उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की शर्त समाप्त होगी
अयोध्या :- 17 जनवरी। उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की शर्तों को प्रदेश की भाजपा सरकार समाप्त करने जा रही है। प्रदेश सरकार की इस कार्यवाही के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस करके कड़ा विरोध जताया।
कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के तहत अनुसूचित जाति के किसी भी व्यक्ति को अपनी खेती की जमीन किसी गैर अनुसूचित जाति के व्यक्ति को बेचने के लिए जिलाधिकारी से मंजूरी लेना अनिवार्य है ।मंजूरी देते समय जिलाधिकारी यह देखते हैं की जमीन बेचने के बाद अनुसूचित जाति के व्यक्ति के पास 3.125 एकड़ से कम जमीन बचेगी या नहीं ।यदि अनुसूचित जाति के पास 3.12 5 एकड़ से कम जमीन बेच रही हो तो जिला अधिकारी उसे बेचने की अनुमति नहीं देते हैं। साथ ही जमीन बेचने के लिए पहली शर्त यह थी की जमीन बेचने वाले दलित का कोई वारिस ना हो तथा दूसरी शर्त यह थी कि अनुसूचित जाति का व्यक्ति किसी दूसरे प्रदेश में या कहीं और बस गया हो ,तीसरी शर्त की परिवार के किसी सदस्य को जानलेवा बीमारी से ग्रस्त होने पर विपदा की स्थिति में इलाज के लिए जमीन बेचना उसके लिए अपरिहार्य हो।
श्री अखिलेश यादव ने कहा उक्त अधिनियम इसलिए लाया गया था कि कोई भी रसूखदार व्यक्ति अपने धनबल व बाहुबल से किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन को जबरन हड़प ना ले ।परंतु अब प्रदेश सरकार इस अधिनियम की शर्तों को समाप्त करने जा रही है जिससे बड़े-बड़े व्यापारी एवं उद्योगपति दलितों की जमीनों पर अपने रसूख के बल पर कब्जा करने का प्रयास करेंगे और छोटे एवं मझोले दलित समुदाय के कृषक पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
जिला प्रवक्ता सुनील कृष्ण गौतम ने कहा कांग्रेस पार्टी सदैव गरीबों एवं दलितों के हितों के लिए संघर्षरत रहती है इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा लिए जा रहे इस प्रकार के दलित विरोधी निर्णय की कांग्रेस पार्टी घोर विरोध करती है।
महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल ने कहां प्रदेश की सरकार पूंजी वादियों की सरकार है और वह इस देश से गरीबी नहीं गरीबों को खत्म करने का प्रयास कर रही है अगर यह अधिनियम की रोक को हटा लिया जाता है तो इसका अनुसूचित जाति के व्यक्ति के जीवन पर बहुत गहरा और बुरा प्रभाव पड़ेगा।
पत्रकार वार्ता में प्रमुख रूप से पीसीसी सदस्य राजेंद्र प्रताप सिंह, राम अवध पासी, राम सागर रावत, प्रवीण श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
इसी मुद्दे को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष राम सागर रावत अपने समर्थकों के साथ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच कर जिला अधिकारी के प्रतिनिधि ए डी एम प्रशासन अमित कुमार सिंह के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा ।
इनकी मुख्य मांगे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जमींदारी उन्मूलन एवम भूमि सुधार 1950की धारा 89 को बदल दिया गया है, राम सागर रावत ने कहा कि सरकार इस कानून को वापस ले अन्यथा उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे ।इस अवसर पर प्रदीप कोरी प्रदेश सचिव, श्रीमती कंचन दूबे, उमेश उपाध्याय , राम करन कोरी,राम अवध,राम भोर रावत,नंद कुमार मो अहमद,अर्जुन सोनकर, अनिल सोनकर , सेवादल महानगर अध्यक्ष बसंत मिश्रा,बलवंत रावत के साथ दर्जनों की संख्या मे जिला कांग्रेस कमेटी अनूसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के कार्यकर्ता शामिल रहे ।