उत्तरप्रदेशलखनऊ

मुख्य सेविका भर्ती परीक्षा में धरे गए आठ साल्वर

परीक्षा में शामिल हुए कुल 76 फीसदी परीक्षार्थी

लखनऊ- विशेष संवाददाता:उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा रविवार को आयोजित मुख्य सेविका भर्ती परीक्षा में दूसरों के स्थान पर परीक्षा देते हुए आठ सल्वर को पकड़ा गया। दोनों पालियों में चार-चार को पकड़ा गया है।आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार के मुताबिक मुख्य सेविका के पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2022 में आवेदन मांगा गया था। इसकी लिखित परीक्षा लखनऊ में रविवार को दो पालियों में 49 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई। परीक्षा के लिए अंतिम रूप से 45861 अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया। इसमें से 34995 यानी 76 फीसदी अभ्यर्थी उपस्थित रहे और 10867 कुल 24 फीसदी अनुपस्थित रहे।परीक्षा केंद्रों पर आयोग द्वारा प्रयोग में लाए गए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पहली पाली में राजकीय जुबली इंटर कॉलेज, एंगल कार्मल इंटर कॉलेज, भारतीय बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज और आवासीय पब्लिक इंटर कॉलेज से एक-एक को पकड़ा गया। दूसरी पाली में फ्लोरेंस नाइटएंगल इंटर कॉलेज, विद्यांत हिंदू इंटर कॉलेज, एंगल कार्मल इंटर कॉलेज और बजरंगी लाल साहू इंटर कॉलेज से एक-एक साल्वर को पकड़ा गया है।

गांव के स्कूलों के संचालन का मुद्दा गरमााया, ग्राम शिक्षा समिति को सक्रिय किये जाने की उठी मांग

स्कूल प्रबंधन समिति को ग्राम शिक्षा समिति के प्रति जवाबदेह बनाया जाए

लखनऊ, विशेष संवाददाता:प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में विद्यालय संचालन के अधिकार का मुद्दा गरमा गया है। ग्राम प्रधानों के संगठन राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने गांव की स्कूल प्रबंधन समिति को ग्राम शिक्षा समिति के प्रति जवाबदेह बनाने की मांग उठाई है।संगठन के अध्यक्ष ललित शर्मा की ओर से इस बारे में पंचायतीराज निदेशक को एक पत्र दिया गया है। इस पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम-1947 में वर्णित ग्राम पंचायत की छह समितियों में से शिक्षा समिति को निष्प्रभावी कर स्कूल प्रबंधन समिति को विद्यालय संचालन के अधिकार सौंपे गए हैं।शिक्षा अधिनियम-2000 में स्पष्ट व्यवस्था दी गई है कि विद्यालयों का संचालन स्थानीय संस्थाओं द्वारा किया जाएगा। अधिनियम में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विद्यालय स्थानीय संस्थाओं की सम्पत्ति होंगे। पत्र में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि शिक्षा विभाग का यह पंचायतों के साथ सौतेला व्यवहार है कि विद्यालय ग्राम पंचायतों की सम्पत्ति है और संचालन में पंचायतों की कोई भूमिका नहीं है जबकि आपरेशन कायाकल्प के नाम पर ग्राम पंचायतों को आवंटित अधिकांश धनराशि पिछले पांच वर्षों से स्कूलों के रखरखाव, उनके सुदृढ़ीकरण के नाम पर खर्च हो रही है।ऐसी स्थिति में स्कूल प्रबंधन समिति को ग्राम शिक्षा समिति के प्रति जवाबदेह बनाने की जरूरत है। पत्र में निदेशक पंचायतीराज से आग्रह किया गया है कि इस मामले को शिक्षा विभाग के साथ समन्वय बनाकर निस्तारित करवाया जाए। ग्राम प्रधान संगठन का कहना है कि विभिन्न विभागों द्वारा पंचायतों की सीमा में कार्य करवाने के लिए कोई पूर्व सूचना ग्राम पंचायतों को नहीं दी जाती है। जिससे जनसुविधाएं प्रभावित होती हैं। सांसद निधि, विधायक निधि, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतों में हाईमास्ट लाइट लगवाई जा रही हैं, मगर न तो ग्राम पंचायतों से इसकी अनापत्ति प्राप्त की जा रही है और पूर्व में इसकी कोई सूचना ही ग्राम पंचायतों को दी जा रही है। ग्राम पंचायतों पर इस तरह के कार्यों से आर्थिक बोझ जैसे बिजली का बिल और मरम्मत आदि का खर्च आता है। पंचायतीराज निदेशक से इस बारे में स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग की गई है।

