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गोंडा : पूर्व प्रधान स्व. धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ बबलू सिंह की सातवीं पुण्यतिथि पर प्रशांत सिंह सोमू ने अर्पित किए श्रद्धासुमन, जनसमूह ने दी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि


परसपुर (गोंडा)। नगर पंचायत परसपुर के राजा टोला निवासी, पूर्व ग्राम प्रधान, ब्लॉक उप प्रमुख एवं नगर पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रहे स्वर्गीय धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ बबलू सिंह की सातवीं पुण्यतिथि पर शुक्रवार को श्रद्धा और भावनाओं का ऐसा संगम देखने को मिला, जहां हर आंख नम थी और हर दिल में स्मृतियां जीवित थीं। उनके पुत्र प्रशांत सिंह सोमू ने समाधि स्थल पर पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मौन रखकर प्रार्थना की। इस अवसर पर परिवारजन, शुभचिंतक, रिश्तेदार और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे, जिन्होंने पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। समाधि स्थल पर उपस्थित लोगों की आंखों में जो गहराई थी, उसने यह स्पष्ट कर दिया कि स्व. बबलू सिंह न केवल एक जनप्रतिनिधि थे, बल्कि एक ऐसी शख्सियत थे जो सीधे दिलों में बसते थे। अपने सहज व्यवहार, जनसेवा के प्रति समर्पण और सबको साथ लेकर चलने वाली सोच के कारण वे परसपुर ही नहीं, पूरे इलाके में लोकप्रिय जननेता के रूप में पहचाने जाते रहे।

मात्र 24 वर्ष की उम्र में वर्ष 1995 में भाजपा मंडल अध्यक्ष पद से राजनीति की शुरुआत करने वाले बबलू सिंह ने क्षेत्र पंचायत सदस्य, ब्लॉक उप प्रमुख, ग्राम प्रधान और नगर पंचायत चुनाव में भी अपनी सक्रियता से यह सिद्ध कर दिया था कि वे राजनीति को सेवा का माध्यम मानते थे। वर्ष 2005 से 2015 तक ग्राम प्रधान रहते हुए उन्होंने गांव के सर्वांगीण विकास में अनेक कार्य किए जिनकी गूंज आज भी सुनाई देती है। 27 अगस्त 1972 को राजा टोला गांव में जन्मे बबलू सिंह ने इंटरमीडिएट की शिक्षा तुलसी स्मारक इंटर कॉलेज परसपुर से प्राप्त की और स्नातक अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद से किया। वे स्व. सुरेंद्र बहादुर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह के इकलौते पुत्र थे और परिवार के साथ-साथ समाज के लिए भी समर्पित थे। उनके भीतर समाज की हर पीड़ा के प्रति संवेदनशीलता थी, जो उन्हें दूसरों से अलग करती थी। युवाओं के लिए वे प्रेरणा थे और बुजुर्गों के लिए सम्मान का नाम।

18 जुलाई 2018 को असमय निधन के बाद आज भी क्षेत्र की जनता उन्हें उसी श्रद्धा, सम्मान और प्रेम से याद करती है। पुण्यतिथि के अवसर पर जब समाधि स्थल पर पहुंचे तो हर चेहरा भावनाओं से भीगा था, मानो आज भी उनका साया वहीं मौजूद हो। श्रद्धांजलि सभा के इस अवसर ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि स्व. बबलू सिंह केवल एक नेता नहीं, बल्कि जनसमर्पण, सामाजिक सेवा और लोकआस्था की मिसाल थे जिनकी स्मृति आज भी अमिट है और रहेगी।

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