ONGC ने UP के बलिया में लगभग रूस के बराबर का क्रूड ऑयल के रिजर्व की खोज की… 28.03.2025

बलिया।ONGC ने UP के बलिया में लगभग रूस के बराबर का क्रूड ऑयल के रिजर्व की खोज कर ली है जोकि भारत के 75% जरूरतों को सैकडो साल तक पुरा कर सकेगा । बलिया में ज्ञात हुए इस क्रूड ऑयल के विशाल भंडार से भारत में ऊर्जा क्रांति की नई शुरुआत हो सकती है ।बलिया उत्तर प्रदेश देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने गंगा बेसिन में विशाल क्रूड ऑयल और प्राकृतिक गैस भंडार की खोज की है।यह भंडार बलिया से प्रयागराज तक फैला हुआ हो सकता है और भारत को दशकों दसक तक ऊर्जा आपूर्ति में मजबूती देने की क्षमता रखता है।अभी तक ओएनजीसी की टीम ने बलिया के सागरपाली क्षेत्र में खुदाई का कार्य शुरू किया है और यहां 3000 मीटर से अधिक गहराई वाला कुआं खोदे जाने की प्रक्रिया चल रही है, और बड़े पैमाने पर युद्धस्तर से आगे बढ़ रही है । जिससे उम्मीद है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र से तेल उत्पादन शुरू हो सकेगा।और विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज पूरे देश में ऊर्जा क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और भारत को तेल आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। गंगा बेसिन में यह तेल भंडार उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए भी वरदान साबित हो सकता है। सरकार और ओएनजीसी इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।इस ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण उपलब्धि पर अलग अलग विशेषज्ञों और स्थानीय शासन प्रशासन की तो पैनी नजर बनी हुई है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चलता रहा, तो आने वाले वर्षों में यह खोज भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। आसपास के अन्नदाताओं की जमीन अधिग्रहित होने की संभावना है।इससे अन्नदाता मालामाल हो सकते हैं। बलिया में स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के परिवार की जमीन पर कच्चे तेल का विशाल भंडार मिला है। इस जमीन में 3,000 मीटर की गहराई में तेल के भंडार की खोज गंगा बेसिन में किए गए तीन महीने के सर्वेक्षण के बाद हुई है। ONGC ने सेनानी परिवार से साढ़े छह एकड़ जमीन तीन साल के लिए पट्टे पर ली है और सालाना 10 लाख रुपये का भुगतान कर रही है।ONGC के अधिकारियों के मुताबिक यहां तेल का भंडार तो है, लेकिन बहुत गहराई में है।इसके लिए 3,001 मीटर गहरी बोरिंग कराई जा रही है।इस खुदाई के लिए रोजाना 25,000 लीटर पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।अधिकारियों के मुताबिक खुदाई का काम बहुत तेजी से चल रहा है,उम्मीद है कि अप्रैल महीने के आखिर तक तेल की सतह तक बोरिंग का काम पूरा हो जाएगा,यहां से पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद गंगा बेसिन में चिन्हित अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के कुएं खोदे जाएंगे।
जमीन के मालिक नील पांडे ने बताया कि ONGC कंपनी ने 3 सालों के लिए हमारी जमीन को 10 लाख सालाना देने पर एग्रीमेंट किया है। 3 साल के बाद इसे 1 साल और बढ़ाया जाएगा, यहां कच्चे तेल के भंडारण होने की संभावना पर खुदाई की जा रही है,अगर खुदाई में तेल मिल जाता है तो आसपास की सभी जमीनों को महंगे दामों में अधिग्रहण ONGC कंपनी कर लेगी, जिससे किसानों को बहुत फायदा होगा।ओएनजीसी द्वारा 12 बीघा जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया गया..
यह अधिग्रहित 12 बीघा जमीन,शेरे बलिया रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चित्तू पांडे का है,स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चित्तू पांडे के प्रपौत्र विनय पांडे ने अनुसार,उनके परिवार का करीब 12 बीघा जमीन अधिग्रहण 3 साल के लिए किया गया है, इसके लिये में प्रत्येक वर्ष लगभग 10 लाख रुपए का भुगतान किया जा रहा है..
अब देखना यह होगा कि,ओएनजीसी का यह साइट, भारतीय बाजारों में कितना तेल और गैस आपूर्ति कर पाता है..