तीन साल से एक जिले में तैनात पुलिसकर्मी हटेंगे

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर डीजीपी मुख्यालय ने शुरू की स्थानान्तरण की कवायद

सभी जिलों से 30 सितंबर तक मांगी गई तबादलों की रिपोर्ट

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता:आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर डीजीपी मुख्यालय ने स्थानान्तरण की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत जिलों में तीन साल से तैनात पुलिस कर्मी हटाए जाएंगे। तीन साल की सेवा अवधि की कट आफ डेट 31 मई 2024 होगी। जिलों में तैनात इंस्पेक्टरों व सब इंस्पेक्टरों के समायोजन व स्थानान्तरण की प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी करने को कहा गया है। ऐसे अराजपत्रित पुलिस कर्मियों का सेवा विवरण 30 सितंबर तक मुख्यालय भेजने को कहा गया है, जिनका समायोजन नहीं हो पा रहा है।

इन आधारों पर होंगे तबादले

एडीजी स्थापना संजय सिंघल की ओर से इस संबंध में रविवार को देर शाम सभी एडीजी जोन और सात पुलिस कमिश्नरों को पत्र भेजा गया। इसमें कहा गया है कि निर्वाचन कार्य में लगा कोई भी इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर अपने गृह जिले में नियुक्त हो तो उसे जिले से स्थानान्तरित किया जाए। जो इंस्पेक्टर 31 मई 2024 तक पिछले चार वर्षों में तीन वर्ष की अवधि पूरी कर रहे हैं, उन्हें भी जिले से अन्य जिले में स्थानान्तरित किया जाएगा। जो इंस्पेक्टर 31 मई 2022 से पूर्व उस विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव या उपचुनाव में नियुक्त रहे हैं या लगातार नियुक्त हैं, उन्हें भी अन्य जिले में स्थानान्तरित किया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि जो सब-इंस्पेक्टर पिछले चार वर्षों में तीन वर्ष की अवधि कट आफ डेट 31 मई 2024 तक उस पुलिस सब डिवीजन में पूरी कर रहे हों, उनका स्थानान्तरण दूसरे पुलिस सब डिवीजन (जो उस विधानसभा क्षेत्र में न पड़ता हो) में किया जाएगा। अगर जिले के छोटे क्षेत्र की वजह से यह यह किया जाना संभव न हो तो उसे जिले से बाहर स्थानान्तरित किया जाएगा।इसी तरह जो सब इंस्पेक्टर 31 मई 2024 से पहले उस विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में हुए चुनाव या उप चुनाव में नियुक्त रहे हैं या लगातार नियुक्त हैं, का स्थानान्तरण भी उस पुलिस सब डिवीजन से अन्य विधानसभा क्षेत्र में किया जाएगा। तीन वर्ष की अवधि में इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर की उस जिले में पदोन्नति से पूर्व की नियुक्ति अवधि को भी जोड़ा जाएगा। डीजीपी मुख्यालय ने कहा है कि ऐसे इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर जो आगामी छह माह (कट आफ डेट 31 मई 2024) में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें इन निर्देशों से मुक्त रखा जाएगा लेकिन वे चुनाव संबंधित कार्यों में नहीं लगाए जाएंगे। यदि किसी पुलिस कर्मी के विरुद्ध पिछले चुनाव में शिकायत के आधार पर अन्यत्र स्थानान्तरण किया गया हो अथवा उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई हो तो उससे चुनाव संबंधी कार्य नहीं लिया जाएगा।

