उत्तरप्रदेश
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मदरसा शिक्षा अधिनियम असंवैधानिक:हाईकोर्ट

मदरसों के छात्रों को प्राइमरी, माध्यमिक बोर्ड के स्कूलों में समायोजित करने के निर्देश

560 मदरसों को राज्य सरकार से मिलता है अनुदान

लखनऊ, विधि संवाददाता। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। न्यायालय ने उक्त अधिनियम को संविधान के पंथ निरपेक्षता के मूल सिद्धांतों, संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता, अनुच्छेद 21 के तहत जीवन व अनुच्छेद 21-ए के तहत शिक्षा के मौलिक अधिकारों के विपरीत करार दिया है। साथ ही न्यायालय ने इस कानून को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन एक्ट की धारा 22 के भी विरुद्ध पाया है।छात्रों के समायोजन का आदेश न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि मदरसा अधिनियम के समाप्त होने के बाद प्रदेश में बड़ी संख्या में मौजूद मदरसों में पढ़ने वाले छात्र प्रभावित होंगे, लिहाजा उन्हें प्राइमरी, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड से सम्बद्ध नियमित स्कूलों में समायोजित किया जाए। न्यायालय ने कहा कि सरकार पर्याप्त संख्या में सीटें बढ़ाए और यदि आवश्यकता हो तो नए विद्यालयों की स्थापना करे। न्यायालय ने कहा है कि सरकार यह अवश्य सुनिश्चित करे कि 6 से 14 साल का कोई बच्चा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में दाखिले से छूट न जाए।यह निर्णय न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने अधिवक्ता अंशुमान सिंह राठौर की याचिका पर पारित किया। उक्त याचिका के साथ न्यायालय ने एकल पीठों द्वारा भेजी गई उन याचिकाओं पर भी सुनवाई की जिनमें मदरसा बोर्ड अधिनियम की संवैधानिकता का प्रश्न उठाते हुए, बड़ी बेंच को मामले भेजे गए थे। याचिकाओं पर न्यायालय ने 8 फरवरी 2024 को ही सुनवाई पूरी कर अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। वहीं सुनवाई के दौरान प्रमुख याचिका के विरुद्ध कुछ मदरसों, मदरसों के शिक्षक संगठन व कर्मचारी संगठन ने भी हस्तक्षेप प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।

अधिनियम को हाईकोर्ट में चुनौती का आधार

याचिका में मदरसा अधिनियम को संविधान के पंथ निरपेक्ष ढांचे के विपरीत बताया गया। कहा गया कि मदरसा अधिनियम में यह स्पष्ट ही नहीं है कि एक विशेष धर्म की शिक्षा के लिए अलग से सरकारी बोर्ड बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी। वहीं न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि शिक्षा के मौलिक अधिकार के तहत राज्य का दायित्व है कि वह 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा दे, वह अलग-अलग मजहब के बच्चों के बीच अंतर नहीं कर सकती। न्यायालय ने कहा कि राज्य यह नहीं कर सकता कि किसी विशेष धर्म के बच्चे को बाकियों से अलग शिक्षा दे। वहीं न्यायालय द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी ने दलील दी कि शिक्षा के अधिकार के तहत सरकार 6 से 14 वर्ष के बच्चों को ऐसी शिक्षा दे सकती है जो यूनिवर्सल हो न कि धर्म विशेष से सम्बंधित।

सरकार ने अरबी-फारसी और प्राच्य भाषाओं के विकास के लिए मदरसा शिक्षा अधिनियम और संस्कृत शिक्षा परिषद बनायी थी। मदरसा शिक्षा अधिनियम को असंवैधानिक करार दिया गया है। बोर्ड निर्णय के अध्ययन के बाद तय करेगा आगे क्या करना है।-डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड

