौर से सम्बद्ध कर दिया गया है। परिजन अब तक हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।

बच्चों की पढ़ाई में शिथिलता पर कड़ी कार्रवाई होगी : डीएम

श्रावस्ती । शुक्रवार को मतदान केन्द्रों का निरीक्षण करने पहुंचीं डीएम कृतिका शर्मा ने स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का स्तर भी देखा। इस दौरान बच्चों की पढ़ाई कमजोर होने पर संबंधित शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी।डीएम ने विकास खण्ड गिलौला के मतदेय स्थल प्राथमिक विद्यालय अहिराघासी, प्राथमिक विद्यालय खैराकला, प्राथमिक विद्यालय औरैया निधान, गौरी शंकर टंडन नेहरू स्मारक इंटर कालेज, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय तिलकपुर एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुविखा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मतदान केन्द्रों में सभी व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त रखने का निर्देश खंड विकास अधिकारी गौरव पुरोहित को दिया। इस दौरान प्रत्येक मतदेय स्थल पर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की संख्या व नाम, मतदेय स्थल की संख्या व नाम, निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का पदनाम, सम्बन्धित उपजिलाधिकारी का नाम, सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का पदनाम, खण्ड विकास अधिकारी का नाम, सुपर वाइजर का नाम व पद, बीएलओ का नाम व पद, मतदाता पंजीकरण केन्द्र का नाम एवं सम्बन्धित क्षेत्र के थानाध्यक्ष का नाम व नम्बर अंकित कराने का निर्देश दिया।

शिक्षकों की कमी से घट रही विद्यार्थियों की संख्या

लखनऊ। राजधानी के करीब 40 फीसदी अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की कमी है। इससे इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या सीमित होती जा रही है। आलम यह है कि कुछ विद्यालयों में 50 तो कुछ में 100 छात्र ही हैं।राजधानी के कई ऐसे विद्यालय हैं जहां वर्षों से विषयवार शिक्षक नहीं हैं। इससे विद्यार्थी नाम कटवाकर दूसरे स्कूलों में नाम लिखवा रहे हैं। माध्यमिक शिक्षक संघ के मुताबिक, अनुदानित विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने पर फोकस करने के बजाय विभाग समायोजन की तैयारी कर रहा है। इससे शिक्षण कार्य व्यवस्था और खराब होगी, क्योंकि ऐसे कई विद्यालय हैं जहां छात्रों की तुलना में शिक्षकों की कमी है।

ये विद्यालय बानगी इंडस्ट्रियल इंटर कॉलेज बांसमंडी में भौतिक विज्ञान, गणित, अंग्रेजी व इतिहास जैसे मुख्य विषयों के शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों कमी से विद्यालय में हर साल बच्चों की संख्या में कम होती जा रही है। वर्तमान में छठवीं से 12 कक्षा तक सिर्फ 50 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। ऐसे ही विश्व नारायण इंटर कॉलेज हजरतगंज में विज्ञान व अंग्रेजी के शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की कमी से विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा है। यहां 100 विद्यार्थियों पर सिर्फ पांच शिक्षकों की तैनाती है।

अनुदानित विद्यालयों का हो राजकीयकरण

राजधानी में 100 से अधिक अनुदानित माध्यमिक विद्यालय हैं, लेकिन ज्यादातर में विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की संख्या बढ़ाने से ही शिक्षा में सुधार होगा। समायोजन से पहले अनुदानित विद्यालयों का राजकीयकरण होना चाहिए। – सोहनलाल वर्मा, अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ, एकजुट

दूर होगी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी

समायोजन से पहले विद्यालयों से छात्र और शिक्षकों का डाटा मांगा गया है। इसके आधार पर ही शिक्षकों का समायोजन होगा। जिन विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की कमी है। उसे भी दूर किया जाएगा, ताकि माध्यमिक विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। – राकेश कुमार, डीआईओएस

