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लॉरेंस का करीबी विकास का अंडरवर्ल्ड में रुतबा, सियासत की जमीन पर भी जमाए पैर,मूसावाला हत्याकांड से है कनेक्शन

22.06.2023

अयोध्या।उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के महराजगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर विकास सिंह को एनआईए की टीम ने जांच के दौरान पुख्ता सुबूत मिलने के बाद बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।विकास पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों को संरक्षण देने और आपराधिक षणयंत्र रचने का आरोप है।सूत्रों के मुताबिक एनआईए की टीम ने विकास सिंह को पूछताछ के लिए पांच दिन की हिरासत में लिया है।

बीते माह 17 मई को एनआईए ने राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में विकास सिंह के एक फ्लैट पर छापा मारा था।
उस समय विकास अयोध्या में अपने घर पर था।एनआईए की टीम यहां भी आई थी और विकास के घर पर बंद कमरे में दो घंटे तक पूछताछ की थी।टीम ने विकास के दो मोबाइल फोन भी जब्त किए थे।

जरायम की दुनिया में पैठ बनाने के बाद विकास सिंह ने सियासी जमीन पर पैर जमाना शुरू कर दिया। 2012 के विधानसभा चुनाव में विकास ने सपा के बाहुबली नेता अभय सिंह का साथ दिया था। विधानसभा चुनाव में अभय सिंह जीत दर्ज की,लेकिन कुछ ही दिनों बाद विवाद की वजह से विकास और अभय सिंह में दूरियां बढ़ गई। 2017 विधानसभा चुनाव से पहले विकास सिंह अभय सिंह के धुर विरोधी बाहुबली इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू के साथ जुड़ गया। विधानसभा चुनाव में खब्बू भाजपा से विधायक बने।खब्बू की जीत में विकास की भूमिका अहम मानी गई। 2017 से 2022 तक विकास ने सियासत में भी दखलअंदाजी शुरू की।

2022 में विकास सिंह ने भाजपा के समर्थन से पूरा ब्लॉक से ब्लाॅक प्रमुख का चुनाव लड़़ने के लिए दावेदारी पेश की,लेकिन टिकट नहीं मिला।फिर भी चुनाव लड़ा और भाजपा से हार गया। इस दौरान तत्कालीन भाजपा विधायक खब्बू तिवारी को एक मामले में पांच साल की सजा हो गई और वह जेल चले गए। 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने खब्बू की पत्नी को टिकट दिया।जेल में बंद खब्बू ने भी विकास पर भरोसा जताया और उसे चुनाव की कमान सौंपी। इस चुनाव में सपा से चुनाव लड़ रहे अभय सिंह से विकास की खूब तनातनी हुई और कई बार बवाल भी हुआ।सूत्र बताते हैं कि इसी चुनाव में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो बदमाश कपिल पंडित और सतीश बिश्नोई विकास के साथ दिखे।इसका खुलासा तब हुआ जब मूसावाला हत्याकांड में कपिल पंडित पकड़ा गया। इस दौरान एनआईए की टीम को यह पता चला कि यह दोनों बदमाश अयोध्या के कुछ माफिया के साथ मिलकर एक बड़े नेता की हत्या करने के प्रयास में थे।इसके लिए स्नाइपर राइफल का भी इंतजाम किया गया था। यह राइफल बिश्नोई गैंग के शातिर किशोर अपराधी जो थाना पूरा कलंदर के एक गांव में रहता था।उसके पास से बरामद की गई। इसके बाद से विकास अंडरवर्ल्ड में और मजबूत हो गया था।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के अयोध्या में शरण लेने के पुख्ता सबूत मिलने के बाद से एनआईए की निगाह अयोध्या पर गड़ी हुई थी।टीम यहां तीन बार आकर कार्रवाई भी कर चुकी है। 17 मई को विकास के राजधानी लखनऊ में एक फ्लैट पर छापेमारी और उसी दिन अयोध्या आकर विकास के देवगढ़ घर पर पूछताछ के बाद ही यह तय हो गया था कि एनआईए कभी भी विकास को गिरफ्तार कर सकती है।

1995 में साकेत महाविद्यालय के तत्कालीन महामंत्री रामगोपाल मिश्र अन्ना की हत्या से चर्चा में आए देवगढ़ के विकास सिंह का लंबा आपराधिक इतिहास है। विकास महाराजगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है। विकास के खिलाफ कोतवाली नगर, कोतवाली अयोध्या, थाना राम जन्मभूमि और थाना महाराजगंज में 12 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। कोतवाली नगर पुलिस ने 2006 में विकास के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। उससे पहले 2002 में थाना महाराजगंज पुलिस ने गुंडा एक्ट की भी कार्रवाई की थी।

छात्रसंघ महामंत्री की हत्या के बाद जेल में बंद विकास की दोस्ती कुछ बड़े बदमाशों से हुई थी। जमानत पर बाहर निकलने के बाद विकास पूर्वांचल के कुख्यात माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में आ गया। श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ मिलकर विकास ने पूर्वांचल में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। इसके बाद विकास का अंडरवर्ल्ड में रुतबा बढ़ गया। इस दौरान विकास के ऊपर अपहरण, लूट, हत्या जैसे संगीन मामलों में आरोप जरूर लगे, लेकिन तब तक विकास का रुतबा इतना बढ़ गया था कि कोई उसके खिलाफ केस दर्ज कराने की हिम्मत नहीं रखता था।

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