हिरासत में मौत पर तीन पुलिस कर्मियों को आजीवन कारावास
 
साक्ष्य छुपाने पर पांच अन्य कर्मियों को पांच साल कैद और जुर्माना

बीकेटी थाने में 24 साल पहले हवालात में पिटाई से मौत का मामला

लखनऊ, विधि संवाददाता। करीब 24 साल पहले बक्शी का तालाब (बीकेटी) थाने में हिरासत के दौरान वीरेंद्र सिंह की मौत में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश सोमप्रभा ने तीन पुलिस कर्मियों को आजीवन कारावास और 29-29 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पांच अन्य पुलिसकर्मियों को सबूत छिपाने का दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल की कैद और दो-दो हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है।इस मामले में आरोपी अरशद अली, अब्दुल रहमान की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।सरकारी अधिवक्ता नवीन त्रिपाठी ने कोर्ट में बताया कि मामले की रिपोर्ट विशंभर सिंह ने 24 अगस्त 2000 को बीकेटी थाने में दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक 23 अगस्त को आरोपी सिपाही राम प्रभाव शुक्ला, अवध नाथ चौहान, चन्द्र किरण राठौर और गुलाब चंद्र रामपुर बेहटा निवासी बाबू पासी के साथ आए और एक मुकदमे की जानकारी देते हुए उसके छोटे भाई वीरेंद्र सिंह को साथ ले गये। आरोपी राम प्रभाव ने वीरेंद्र को छोड़ने के एवज में पांच हजार रुपए मांगे थे। विशंभर ने आरोप लगाया कि उसने एक हजार रुपये तुरंत दे दिया। अगले दिन वह बाकी रुपये देने गया तो पुलिसवालों ने बताया कि उसके भाई ने आत्महत्या कर ली है। विशंभर ने आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने वीरेंद्र की हवालात के रोशनदान से लटकाकर हत्या कर दी।

इन पुलिसकर्मियों को सजा

सिपाही गुलाब चंद्र, राम प्रभाव , अवध नाथ चौहान को आजीवन कारावास व प्रत्येक पर 29-29 हजार रुपये जुर्माना लगाया। राम प्रसाद प्रेमी, उदय नारायण, अनिल कुमार मिश्र, नरेंद्र व मुल्लू राम को पांच-पांच साल कै

एलयू में बीए, बीकॉम और बीएएसी की परीक्षाएं 23 अप्रैल से

सम सेमेस्टर परीक्षा 2024 का प्रस्तावित परीक्षा कार्यक्रम घोषित

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता।लखनऊ विश्वविद्यालय में सम सेमेस्टर परीक्षा 2024 के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों का प्रस्तावित परीक्षा कार्यक्रम जारी किया गया है। विद्यार्थी एलयू की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर शेड्यूल देख सकते हैं।एलयू में सम सेमेस्टर परीक्षा-2024 के परीक्षा फॉर्म भरे जा रहे है। इसके मद्देनजर शुक्रवार को परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया गया है। एलयू के परीक्षा विभाग ने बीए, बीकॉम और बीएससी एनईपी के दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर के परीक्षा कार्यक्रम का ऐलान किया है।प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि बीए एनईपी की परीक्षाएं 12 अप्रैल से शुरू होकर 12 मई तक आयोजित करने का प्रस्ताव है. इसी तरह बीकॉम एनईपी की परीक्षाएं 24 अप्रैल से आठ मई और बीएससी एनईपी की 23 से 15 मई तक आयोजन करने का प्रस्ताव है. प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि सम सेमेस्टर परीक्षा का प्रस्तावित कार्यक्रम जारी किया गया है. किसी को आपत्ति या सुझाव देना है तो वह पांच अप्रैल तक परीक्षा नियंत्रक की आधिकारिक वेबसाइट पर भेज सकते हैं।

नर्स से छेड़ाछाड़ के आरोपी एएनएस का तबादला, वेतनवृद्धि रोकी

केजीएमयू के पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग का मामला

स्टाफ नर्स को रात में फोन कर परेशान करता था कर्मचारी

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता:केजीएमयू के पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग में नर्स से छेड़छाड़ के आरोप में असिस्टेंट नर्सिंग ऑफिसर (एएनएस) पर बड़ी कार्रवाई हुई है। एएनएस का तबादला कर दिया गया है। जांच कमेटी की सिफारिश पर आरोपित की वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी गई है। दोबारा गलती करने पर बर्खास्तगी की चेतावनी दी गई है।पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग में तैनात नर्सिंग ऑफिसर ने 26 जनवरी को विभागाध्यक्ष से लिखित शिकायत की थी। जिसमें आसिस्टेंट नर्सिंग ऑफिसर (एएनएस) पर मानसिक और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए। आरोप हैं कि गुजरे तीन माह से एएनएस शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान कर रहा था। छेड़छाड़ करता था। यही नहीं रात में मोबाइल फोन पर कॉल कर परेशान करता था। मोबाइल पर संदेश भी भेजने लगा। शिकायती पत्र में इससे जुड़े सुबूत भी लगाए। 25 जनवरी को रात करीब 11.30 बजे फोन किया। वॉट्ससएप भी किया। कई बार फोन कॉल काटने के बाद भी जब वह नहीं माना तो नर्स ने फोन कॉल रिसीव किया। उसने कॅरियर खराब करने की धमकी दी। शिकायत के बाद केजीएमयू महिला उत्पीड़न निवारण समिति की अध्यक्ष डॉ. मोनिका कोहली ने घटना की जांच की। जांच कमेटी ने शिकायतकर्ता व आरोपित के लिखित व मौखिक बयान लिए। बयान के आधार पर आरोपित एएनएस को दोषी पाया गया।