इनके बारे में मुख्यालय को भेजनी होगी रिपोर्ट

पत्र में कहा गया है कि कोई भी इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर के संबंध में कोई विशिष्ट शिकायत या किसी राजनीतिक दल के प्रति पूर्वाग्रह या पक्षपात की शिकायत है तो उसे अन्यत्र स्थानान्तरित किया जाए। यदि प्रकरण गंभीर है और जोन या कमिश्नरेट में समायोजन संभव नहीं है तो प्रकरण मुख्यालय को संदर्भित किया जाए। इसी तरह यदि कोई भी इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर जो जनपदीय पुलिस में कार्य के लिए उपयुक्त नहीं है तो उसके संबंध में प्रस्ताव कारण सहित मुख्यालय को संदर्भित किया जाए। एडीजी स्थापना ने सभी जोनल एडीजी व पुलिस कमिश्नरों से समायोजन के बारे में 30 सितंबर तक तय प्रारूप पर प्रमाणपत्र मांगा है।

21 हजार आधुनिक मदरसा शिक्षकों को छह साल से नहीं मिल रहा मानदेय

लखनऊ, विशेष संवाददाता:प्रदेश के 7442 आधिुनिक शिक्षा मदरसों में कार्यरत 21216 शिक्षकों को छह साल से ज्यादा समय से मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस मामले में आल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भेजा गया है।संगठन के महासचिव वहीदुल्लाह खान के इस पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2022-23 और 2023-24 की केन्द्रांश की बकाया धनराशि केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग उत्तर प्रदेश शासन से इन 21216 शिक्षकों को भुगतान किया जाना है। मगर केंद्र सरकार द्वारा केन्द्रांश की धनराशि आवंटित न किए जाने के कारण उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित इन आधुनिक शिक्षा मदरसों को अपने हिस्से की धनराशि का भी भुगतान नहीं कर रही है।इस वजह से यह आधुनिक मदरसा शिक्षक अब मजदूरी करने पर मजबूर हो गए हैं, उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है कि वह इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करके मदरसों के बच्चों को विज्ञान, गणित, कम्प्यूटर, अंग्रेजी आदि आधुनिक विषय पढ़ाने वाले इन शिक्षकों के परिवारों को भुखमरी से बचाएं और तत्काल इनके बकाया मानदेय का भुगतान करवाएं। ऐसा ही एक पत्र राष्ट्रपति को भी भेजा गया है।

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय : बेटियों को मिलेंगे 26 में से 17 गोल्ड मेडल

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का 18वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को सुबह दस बजे फाफामऊ परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में आयोजित होगा। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल करेंगी।कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने रविवार को मीडिया को बताया कि समारोह में विभिन्न विद्याशाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को 26 स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। इनमें 17 स्वर्णपदक छात्राओं की झोली में जाएंगे और नौ छात्रों को मिलेंगे। श्री बाबा साधव राम महाविद्यालय आजमगढ़ अध्ययन केंद्र से गृह विज्ञान में एमएससी करने वाली एवं स्नातक-परास्नातक शिक्षार्थियों में सर्वश्रेष्ठ रहीं नीलम को कुलाधिपति स्वर्णपदक समेत चार गोल्ड मेडल मिलेंगे।समारोह में दिसम्बर 2022 तथा जून 2023 सत्र की परीक्षा में उत्तीर्ण 20734 शिक्षार्थियों को उपाधि दी जाएगी। इनमें 12640 पुरुष तथा 8094 महिला शिक्षार्थी हैं। समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (एनआईपीईए) नई दिल्ली की कुलपति प्रो. शशि कला वंजारी दीक्षांत भाषण देंगी। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय तथा उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगी। समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उपाधि लेने के लिए लगभग 1900 शिक्षार्थियों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। उपाधियां डिजीलॉकर पर भी अपलोड कर दी जाएंगी। समारोह में शामिल छात्र-छात्राओं के लिए सफेद धोती कुर्ता या पजामा/पीली साड़ी या सलवार सूट निर्धारित किया गया है।

