गोंडा : जनकवि अदम गोंडवी की 78वीं जयंती पर कवियों और ग्रामीणों ने दी श्रद्धांजलि, अवधी और हिंदी साहित्य में योगदान को किया नमन



परसपुर ( गोंडा ) : गोंडा जिले के परसपुर क्षेत्र स्थित अदम गोंडवी प्राथमिक विद्यालय आटा पूरे गजराज में बुधवार को प्रख्यात जनकवि रामनाथ सिंह ‘अदम गोंडवी’ की 78वीं जयंती श्रद्धा और सादगी के साथ मनाई गई। इस अवसर पर क्षेत्र के साहित्यकारों, कवियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने कहा कि अदम गोंडवी केवल कवि नहीं बल्कि समाज की अंतरात्मा की आवाज थे। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से गरीब, किसान, मजदूर, दलित और वंचित वर्ग की पीड़ा को शब्दों में ढाला और सत्ता के अन्याय पर करारा प्रहार किया। उन्हें कबीर की परंपरा का कवि माना जाता था, जो अपनी बात सीधे और बेबाक शब्दों में रखते थे।


उनकी कविताएं समाज के दर्द और सच्चाई की जीवंत अभिव्यक्ति थीं— “जो उलझ कर रह गई फाइलों के जाल में, गांव तक वो रोशनी आयेगी कितने साल में…” यह पंक्ति आज भी शासन-प्रशासन की हकीकत को उजागर करती है। उनकी प्रमुख रचनाओं ‘माटी की सतह से’, ‘समय से मुठभेड़’ और ‘गर्म रोटी की महक’ के लिए उन्हें दुष्यंत कुमार पुरस्कार और माटी रतन सम्मान से सम्मानित किया गया। पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रमोद मिश्रा ने कहा कि अदम गोंडवी की कविताएं केवल साहित्य नहीं, बल्कि समाज के परिवर्तन की चेतना हैं। उन्होंने उनकी प्रसिद्ध पंक्तियाँ उद्धृत कीं— “तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है।”


कवि एवं शायर याकूब अज्म गोंडवी ने इस अवसर पर अपनी विशेष रचना प्रस्तुत कर जनकवि को काव्यांजलि दी। परसपुर विकास मंच के डॉ. अरुण सिंह, वासुदेव सिंह, बृजेश सिंह, प्रेमनाथ सिंह, हंसराज, सूरज सिंह, पंकज सिंह, रामदेव सिंह, रितेश सिंह, रक्षा राम और अनंत राम सहित अन्य वक्ताओं ने अदम गोंडवी के साहित्यिक योगदान को प्रेरणास्रोत और लोकचेतना का प्रतीक बताया। कार्यक्रम में अदम गोंडवी की पत्नी श्रीमती कमला देवी, पुत्र आलोक सिंह (जादूगर मिस्टर इंडिया) , गुड्डू शुक्ला समेत बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी, समाजसेवी, कवि, शायर और ग्रामीणजन उपस्थित रहे ।