कमेटी ने ये सिफारिश की

-पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक विभाग में आरोपित एएनएस का स्थानान्तरण किया जाए

-आरोपित का एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोकी जाए

-अनुशासनहीनता के आरोप में चेतावनी दी गई

-दोबारा गलती करने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाए

-नई तैनाती स्थल पर इंचार्ज या प्रभारी का चार्ज एक वर्ष तक न दिए।

एलयू में बीए, बीकॉम और बीएएसी की परीक्षाएं 23 अप्रैल से

सम सेमेस्टर परीक्षा 2024 का प्रस्तावित परीक्षा कार्यक्रम घोषित

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता।लखनऊ विश्वविद्यालय में सम सेमेस्टर परीक्षा 2024 के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों का प्रस्तावित परीक्षा कार्यक्रम जारी किया गया है। विद्यार्थी एलयू की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर शेड्यूल देख सकते हैं।एलयू में सम सेमेस्टर परीक्षा-2024 के परीक्षा फॉर्म भरे जा रहे है। इसके मद्देनजर शुक्रवार को परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया गया है। एलयू के परीक्षा विभाग ने बीए, बीकॉम और बीएससी एनईपी के दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर के परीक्षा कार्यक्रम का ऐलान किया है।प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि बीए एनईपी की परीक्षाएं 12 अप्रैल से शुरू होकर 12 मई तक आयोजित करने का प्रस्ताव है. इसी तरह बीकॉम एनईपी की परीक्षाएं 24 अप्रैल से आठ मई और बीएससी एनईपी की 23 से 15 मई तक आयोजन करने का प्रस्ताव है. प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि सम सेमेस्टर परीक्षा का प्रस्तावित कार्यक्रम जारी किया गया है. किसी को आपत्ति या सुझाव देना है तो वह पांच अप्रैल तक परीक्षा नियंत्रक की आधिकारिक वेबसाइट पर भेज सकते हैं।

मदरसा बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की सिफारिश करेगा

चेयरमैन बोले- अदालत को समझाने में हमसे चूक हुई, धार्मिक शिक्षा को नहीं मिलती ग्रांट

लखनऊ, विशेष संवाददाता। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड प्रदेश सरकार से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की सिफारिश करेगा। बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तेखार अहमद जावेद ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर शुक्रवार को हिन्दुस्तान से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि दरअसल सरकार के मदरसा एक्ट को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट के इस फैसले से आश्चर्य हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि अदालत को समझाने में हमसे कहीं ना कहीं चूक हुई है।हाईकोर्ट ने वर्ष 2004 के मदरसा एक्ट को अंसवैधानिक बताया है इसलिए सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है और उसे जाना भी चाहिए। इसके लिए यूपी मदरसा बोर्ड जल्द ही हाईकोर्ट के पूरे आदेश की समीक्षा कर अपनी सिफारिश प्रदेश सरकार को भेजेगा। उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्ड को गठन प्राच्य भाषाओं के पठन-पाठन के लिए किया गया जिस तरह से संस्कृत विद्यालयों में संस्कृत के पठन पाठन में वेद व पुराण आदि की शिक्षा दी जाती है, उसी तरह मदरसों में अरबी फारसी जैसी प्राच्य भाषाओं में कुरआन व इस्लाम की शिक्षा दी जाती है। चेयरमैन ने तर्क दिया कि सरकारी ग्रांट मदरसों में धार्मिक शिक्षा के लिए नहीं मिलती बल्कि प्राच्य भाषाओं अरबी फारसी और संस्कृत विद्यालयों को संस्कृत के प्रोत्साहन के लिए मिलती है।