आंगनबाड़ी को किट, बच्चों को उपहार देंगी राज्यपाल

समारोह में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल 40 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट भेंट करेंगी। उत्कृष्ट शिक्षकों को भी सम्मानित करेंगी। श्रवण एवं बौद्धिक दिव्यांग बच्चे समूह नृत्य प्रस्तुत करेंगे। कुलाधिपति दिव्यांग बच्चों एवं स्काउट-गाइड बच्चों को उपहार भेंट करेंगी। शोध प्राविधि पर मूक्स (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज) का शुभारंभ करेंगी। शिक्षकों की संपादित पुस्तकों का विमोचन भी करेंगी। शिक्षार्थियों के लिए गंगा परिसर में सेल्फी प्वाइंट तैयार किया गया है। इस दौरान कुलसचिव कर्नल विनय कुमार, प्रो. सत्यपाल तिवारी, डॉ. सतीश चन्द्र जैसल, डॉ. साधना श्रीवास्तव एवं डॉ. प्रभात चन्द्र मिश्र आदि उपस्थित रहे। दीक्षोत्सव के तहत प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत करेंगी।

स्नातकोत्तर के इन मेधावियों को भी मिलेगा विश्वविद्यालय स्वर्णपदक

राम लखन महाविद्यालय घोसी मऊ से एमए (पत्रकारिता एवं जनसंचार) के छात्र राम बिलास भारती को मानविकी विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

मां शुकली देवी डिग्री कॉलेज सलेमपुर देवरिया से एमए (समाज कार्य) की छात्रा अंजना पांडेय को समाज विज्ञान विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

मुक्त विवि यमुना परिसर शांतिपुरम से एमबीए की छात्रा शशि बिंद को प्रबंधन अध्ययन विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

मुक्त विवि यमुना परिसर शांतिपुरम से एमसीए के छात्र दीपक बघेल को कंप्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

डीसीएसके पीजी कॉलेज मऊ से एमए (शिक्षाशास्त्र) की छात्रा स्मृति पांडेय को शिक्षा विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

चंद्रदीप सिंह स्मारक महाविद्यालय रसड़ा बलिया से एमएससी (जैव रसायन) के छात्र यशराज सिंह को विज्ञान विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

स्नातक के इन टॉपर्स को मिलेगा विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक

राम लगन डिग्री कॉलेज मऊ से बीए के छात्र अवधेश कुमार सिंह को मानविकी विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

राम लगन महाविद्यालय घोसी मऊ से बीए के छात्र दिवाकर राव को समाज विज्ञान विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

राम लगन महाविद्यालय घोसी मऊ से बीकॉम की छात्रा ऐरम फातिमा को प्रबंधन अध्ययन विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

सुकदेव प्रसाद त्रिपाठी महाविद्यालय कुशीनगर से बीसीए के छात्र अक्षय पटेल को कम्प्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

देव इंद्रावती महाविद्यालय कटेहरी अंबेडकर नगर से बीएड की छात्रा गरिमा यादव को शिक्षा विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

सरदार पटेल स्मारक महाविद्यालय लालपुर अंबेडकर नगर से बीएससी की छात्रा आकांक्षा वर्मा को विज्ञान विद्याशाखा से स्वर्ण पदक।

दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर केन्द्र से बीएससी ह्यूमन न्यूट्रिशन की छात्रा रीतिका को स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा से स्वर्ण

विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए साक्षात्कार अक्तूबर में, 150 पदों पर होगी भर्ती

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज।विभिन्न विभागों में 150 पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार अक्तूबर में आयोजित किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने शनिवार को संभावित साक्षात्कार की सूचना जारी कर दी है।उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा (अध्यापन) सेवा परीक्षा-2021 के तहत पुस्तकालयाध्यक्ष के 87 पदों एवं व्याख्याता केमिकल इंजीनियरिंग के 47 पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार अक्तूबर के दूसरे सप्ताह तक और व्याख्याता ऑटो इंजीनियरिंग के पांच पदों एवं व्याख्याता डेयरी इंजीनियरिंग के सात पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार अक्तूबर के पहले सप्ताह तक संभावित हैं।इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा (आयुर्वेदिक) विभाग में रीडर कौमार भृत्य के एक पद, आयुष (यूनानी) विभाग में प्रधानाचार्य राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज के एक पद और कर्मचारी राज्य बीमा योजना, श्रम चिकित्सा सेवाएं में चिकित्सा अधिकारी एलोपैथ के दो पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू अक्तूबर के पहले सप्ताह में संभावित हैं। साक्षात्कार की तिथियां जल्द ही जारी की जाएंगी।