नई शिक्षक भर्ती में लगेगा वक्त, हर पद के लिए तैयार होगी नियमावली

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग नई भर्तियों का विज्ञापन नई नियमावली तैयार होने के बाद ही जारी करेगा। अलग अलग प्रकार के पदों के लिए अलग अलग नियमावली बनाई जानी है, जिसके लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। नियमावली तैयार होने में वक्त लगेगा। ऐसे में अभ्यर्थियों को नई भर्ती के लिए अभी इंतजार करना होगा। वहीं, पुरानी लंबित भर्तियां, पुरानी नियमावली के तहत ही पूरी कराने की तैयारी है।नए शिक्षा सेवा चयन आयोग में उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को समाहित किया गया है। सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक, प्रवक्ता एवं प्रधानाचार्य और अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर और प्राचार्य के पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी शिक्षा सेवा चयन आयोग पर ही होगी। वहीं, अनुदेशक भर्ती और परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती भी नया आयोग कराएगा। अल्पसंख्यक महाविद्यालयों में भी शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी शिक्षा सेवा चयन आयोग के पास होगी। सभी भर्तियों के लिए अलग-अलग अर्हताएं निर्धारित हैं। ऐसे में अलग अलग पदों पर भर्ती के लिए उनसे संबंधित नियमावली भी बनाई जारी है, जिसके लिए आयोग ने एक कमेटी गठित कर दी है।यह कमेटी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों से संबंधित नियमावली का भी अध्ययन करेगी। नई नियमावली में अर्हता निर्धारण के साथ पूरी चयन प्रक्रिया को शामिल किया जाएगा। मसलन, विज्ञापन जारी होने की तिथि के बाद कितने दिनों में परीक्षा कराई जाएगी, परीक्षा की प्रक्रिया क्या होगी, इंटरव्यू कितने दिनों में कराया जाएगा, अगर कोई अभ्यर्थी गलत सूचना देता है तो उसका अभ्यर्थन निरस्त करने की प्रक्रिया क्या होगी।इन बिंदुओं के अलावा भी भर्तियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं को नई नियमावली में शामिल किया जाएगा। नियमावली तैयार होने के बाद आयोग से इसे स्वीकृति मिलेगी और इसके बाद शासन स्तर से इसे अनुमोदित किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आयोग शिक्षक भर्ती के लिए नए विज्ञापन जारी करेगा। प्रक्रिया लंबी है, सो अभ्यर्थियों को नई भर्ती के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।वहीं, आयोग के गठन से पूर्व अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी के 4,163 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि दोनों लंबित भर्तियों को पुरानी नियमावली के तहत पूरा कराया जाएगा, क्योंकि इन भर्तियों का विज्ञापन नए आयोग के गठन से पहले जारी हो गया था।

परिषदीय स्कूलों में 17 तरह की खेल प्रतियोगिताओं का कैलेंडर जारी

लखनऊ।परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए 17 तरह की खेल प्रतियोगिताओं का कैलेंडर जारी कर दिया गया है। स्कूल, न्याय पंचायत, ब्लाक, जिला, मंडल और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होंगी और 30 नवंबर को खत्म होंगी। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षाधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। सभी 1.34 लाख परिषदीय विद्यालयों को के लिए 10-10 हजार रुपये की धनराशि पहले ही दी जा चुकी है। हाकी, तैराकी, कुश्ती, हैंडबाल, वालीबाल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, फुटबाल, जूडो, खो-खो, ,एथलेटिक्स जिमनास्टिक, क्रिकेट, कबड्डी, ताइक्वांडो, योगासन और इसके साथ-साथ नृत्य व गायन स्तर की प्रतियोगिताएं होंगी। ये प्रतियोगिताएं, बालक व बालिका वर्ग की होंगी। सभी जिलों में टीमें गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। विद्यालयों में प्रतिदिन खेलकूद की गतिविधियां आयोजित होंगी। सप्ताह में चार दिन विभिन्न खेल व व्यायाम और दो दिन स्काउट-गाइड की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। खेल इंडिया एप सभी प्रधानाध्यापक डाउनलोड करेंगे और विद्यार्थियों का मूल्यांकन कर उसकी रिपोर्ट देंगे. 11 वर्ष तक की आयु के विद्यार्थी प्राथमिक स्तर के लिए और 11 से 14 वर्ष तक की आयु के विद्यार्थियों को जूनियर स्तर की टीम में रखा जाएगा। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में टीम प्रतिस्पर्धा में 10 अंकों में और व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में पांच अंकों में मूल्यांकन किया जाएगा।