शिक्षक ने थाने में पीया जहरीला पदार्थ, मुकदमा

कर्नलगंज इंटर कॉलेज के शिक्षक ने पड़ोसी से विवाद में उठाया कदम

जमीन के विवाद में पड़ोसी की शिकायत करने पहुंचे थे थाने

शिक्षक ने कानूनगो और चौकी इंचार्ज पर उत्पीड़न का लगाया है आरोप

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। कर्नलगंज इंटर कॉलेज के एक शिक्षक ने जमीन के विवाद में कानूनगो और चौकी इंचार्ज पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर कर्नलगंज थाने में जहरीला पदार्थ पीकर सनसनी फैला दी। गुरुवार शाम को हुई इस घटना से थाने में पुलिसकर्मी दंग रह गए। आनन फानन में उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने जांच के बाद दावा किया कि शिक्षक ने ड्रामा किया है। विपक्षी पड़ोसी की तहरीर पर शिक्षक के खिलाफ शुक्रवार शाम को कर्नलगंज पुलिस ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने समेत अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस का कहना है कि अस्पताल में भर्ती होकर वह अपने मकान का निर्माण करा रहा था।छोटा बघाड़ा निवासी सुनील सिंह कर्नलगंज इंटर कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि उनका पड़ोसी से जमीन का विवाद चल रहा है। गुरुवार को वह अपना दरवाजा चौड़ा करा रहे थे। उसी वक्त पड़ोसी ने कानूनगो को भेज दिया। कानूनगो ने काम रुकवा दिया। इसके बाद चौकी इंचार्ज ने कॉल कर धमकी दी। वह सुनवाई के लिए इधर उधर भटकते रहे। शाम को मदद के लिए कर्नलगंज थाने पहुंच गए। वहीं पर पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी मौजूद थे। सुनील का आरोप है कि सुनवाई न होने से उन्होंने साथ में रखा टॉयलेट क्लीनर पी लिया। इसकी जानकारी होते ही पुलिस उन्हें लेकर तत्काल एसआरएन पहुंची। पुलिस की मानें तो पड़ोसी ने सुनील के खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे लिया है। इसके बावजूद वह काम करा रहे थे। वहीं सुनील सिंह के साथी शिक्षकों ने बताया कि उनकी हालत में सुधार है लेकिन डॉक्टर ने 48 घंटे अलर्ट पर रखा है।

परिषदीय स्कूलों में कम हो गए 24 लाख विद्यार्थी 

महानिदेशक ने बेसिक शिक्षा विभाग से शुरू की पूछताछ

सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से जवाब तलब किया गया

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। प्रदेश के 1,33,035 परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में सालभर में छात्र-छात्राओं की संख्या में लगभग 24 लाख की कमी हो गई है। 2022-23 सत्र की तुलना में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में इतने बड़े अंतर पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर भी हैरान हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने 30 दिसंबर 2023 को सोशल मीडिया साइट एक्स पर 2022-23 सत्र में कक्षा एक से आठ तक के 1.92 करोड़ विद्यार्थियों के पंजीकरण की बात साझा की थी।यही नहीं इस बात पर अपनी पीठ थपथपाई थी कि पिछले छह वर्षों में छात्रसंख्या 40 लाख बढ़ी है। वहीं सात मार्च 2024 को महानिदेशक की ओर से भेजे गए आंकड़ों में छात्रसंख्या 1,67,84,645 है। स्पष्ट है कि एक साल में विद्यार्थियों की संख्या में 24 लाख से अधिक की कमी आई है। इस मामले में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से पूछताछ की है। अब स्कूलवार संख्या का मिलान करके प्रधानाध्यापकों से जवाब मांगा जा रहा है।

संगमनगरी में बच्चों की संख्या में 69 हजार की कमी

जिले के परिषदीय विद्यालयों में सत्र 2022-23 की तुलना में 2023-24 में छात्र नामांकन में लगभग 69000 की कमी आई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से इस पर जवाब तलब किया है। पूछा है कि यदि परिषदीय विद्यालयों में छात्रसंख्या में भारी गिरावट दिख रही है तो उसका वास्तविक कारण क्या है। विद्यालयों से उसका व्यक्तिगत स्पष्टीकरण प्राप्त करके संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों पर कार्रवाई भी की: जाए।

एक स्कूल में 286 बच्चे तक कम हो गए

सहसों के कम्पोजिट विद्यालय सिकंदरा में 2022-23 सत्र में 615 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ था जो 2023-24 में 329 रह गया। यहां 286 बच्चे कम हो गए। कम्पोजिट स्कूल छाता बहरिया में पिछले साल 550 विद्यार्थी पंजीकृत थे और 2023-24 में 356 बच्चे हैं। यहां छात्रसंख्या में 194 की कमी आई है। भगवतपुर के प्राथमिक विद्यालय टिकारी उपरहार में 368 की बजाय 197 बच्चे ही पंजीकृत हैं। यहां बच्चों की संख्या में 171 की कमी है। कौंधियारा के प्राथमिक विद्यालय करमा में 190, कम्पोजिट विद्यालय बड़गोहानाकलां में 179 और कम्पोजिट विद्यालय अंबा में 171 बच्चे कम हुए हैं। इसी प्रकार सैकड़ों स्कूलों में छात्रसंख्या में कमी आई है।