ग्राम विकास को प्रोन्नति से मिले 113 सहायक विकास अधिकारी

लखनऊ। विशेष संवाददाता ग्राम्य विकास विभाग में 113 ग्राम विकास अधिकारियों को पदोन्नति देकर सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी) बनाया गया है। पदोन्नति से आए इन सहायक विकास अधिकारियों को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बधाई दी है। उन्होंने इन सहायक विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह पूरी निष्ठा व सेवा भावना के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें और गांव-गरीब के लिए संचालित योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में पूरी संवेदनशीलता से कार्य करें।उपमुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विभाग में जो भी पद पदोन्नति से भरे जाने हैं, उन्हें नियमानुसार समय से पदोन्नति देने की कार्रवाई की जाए। ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने पदोन्नति आदेश जारी करते हुए कहा कि नव प्रोन्नत से आए इन सहायक विकास अधिकारियों की तैनाती के आदेश पृथक से जारी किये जाएंगे। इन 113 में से 8 लोग दिव्यांग श्रेणी के हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रोन्नत सहायक विकास अधिकारी अपने तैनाती जनपद में नियन्त्रक अधिकारी को अपनी योगदान आख्या प्रस्तुत करें।

मुख्य सेविका परीक्षा में फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर से पकड़े गए आठ सॉल्वर

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से रविवार को आयोजित मुख्य सेविका परीक्षा में सॉल्वर गैंग के आठ सदस्य पकड़े गए। इसमें चार सुबह और चार शाम की पाली में पकड़े गए हैं। इन्हें परीक्षा केंद्रों पर आयोग द्वारा प्रयोग में लाए गए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पकड़ा गया है।आयोग की ओर से सभी परीक्षा केंद्रों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर की मदद ली गई। परीक्षा केंद्र पर आने वाले एक- एक अभ्यार्थी की इस सॉफ्टवेयर के जरिए जांच की गई। सुबह और शाम की पाली में अलग- अलग परीक्षा केद्रों पर चार-चार अभ्यार्थी पकड़ में आए। चिन्हित आठों अभ्यार्थियों की जांच की गई तो पता चला कि ये अभ्यार्थी के स्थान पर परीक्षा देने आए थे। ऐसे में इन सभी आठों सॉल्वर गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

24 फीसदी अनुपस्थित रहे छात्र

आयोग की ओर से रविवार को आयोजित मुख्य सेविका परीक्षा में 76 अभ्यार्थी उपस्थिति रहे, जबकि 24 फीसदी अनुपस्थित रहे। यह परीक्षा लखनऊ के 49 परीक्षा केंद्रों पर सुबह और शाम दोनों पाली में हुई। परीक्षा के लिए कुल 45,861 अभ्यर्थियों को चुना गया था, जिसमें दोनों पालियों में 34,995 अभ्यार्थी उपस्थित हुए। इसी तरह करीब 10867 अभ्यार्थी अनुपस्थित

यूपी: केंद्र के अनुसार प्रदेश में भी दिया जाए पुरानी पेंशन का लाभ, प्रदेश में खड़ा किया जाएगा आंदोलन