शिक्षकों से अवैध वसूली करने के आरोपी शिक्षक पर विभागीय शिकंजा

ज्ञानपुर। सीबीआई अफसर बनकर शिक्षकों से अवैध वसूली करने के आरोपी तुलापुर रोही के सहायक अध्यापक अनुराग तिवारी के खिलाफ विभागीय शिकंजा कसने लगा है। कोर्ट के आदेश के बाद अब बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी डीघ सुमन केसरवानी को जांच सौंपी है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सबिहा खातून की अदालत ने सुजातपुर गांव निवासी पुनीत कुमार तिवारी के प्रार्थना पत्र पर सहायक अध्यापक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है। कोर्ट की सख्ती के बाद विभाग हरकत में आया है। अभी तक पुलिस ने मामले में मुकदमा नहीं दर्ज किया है, लेकिन विभागीय स्तर से सख्ती शुरू हो गई है। आरोपी शिक्षक का विभाग के एक अधिकारी से संबंध था, जिसके कारण पहले उस पर कार्रवाई नहीं की गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सहायक अध्यापक अनुराग तिवारी के खिलाफ शिकायत मिली है। खंड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई जाएगी

शिक्षकों को पोर्टल पर देना होगा संपत्ति का विवरण

मुजफ्फरनगर। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। अब शिक्षक-शिक्षिकाओं को अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।डीआईओएस डॉ. धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि मानव संपदा पोर्टल राज्य के सरकारी कर्मचारियों व शिक्षकों को विभिन्न ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करता है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों व शिक्षकों के लिए सेवाओं को आसान और पारदर्शी बनाना है। पोर्टल के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाएं ऑनलाइन अवकाश के लिए आवेदन कर सकते हैं और इसकी स्थिति भी ट्रैक कर सकते हैं। अपना वेतन विवरण देख सकते हैं। पदोन्नति, स्थानांतरण, और पेंशन आदि के लिए भी आवेदन किया जा सकता है।पोर्टल के नोडल अधिकारी व प्रधानाचार्य डॉ. विकास कुमार ने बताया कि कर्मचारी अब घर बैठे ही विभिन्न सेवाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल का उपयोग करने से कर्मचारियों का समय बचता है, क्योंकि उन्हें अब कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा मानव संपदा पोर्टल पर माध्यमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों को अपनी चल अचल संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर देना होगा। इसके लिए 18 मई अंतिम तिथि रखी गई है। यदि शिक्षक समय सीमा के अंदर अपनी संपत्ति का विवरण अपडेट करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

इन संपत्तियों का देना होगा विवरण

पोर्टल के नोडल डॉ. विकास कुमार ने बताया कि शिक्षकों को अपनी बैंक जमा, शेयर, वाहन, गहने, और अन्य मूल्यवान वस्तुओं के साथ-साथ जमीन, भवन, और अन्य संपत्तियों का जिक्र भी करना होगा। शिक्षकों को केवल वही संपत्ति घोषित करनी होगी जो उनके नाम पर या उनके आश्रितों के नाम पर है। यदि शिक्षक किसी संपत्ति के सह-स्वामी हैं, तो उन्हें संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी का भी उल्लेख करना होगा। शिक्षकों को हर साल अपनी संपत्ति का विवरण अपडेट करना होगा।

जिले में 1622 शिक्षक-शिक्षिकाएं कार्यरत

डीआईओएस डॉ. धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि जिले में माध्यमिक के 41 राजकीय और 71 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय हैं, जिनमें कुल 1622 शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल है। इनमें प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता और सहायक अध्यापक शामिल है। हालांकि स्वीकृत पद अधिक हैं, लेकिन बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं।