शिकंजा सिपाही भर्ती पेपर लीक में गुरुग्राम से रिसॉर्ट मालिक गिरफ्तार 

रिसॉर्ट में 800 से ज्यादा अभ्यर्थियों को पढ़ाया गया था पेपर

सीसीटीवी कैमरे से की थी छेड़छाड़, नहीं मिली थी कोई रिकॉर्डिंग

मेरठ, मुख्य संवाददाता। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में यूपी एसटीएफ मेरठ यूनिट ने गुरुग्राम के मानेसर स्थित नेचर वैली रिसोर्ट के मालिक को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को कंकरखेड़ा थाने में रखा और शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी के रिसोर्ट में ही लीक कराया गया पेपर 800 से ज्यादा अभ्यर्थियों को पढ़ाया गया था। आरोपी को रिमांड पर लेने की तैयारी है, ताकि सीसीटीवी फुटेज और बाकी सामान बरामद किया जा सके।एसटीएफ ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामले का खुलासा करते हुए अभी तक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि गुरुग्राम मानेसर में नेचर वैली रिसोर्ट में पेपर लीक कराने के बाद 16 मार्च को 800 से ज्यादा अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया गया था। इसी रिसोर्ट में सामूहिक रूप से पेपर पढ़ाने का फोटो और वीडियो पूर्व में गिरफ्तार महेंद्र के मोबाइल से मिल चुका था। इन्हीं साक्ष्य के आधार पर गुरुवार शाम मानेसर से एसटीएफ मेरठ यूनिट ने सतीश धनकड़ निवासी ढाणा थाना सेक्टर-7 आईएमटी मानेसर को गिरफ्तार कर लिया।सतीश ने खुलासा किया कि दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल विक्रम पहल और सायना ट्रैवलर्स के कर्मी गुनिया ने उससे संपर्क किया था और बताया कि वे लोग यूपी पुलिस भर्ती का पेपर लीक कराने वाले हैं। 800-1000 अभ्यर्थियों को सामूहिक रूप से पेपर पढ़ाना है, इसलिए जिस दिन बताएं उस दिन रिसोर्ट खाली रखना है।इसके बाद 15 फरवरी को गुनिया की ट्रेवल्स एजेंसी की बसों में ही 800 से ज्यादा अभ्यर्थियों को रिसोर्ट में लेकर दाउद, अनुराग, गुनिया आए थे और सभी लोगों को यहीं रुकवाया। 15 फरवरी को पेपर नहीं मिल सका। 16 फरवरी को सुबह 11 बजे पेपर आया, जिसके बाद सामूहिक रूप से पेपर पढ़ाया गया।

फरवरी में हुई थी परीक्षा

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा 17 और 18 फरवरी को आयोजित की गई थी। 60 हजार से अधिक पदों के लिए करीब 48 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। पेपर लीक हो जाने के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी।

एलयू: पीएचडी छह विषयों की पहली मेरिट लिस्ट जारी

लखनऊ। कार्यालय संवाददाता:लखनऊ विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा सत्र 2023-24 के अन्तर्गत छह विषयों की प्रोविजनल कम्पलीट मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई है।प्रवेश समन्वयक प्रो. पंकज माथुर ने बताया कि जूलॉजी, स्टैटिस्टिक्स, जियोलॉजी, एंथ्रोपॉलीजी, एंसिएंट इंडियन हिस्ट्री एण्ड आर्कियोलॉजी और हिन्दी विषय की मेरिट सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। उपलब्ध सीटों के सापेक्ष सीट आवंटन जारी किया गया है। अभ्यर्थी 23 मार्च से दोपहर तीन बजे से से 27 मार्च तक तक फीस जमा कर सकते हैं।

17 पाठ्यक्रमों के परिणाम जारी

लखनऊ विश्वविद्यालय की विषम सेमेस्टर परीक्षा के 17 पाठ्यक्रमों का परिणाम जारी कर दिया गया है। परीक्षा नियंत्रक विद्यानन्द त्रिपाठी ने बताया कि एमपीएड फिजिकल एजुकेश, फिजिक्स, एम संस्कृति ग्रुप ए, संस्कृत ग्रुप, ग्रुप सी, ग्रुप डी तृतीय सेमेस्टर का परिणाम जारी हो गया है। इसके साथ ही एमडी आर्युवेद समहिता एण्ड सिद्धांत, एमएससी गणित, बीवोक सॉफ्टवेयर , एमएससी और एमएससी बायोटेक्नोलॉजी तीसरे सेमेस्टर का परिणाम वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया। वहीं बीएसससी एग्रीकल्चरण, बीवोक सॉफ्टवेयर , बीबीए रिटेल मैनेजमेंट, एमएससी बॉटनी प्रथम सेमेस्टर का परिणाम भी जारी हो गय है। साथ ही बीवोक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट पांचवे सेमेस्टर का परिणाम भी वेबसाइट पर अपलोड किया गया है

