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गोंडा : सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेशों का नही है अधिकारियों में खौफ

गोंडा : सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहाँ एक तरफ अधिकारियों को जन शिकायत निस्तारण को लेकर बैठकों में भी अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हैं और उनका प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने की बात कहते हैं। यहां तक कि लापरवाही करने पर दंडित करने की बात कहने में भी कोई गुरेज नहीं करते, लेकिन जिले के अधिकारियों व परसपुर थानेदारों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है। पीड़ित पक्ष के देव नारायण सिंह पुत्र स्वर्गीय परमेश्वर सिंह निवासी मलाव परसपुर हट्टी पुरवा ने बताया कि मारपीट मामले में परसपुर थाने के थानाध्यक्ष ने मुझे दिनभर थाने का चक्कर लगवाया लेकिन शाम 8 बजे तक मेरी रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया बोले की पहले जांच करेंगे मुझे अभी काम बहुत है । पीड़ित पक्ष ने बताया कि परसपुर एसएचओ के सामने विपक्षीगण ने जान से मारने की धमकी भी दी । लेकिन परसपुर थानाध्यक्ष ने कोई कार्यवाही नहीं की । एसपी नें अभी हाल में क्राइम बैठक में ही जनशिकायतों के निस्तारण करने पर जोर दिया था, लेकिन उनके दफ्तर पर आई शिकायतों के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि थानों पर अधिकारी जिम्मेदारी के साथ जनसमस्याओं का निस्तारण नहीं करते। थानों मे राजनीतिक हस्तक्षेप और दलालों का वर्चस्व सरकार चाहे जिस पार्टी की रही हो, लेकिन थाने दलालों से मुक्त नहीं हो पाए हैं। राजनीतिक हस्तक्षेप का आलम यह है कि अक्सर नेता उत्पीड़न करने वालों और आपराधिक तत्वों के पक्ष में पैरवी करते नजर आते हैं। पीड़ित व्यक्ति को खुद ही अपनी लड़ाई लड़नी पड़ती है। यही हाल दलालों का भी है। वे भी अपराधियों की तरफदारी करके मोटी कमाई करते और कराते हैं। इससे पीड़ित पक्ष को थाने से निराशा हाथ लगती है।

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