उत्तरप्रदेशकरनैलगंज परसपुरगोंडा

गोंडा में, परसा गोंड़री गांव छावनी में तब्दील,नहर की हुई खुदाई

22.06.2023

जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों व विभाग के साथ-साथ कई जिले की मौजूद रही पुलिस

प्रभावित किसानों ने कहा उनकी भूमि का बिना उचित मुआवजा दिये जबरन खुदवाई गई नहर।

करनैलगंज/गोण्डा- तहसील के विकास खंड हलधरमऊ अन्तर्गत ग्राम परसा गोंडरी के शिवशंकर पुरवा में बीते तीन वर्ष से अधिक समय से जबरन नहर खुदाई के विरोध एवं उचित मुआवजे की मांग को लेकर काफी संख्या में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों की अनसुनी करके जिम्मेदार शासन-प्रशासन द्वारा कोई सार्थक नतीजा किसानों के हित में नहीं निकाला जा सका। गुरूवार को जिला प्रशासन के साथ-साथ आसपास जिले की कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ प्रशासनिक अधिकारी, राजस्व अधिकारी व सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर गांव को छावनी में तब्दील कर दर्जनों जेसीबी के साथ युद्ध स्तर पर नहर की खुदाई शुरू कर दी। वहीं प्रभावित किसानों में काफी आक्रोश दिखाई पड़ा और उन्होंने अधिकारियों पर बिना उचित मुआवजा दिये उनकी भूमि में जबरन नहर खुदवाने का गंभीर आरोप लगाया है।

संपूर्ण प्रकरण कटरा बाजार क्षेत्र के ग्राम परसा गोंडरी के शिवशंकर पुरवा से जुड़ा है। यहां काफी संख्या में किसान बीते तीन वर्ष से अधिक समय से जबरन नहर खुदाई के विरोध एवं उचित मुआवजे की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए थे परन्तु उनकी फरियाद को जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर अनसुनी कर रहे थे। जिससे जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी व सिंचाई विभाग की सांठगांठ, हठधर्मिता का खामियाजा प्रभावित किसानों को भुगतना पड़ रहा था। विदित हो कि बीते दिनों केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले कृषि बिल का विरोध किसानों द्वारा किया जा रहा था जिसके चलते मोदी सरकार को अपने कदम पीछे हटाते हुए तीनों कृषि बिलों को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा। वहीं किसानों और केन्द्र सरकार के मध्य तो समझौता हो गया, परन्तु यहां किसानों और सिंचाई विभाग,जिम्मेदार अधिकारियों के मध्य विश्वसनीयता एवं पारदर्शिता ना होने के वजह से नहर खुदाई के लिए किसानों की भूमि को अवैध,मनमाने तरीके से अधिग्रहण किया गया, जिससे प्रभावित एवं पीड़ित किसानों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल सहित अन्य स्थानीय अधिकारियों से लेकर जिले व उच्चस्तरीय आला अधिकारियों से की गई। परन्तु तीन वर्ष से अधिक बीतने के बाद भी उक्त प्रकरण में कोई सुनवाई नहीं हुई और जानबूझकर किसानों की अनदेखी करके जिम्मेदार शासन-प्रशासन द्वारा धरना दे रहे किसानों की फरियाद को सुनकर कोई सार्थक नतीजा किसानों के हित में नहीं निकाला जा सका। गुरूवार को जिला प्रशासन के साथ-साथ आसपास जिले की कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ प्रशासनिक अधिकारी, राजस्व अधिकारी व सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर दर्जनों जेसीबी के साथ युद्ध स्तर पर नहर की खुदाई शुरू कर दी। जिससे प्रभावित लोगों में काफी आक्रोश दिखाई पड़ा। इस संबंध में राजस्व अधिकारी महेश कुमार ने बताया ढाई तीन साल से किसान यहां मुआवजे को लेकर धरने पर बैठे थे,अधिकारियों के बीच समझौता हो जाने से लोग मान गए हैं और नहर की खुदाई शुरू कर दी गई और शेष रह गई नहर अब खुद जाने से उससे जुड़ जाएगी और हजारों किसानों को सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो जाएगी। वहीं पीड़ित किसानों का कहना है कि प्रशासन द्वारा बिना उचित मुआवजा दिये जबरन हम लोगों की जमीन में नहर खुदाई कराई गई है।

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