राजकीय पॉलीटेक्निक को मिले 68 पुस्तकालयाध्यक्ष

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज।उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्राविधिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय पॉलीटेक्निक में पुस्तकालयाध्यक्ष के 72 पदों का परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया। 15 सितंबर 2021 को शुरू हुई भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम 14 सितम्बर 2023 को जारी किया गया था। उक्त परीक्षा परिणाम के आधार पर सफल घोषित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार नौ से 12 अक्तूबर 2023 तक हुआ था।
हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में कुल 87 रिक्तियों में से 13 रिक्तियों (अनारक्षित श्रेणी की 11 तथा अनुसूचित जाति श्रेणी की दो) को रोकते हुए शेष 74 पदों पर 68 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। अनुसूचित जाति श्रेणी की चार तथा अनुसूचित जनजाति श्रेणी की दो रिक्तियों के सापेक्ष पात्र अभ्यर्थी उपलब्ध न होने के कारण छह पद खाली रह गए।68 चयनितों में 17 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं। मो. फिरोज, अवनीश कुमार और आजाद हसन को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान मिला है। आयोग के सचिव अशोक कुमार के अनुसार परीक्षा परिणाम से संबंधित प्राप्तांक/कटऑफ अंक की सूचना शीघ्र ही आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दी जाएगी। इस संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत अलग से प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

मई-जून में भीषण गर्मी के पूर्वानुमान से चिंता, वोटरों के लिए इंतजाम कराने में जुटा चुनाव आयोग

हिन्दुस्तान,लखनऊ मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने शुक्रवार को निर्देश दिए हैं कि भीषण गर्मी / लू / ग्रीष्म लहर के कारण मतदाताओं को स्वास्थ्य जनित समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारी इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया है कि अधिकाधिक संख्या में पोलिंग बूथों पर पहुंच कर मतदान करने के लिए मतदान दलों एवं मतदाताओं के मध्य भीषण गर्मी / लू / ग्रीष्म लहर की सावधानियां एवं जागरुकता सुनिश्चित कराई जाए।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस बार के लोकसभा चुनाव में गर्मी के प्रकोप के बाबत मीडिया में प्रकाशित व प्रसारित खबरों का संज्ञान लिया है। आपके अपने समाचार पत्र ‘हिन्दुस्तान’ ने 18 मार्च सोमवार के अंक में इस बारे में ‘गर्मी में मतदान लक्ष्य पाने में छूटेगा पसीना’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। भारतीय मौसम विभाग द्वारा आगामी गर्मी के मौसम में सामान्य से उच्च तापमान होने की संभावना व्यक्त की गई है। खासतौर से मार्च और जून के बीच सामान्य से उच्च तापमान होने एवं लू का तेज और लम्बा असर रहने का पूर्वानुमान किया गया है।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि मतदान दिवस 19 अप्रैल 2024 से एक जून  के दौरान भीषण गर्मी पड़ने की सम्भावना है। गर्मी से बचने के लिए पोलिंग पार्टी प्रस्थान एवं मतदान दिवसों पर पूर्ण सावधानी बरतें। इस दौरान सभी मतदान कार्मिक हल्के सूती वस्त्रों का प्रयोग करें। तेज धूप से बचाव के लिए टोपी, छाता एवं सर को ढ़कने के लिए सफेद सूती गमछा या अन्य कोई कपड़ा रखें। पानी की बोतल रखें, समय-समय पर आवश्यकतानुसार सादा जल, नींबू पानी या ओआरएस का प्रयोग करें। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि गर्मी में अत्यधिक चाय, कॉफी या कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन न करें। प्रत्येक मतदान दल को फस्ट-एड किट प्रदान की जाएगी। तेज धूप से बचने के लिए प्रत्येक पोलिंग बूथ के सामने छाया की व्यवस्था हो। साथ ही पर्याप्त संख्या में कुर्सी, दरी आदि की भी व्यवस्था की जाए, जिससे मतदाता अपनी बारी आने तक छाया में इंतजार कर सके। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों, महिलाओं जिनके साथ छोटे बच्चे हों तथा दिव्यांगजनों (निःशक्त व्यक्तियों) को मतदान के लिए प्राथमिकता दी जाए। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि मतदान केंद्र पर शीतल पेयजल की उपलब्धता रहे। हीट स्ट्रोक के संबंध में क्या करें, क्या न करें का हैण्ड बिल तैयार करा कर सभी मतदान कार्मिकों को उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने मतदाताओं से अपेक्षा की है कि मतदान के लिए मतदेय स्थल पर आते समय अपनी मतदाता पर्ची, फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र अथवा अन्य वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान पत्र अवश्य साथ में लाएं, जिससे मतदान की प्रक्रिया शीघ्रता से सम्पन्न हो सके। मतदान दिवस को तेज धूप निकलने से पहले ही मतदाता अधिक संख्या में पोलिंग बूथों पर पहुंच कर मतदान करें। तेज धूप से बचने व सर को ढ़कने के लिए सूती गमछा या छाते का प्रयोग अवश्य करें।

