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गोंडा : इफको नैनो यूरिया और डीएपी पर सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित, किसानों को दी गई उपयोगी जानकारी

परसपुर,गोंडा : गोंडाइफको (इंडियन फ़ार्मर्स फ़र्टिलाइज़र कोऑपरेटिव लिमिटेड) के तत्वावधान में गुरुवार को एक निजी मैरिज हॉल में इफको नैनो यूरिया प्लस और नैनो डीएपी पर आधारित एक दिवसीय सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में साधन सहकारी समिति के सचिवों और क्षेत्र के किसानों को नैनो उत्पादों के प्रभावी उपयोग के बारे में जानकारी दी गई।

इफको के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक, डॉ. डीके सिंह ने बताया कि नैनो खाद तरल रूप में होती है और यह फसलों के लिए अत्यधिक लाभकारी है। इसके प्रयोग से किसानों की लागत और श्रम दोनों की बचत होती है। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया और डीएपी का फसलों पर प्रभाव सामान्य यूरिया और डीएपी की तुलना में अधिक होता है, जिससे पैदावार में बढ़ोतरी होती है।

मुख्य अतिथि, देवीपाटन मंडल के उपायुक्त एवं उप निबंधक सहकारिता, अरविंद प्रकाश ने नैनो यूरिया प्लस और डीएपी के विक्रय और प्रबंधन के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए किसानों को इन उत्पादों के सही उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दानेदार यूरिया और डीएपी फसलों को 40% और 20% तक ही लाभ पहुंचाते हैं, जबकि नैनो यूरिया और डीएपी का 85% से 90% तक फसलों को सीधा लाभ होता है। उन्होंने किसानों को इन उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।

कृषि वैज्ञानिक डॉ. राम लखन यादव ने मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि जिंक, सल्फेट और यूरिया को अलग-अलग समय पर उपयोग करना चाहिए। वहीं, डॉ. जीएस तिवारी ने गेहूं के बीज को नैनो डीएपी और यूरिया तरल से उपचारित करने के तरीके बताए। उन्होंने धान के पौधे की जड़ों और गेहूं के बीज पर नैनो डीएपी के प्रभाव का सजीव प्रदर्शन भी किया।

कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सबसे अधिक सही उत्तर देने वाले दीपक मिश्रा और रोहित मिश्रा को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर हर्षित अवस्थी, दिनेश सिंह, डॉ. जीपी तिवारी, अशोक कुमार, संदीप सिंह समेत कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

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