साधु संतों ने जमियत ए उलमा ए हिन्द के अध्यक्ष महमूद मदनी के बयान के रामलीला मैदान में कल दिए बयान की भर्त्सना की
गाजियाबाद स्थित शिवशक्ति धाम डासना में माँ बगलामुखी और सहस्त्र चण्डी महायज्ञ के 26 वे दिन महायज्ञ में उपस्थित साधु संतों ने जमियत ए उलमा ए हिन्द के अध्यक्ष महमूद मदनी के बयान के रामलीला मैदान में कल दिए बयान की भर्त्सना की और इस बयान के छिपे हुए निहितार्थ पर गहन मंथन किया।सभी साधु संतों का मानना था कि महमूद मदनी ने यह बयान गज़वा ए हिन्द की तैयारियों और प्रबुद्ध हिन्दू समाज मे अपना खौफ जांचने के लिए दिया है।
इस विचार विमर्श के बाद शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने महमूद मदनी के बयान पर एक वीडियो बनाकर अपना भी बयान जारी किया।
जारी वीडियो में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि महमूद मदनी का यह बयान की इस्लाम दुनिया का सबसे पुराना धर्म है,यह उनकी मानसिक विकलांगता को दर्शाता है।महमूद मदनी धर्म का अर्थ नहीं जानते।अगर वो धर्म का अर्थ जानते या समझते तो उन्हें पता होता कि इस्लाम कोई धर्म है ही नहीं बल्कि संगठित अपराधियों का एक गिरोह है जो बड़ी निर्ममता के साथ गैर मुस्लिमों की हत्या करके उनकी औरतो सहित उनकी जमीनों जायदाद व धन संपत्ति को छिन लेता है।इस्लाम की।पैदाइश को भारत से जोड़ने के महमूद मदनी के बयान सिरे से नकारने योग्य है पर इसके निहितार्थ को समझने की आवश्यकता है।महमूद मदनी का यह बयान उनके खतरनाक इरादों को बताता है कि वो भारतवर्ष को अब अपने शिकंजे में जकड़ने की तैयारी पूरी कर चुके हैं।हिन्दू समाज को महमूद मदनी के इस बयान को गम्भीरता से लेना चाहिये।
उन्होंने हिन्दुओ से यह भी कहा कि हिन्दुओ को समझ लेना चाहिये कि हिन्दुओ के जो नेता,धर्मगुरु और संगठन महमूद मदनी के बयान तक का विरोध नहीं कर पा रहे हैं, वो इस्लाम के खूनी शिकंजे से देश और हिन्दू समाज को कैसे बचा सकेंगे?हिन्दू नेताओ,धर्मगुरुओं और संगठनों की चुप्पी यह दर्शा रही है कि ये सब इस्लाम के ज़िहाद के समक्ष दयनीय समर्पण कर चुके हैं।अब हिन्दू समाज स्वयं ही अपने आप को बचाने के लिये खड़ा हो वरना इस समाज के शीघ्र नष्ट होने में कोई संशय नहीं रह जायेगा।