स्कूल-कॉलेजों और मूल्यांकन केंद्रों में मतदाता जागरूकता की दिलाई शपथ

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज।लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए शुक्रवार को कई कार्यक्रम हुए। स्वीप टीम ने स्कूल कॉलेजों से रैली निकाली, मूल्यांकन केंद्रों पर शपथ दिलाई। मतदान के लिए लोगों को जागरूक किया।सदर क्षेत्र के विधानसभा पश्चिम, उत्तर व दक्षिण सभी माध्यमिक विद्यालयों व बेसिक स्कूलों में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया गया। मतदाता जागरूकता रैली, मतदाता शपथ व चुनावी पाठशाला का आयोजन हुआ। छात्र- छात्राएं अपने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां व पोस्टर लेकर, ‘हम भारत के भाग्य विधाता, वोट करेंगे शान से, ‘लोकतंत्र को मज़बूत करेंगे, हम सब मिलकर वोट करेंगे, ‘ शपथ ग्रहण हम करते हैं, वोट करेंगे..वोट करेंगे, जैसे नारे लगा। रैली एमआर शेरवानी इंटरमीडिएट कॉलेज सलाहपुर से निकाली गई। स्वीप के सदर प्रभारी अनुपम परिहार, एकता शुक्ला, गंगापार से डॉ. राकेश पांडेय, यमुनापार से शेषनाथ सिंह व तकनीकी सहायक ने देवेंद्र प्रताप सिंह ने नेतृत्व किया। इसके साथ ही मूल्यांकन केंद्रों पर शिक्षकों को शपथ दिलाई गई। शहर के नौ मूल्यांकन केंद्रों जीआईसी में 300, कुल भास्कर आश्रम इंटर कॉलेज में 400, केपी इंटर कॉलेज में 450 ,एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में 350 और केसर विद्यापीठ में 250 शिक्षकों को जिला विद्यालय निरीक्षक ने मतदाता जागरूकता की शपथ दिलवाई

यूपी-कैटेट11-12 जून को , आवेदन सात मई तक 

मेरठ। प्रदेश के पांच कृषि विश्वविद्यालयों में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की 3354 सीटों पर प्रवेश परीक्षा 11-12 जून को होगी। सत्र 2024-25 में उत्तर प्रदेश संयुक्त प्रवेश परीक्षा (यूपी-कैटेट) सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि मेरठ कराएगा। उक्त प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं।छात्र www.upcatet.org अथवा www.svpuat. edu. in पर सात मई तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र में नौ से 14 मई तक संशोधन हो सकेंगे। 27 मई से प्रवेश पत्र डाउनलोड किए जा सकते हैं। 22 जून को परीक्षा का परिणाम जारी होगा

प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति का रास्ता साफ 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति का रास्ता तकरीबन एक दशक बाद साफ हो गया है। पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देते हुए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के शिक्षकों को समय से पहले पदोन्नति दे दी गई थी। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था निरस्त कर दी और प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों ने पदोन्नत अधिकारियों-कर्मचारियों को वापस उनके मूल पद पर भेज दिया था लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में पदोन्नत शिक्षकों को रिवर्ट नहीं किया गया।इसके चलते वरिष्ठता का विवाद बना रहा और 2015 के बाद से पदोन्नति रुकी हुई थी। वरिष्ठता मौलिक नियुक्त से हो या नए कैडर में प्रमोशन की तिथि से इस पर भी विवाद था। सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के जिन शिक्षकों की पदोन्नति एससी/एसटी शिक्षकों के बाद हुई उन्होंने इसे लेकर कोर्ट में याचिकाएं की थीं। इस मामले में दायर 36 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 11 मार्च को अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के अनुसार वरिष्ठता का निर्धारण सेवा कैडर में मौलिक नियुक्ति से करने के आदेश दिए हैं

शिक्षक आज से मूल्यांकन कार्य का करेंगे बहिष्कार 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की 72 फीसदी कॉपियों का मूल्यांकन पूरा हो गया है। प्रदेश के 259 केंद्रों पर 16 मार्च से मूल्यांकन शुरू होने के एक सप्ताह में 21705770 कॉपियां जांची जा चुकी हैं जो कुल आवंटित 3.01 करोड़ कॉपियों का 72.35 प्रतिशत है। शुक्रवार को एक दिन में 3874397 उत्तरपुस्तिकाएं जांची गईं। इस बीच राजकीय हाईस्कूल महंगाव वाराणसी के शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार की हत्या के बाद शिक्षक संगठनों की मांग पर सरकार का जवाब न मिलने से नाराज शिक्षक नेताओं ने शनिवार से मूल्यांकन बहिष्कार का आह्वान किया है।राजकीय इंटर कॉलेज में विभिन्न शिक्षक संगठनों की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 19 मार्च को यूपी बोर्ड के सचिव को ज्ञापन देकर मृतक धर्मेन्द्र कुमार के आश्रित को दो करोड़ मुआवजा देने, हत्यारोपी सिपाही के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर करोठरतम सजा दिलाने, मृत शिक्षक की पत्नी को पेंशन के रूप में शेष सेवा तक पूर्ण वेतन देने, कॉपियां पहुंचाने के काम से शिक्षकों को मुक्त करने और राजकीय हाईस्कूल महंगाव वाराणसी का नाम धर्मेन्द्र कुमार के नाम पर करने की मांग रखी थी। चेतावनी दी थी कि 22 तक मांगे पूरी न होने पर 23 से मूल्यांकन बहिष्कार करेंगे। बैठक में राजकीय शिक्षक संघ पांडेय गुट के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय, बीपी सिंह गुट के महामंत्री रविभूषण, माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