इस स्टूडेंट ने बनाया कूड़ा पास आते ही खुल जाने वाला डस्टबिन

लखनऊ प्रमुख संवाददाता एआर जयपुरिया के एक छात्र ने स्कूल की प्रदर्शनी में ऐसा मॉडल बनाया जिसे देखकर टीचर मंत्रमुग्ध हो गए। छात्र ने हाइजेनिक सेंसर आधारित डस्टबिन बनाया जो कूड़ा पास में आते ही अपने आप खुल जाता है।कक्षा छह के छात्र कृष्णा ने इसमें ऑर्डिनो की मदद से मोटर और सेंसर को आपस में जोड़ा। ऑर्डिनो दरअसल एक ओपन सोर्स यानी इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड होता है। इससे सेंसर के संदेश को आउटपुट में बदला जा सकता है। कृष्ण ने इस तरह डस्टबिन को डिजाइन किया कि कूड़ा पास आते ही सेंसर उसे समझ लेगा। इसके बाद आर्डिनो उस संदेश को मोटर तक भेजेगा जो कि कूड़ेदान का ढक्कन खोल देगा। इस मॉडल को उसने हाईजेनिक सेंसर बेस्ड बिन नाम दिया है। इसी तरह कृष्णा गंगवार ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से एयर प्यूरिफायर का मॉडल भी बनाया। इसमें भी मोटर का प्रयोग किया गया है। मोटर हवा को तेजी से भीतर खींचता है जो फिल्टर से होते हुए गुजरती है। हवा में मौजूद धूल के कण व अन्य अशुद्धियां फिल्टर में अटक जाती हैं जबकि दूसरी ओर से साफ हवा तेजी से बाहर आती है। प्रदर्शनी में कई छात्रों के मॉडल सराहनीय रहे।

कर्मचारियों को साल के अंत तक मिलेगा आवास 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। रेलवे के कर्मचारियों को साल के अंत तक नया आवास मिलेगा। सभी कार्यालय में कर्मचारियों को ठंडा पानी उपलब्ध कराया जाएगा। प्रयागराज मंडल के डीआरएम हिमांशु बडोनी ने एनसीआरईएस की दो दिवसीय पीएनएम की बैठक में आश्वासन दिया है।डीआरएम हिमांशु बडोनी की अध्यक्षता में दूसरे दिन शुक्रवार को आयोजित बैठक में एनसीआरईएस के महामंत्री आरपी सिंह ने कई मुद्दों को उठाया था। इनमें आवास और कर्मचारियों को ठंडा पानी देने का मुद्दा अहम था। महामंत्री की मांगें सुनने के बाद डीआरएम ने आश्वासन दिया। यूनियन के महामंत्री ने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में सरलता, एनसीआरईएस के कार्यालयों का रखरखाव, कर्मचारियों से आठ घंटे से अधिक ड्यूटी, इंजीनियरिंग विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को साइकिल और समयोपरि भत्ता देने का मुद्दा भी उठाया। बैठक के समापन में डीआरएम ने एनसीआरईएस के सहयोग की सराहना करते हुए कहा, मंडल के उत्कृष्ट प्रदर्शन में आप सभी का बड़ा योगदान है। एनसीआरईएस की तरफ से उठाए गए सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा। बैठक में अपर मंडल रेल प्रबन्धक (सामान्य) संजय सिंह, अपर मंडल रेल प्रबन्धक (ओपी) अजय कुमार राय आदि मौजूद रहे।

आरोपी शिक्षक के पक्ष में बीईओ को सौंपा ज्ञापन

हनुमानगंज। बहादुरपुर ब्लॉक संसाधन केंद्र के अंतर्गत एक विद्यालय के शिक्षक पर लगे छेड़खानी के आरोप को गलत बताते हुए दर्जनों महिलाओं ने खंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना था कि शिक्षक को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। शुक्रवार को दर्जनों महिला-पुरूष उसी प्राइमरी स्कूल पर जमा हो गए और शिक्षक के पक्ष में नारेबाजी की। उन्होंने ऐसे स्कूल में बच्चों को नहीं भेजने की बात कही तो प्रधानाध्यापिका ने खंड शिक्षा अधिकारी को बुला लिया। बीईओ को ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा।

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