पीएचडी लेवल-टू की प्रक्रिया शुरू 

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट 2023) के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षाशास्त्रत्त् विभाग ने क्रेट प्रथम चरण में चयनित विषय के अभ्यर्थियों से शोध प्रस्ताव और सिनाप्सिस (सार) मांगा है। इसके बाद अब चरण बद्ध तरीके से सभी 43 विभाग अपने स्तर पर आवेदन मांगकर साक्षात्कार के जरिए चयन करेंगे। पीआरओ प्रो. जया कपूर के अनुसार शिक्षाशास्त्रत्त् विभाग में सिनाप्सिस जमा करने की अंतिम तिथि आठ अप्रैल है।

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा बने आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल को कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। विशेष सचिव गिरजेश कुमार त्यागी की ओर से 20 मार्च को जारी पत्र के अनुसार आयोग के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रमुख सचिव को कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है।आयोग के नवनियुक्त सभी 12 सदस्यों के 15 मार्च को लखनऊ में कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल ने सभी सदस्यों के साथ बैठक कर लंबित भर्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। आयोग के सचिव और परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य पदों पर प्रतिनियुक्ति पर तैनाती के लिए भी पत्र पहले जारी हो गया है। माना जा रहा है कि निर्वाचन आयोग की अनुमति लेकर उनकी भी जल्द तैनाती कर दी जाएगी।

दो और सदस्य पहुंचे

प्रयागराज। नवगठित शिक्षा सेवा चयन आयोग के दो और सदस्यों विमल कुमार विश्वकर्मा और हिन्दू कॉलेज मुरादाबाद के डॉ. रोहिताश सिंह ने शुक्रवार को आयोग में पहुंचकर कामकाज संभाल लिया। शनिवार को योगेन्द्र नाथ सिंह के पहुंचने की उम्मीद है।

30 शिक्षकों का अनुमोदन निरस्त 

प्रयागराज। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के 30 शिक्षकों का अनुमोदन निरस्त कर दिया गया है। इसमें एक प्राचार्य भी शामिल हैं। प्राचार्य और शिक्षकों ने अनुमोदन निरस्त करने के लिए आवेदन किया था

संशोधित कैलेंडर जारी करे लोक सेवा आयोग 

प्रयागराज। युवा मंच ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों के लिए संशोधित कैलेंडर जारी करने और पीसीएस, आरओ/एआरओ आदि भर्तियों में सीट वृद्धि की मांग की। युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह की ओर से भेजे गए पत्र में लोअर सबआर्डिनेट के पदों को पुन यूपीपीएससी से भरने की मांग की गई है।

तदर्थ डॉक्टरों की पेंशन मामले में सरकार की अपील खारिज 

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने आयुष विभाग से सेवानिवृत्त डॉक्टर की तदर्थ सेवा जोड़कर फुल पेंशन निर्धारित करने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल राज्य सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा सेवानिवृत्ति के समय के नियम लागू होंगे, संशोधित भूतलक्षी नियमावली से किसी के कानूनी अधिकार नहीं छीने जा सकते। कोर्ट ने एकल पीठ के तदर्थ सेवा जोड़कर फुल पेंशन देने के फैसले को सही माना और मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति एसक्यूएच रिजवी की खंडपीठ ने दिया है। अपील का महेंद्र सिंह व दो अन्य डॉक्टरों के अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने प्रतिवाद किया। याची डॉक्टरों की तदर्थ नियुक्ति 18 जून 1988 को आयुष विभाग में हुई थी। 16 मार्च 2005 को उन्हें नियमित किया गया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने तदर्थ सेवा जोड़कर पेंशन निर्धारित करने की अर्जी दी, जिसे यह कहते हुए निरस्त कर दिया गया। एकल पीठ ने याचिका स्वीकार करते हुए तदर्थ सेवा जोड़कर पूरी पेंशन देने का निर्देश दिया था, जिसे विशेष अपील में चुनौती दी गई थी
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