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ।पुरानी पेंशन विसंगति समाधान संघर्ष मोर्चा की केन्द्रीय बैठक में रविवार को मोर्चा का विस्तार किया गया। इसमें सात प्रदेश संयोजक व पांच सहसंयोजक बनाए गए। बैठक में केंद्र के मेमोरेंडम के क्रम में चयनित शिक्षकों/ कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार में भी पुरानी पेंशन देने की मांग की गई। साथ ही इसके लिए प्रदेशव्यापी आन्दोलन खड़ा करने का निर्णय लिया गया।बैठक में तारकेश्वर शाही, विनय कुमार सिंह, सुभाष कन्नौजिया, डा. महेंद्र राय, पवन राय, मनोज राय, नीरज तिवारी को संयोजक तथा प्रशांत बाजपेई, सुधीर कुमार, त्रिपुरारी दूबे, चिंतामणि पाण्डेय, नृपेन्द्र शुक्ल को सहसंयोजक बनाया गया। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि मेमोरेंडम जारी कराने के लिए जिलों में संघर्ष मोर्चा का गठन करते हुए राजधानी लखनऊ में एक बड़ी रैली की जाएगी। बैठक में ज्ञान प्रकाश सचान, संजीव कुमार निगम, संतोष गुप्ता, ज्ञानेंद्र शंकर त्रिपाठी, अजय कुमार सिंह, अरविंद कुमार सिंह, सुभाष यादव, विनोद मिश्रा, पवन शुक्ल आदि शामिल रहे।

पेंशनर 25 को पीएम के वाराणसी कार्यालय में देंगे ज्ञापन

ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति प्रधानमंत्री को पेंशनरों से किया गया वायदा याद दिलाने के लिए 25 सितंबर को उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सभा करेगी। इसके बाद उनके वाराणसी कार्यालय में ज्ञापन देगी। पीएम ने पूर्व में न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी का आश्वासन दिया था।वाराणसी में होने वाली सभा में समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत और राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह रजावत शिरकत करेंगे। साथ ही प्रदेश के प्रान्तीय पदाधिकारी व ईपीएस-95 पेंशनर भी बड़ी संख्या में इसमें शामिल होंगे। समिति के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रभान सिंह ने बताया कि सभा के बाद पेंशनर प्रधानमंत्री के वाराणसी स्थित कार्यालय में जाकर ज्ञापन देंगें, जिसमें दो साल पूर्व उनके द्वारा पेंशनरों से किया गया वायदा याद दिलाया जाएगा।उन्होंने कहा कि अभी तक उनके वायदे पर कार्रवाई न होने से काफी कम पेंशन में देश भर के 75 लाख पेंशनर आर्थिक बदहाली में गुजर बसर कर रहे हैं। इसलिए तत्काल न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का निर्णय करना चाहिए। सरकार की उदासीनता को देखते हुए संगठन अगले महीने देश भर में बड़े आन्दोलन की तैयारी कर रही है।

बिना जांच नहीं कर सकते सहायक अध्यापक को बर्खास्त, बीएसए मऊ को एक माह में निर्णय लेने का निर्देश

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ को डॉ. भीमराव आम्बेडकर प्राइमरी स्कूल धर्मगतपुर गुलारी के सहायक अध्यापक की बिना जांच किए प्रबंध समिति द्वारा बर्खास्त करने के आदेश पर एक माह में नियमानुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने कहा है कि बीएसए विचार करें कि क्या नियम- 11का पालन किया गया है, जिसके तहत बर्खास्तगी से पूर्व बीएसए का अनुमोदन लेना जरूरी है। यह भी देखें कि क्या कोई गंभीर आरोप है जिसके कारण याची की बर्खास्तगी की जा सकती है। साथ ही क्या नियमानुसार जांच कार्यवाही की गई है यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल ने सहायक अध्यापक प्रेम सागर चौहान की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने बहस की।इनका कहना था कि याची के आधारहीन आरोप में निलंबित किया गया। आरोप पत्र दिया गया। जिसमें ऐसा कोई आरोप नहीं है, जिसके आधार पर दंड दिया जा सके। इसके बावजूद बिना जांच किए प्रबंध समिति ने याची को बर्खास्त कर दिया।याची सरकारी खजाने से वेतन पा रहा है।जिसकी बर्खास्तगी बिना बीएसए की पूर्व अनुमति लिए नहीं की जा सकती।बीएसए ने याचिका लंबित होने के कारण बर्खास्तगी आदेश पर कोई निर्णय नहीं लिया है। नियमानुसार बर्खास्तगी रद होने योग्य है।कोर्ट ने नियम-11 का परिशीलन करते हुए कहा कि बिना जांच बर्खास्तगी कानून की निगाह में कायम रहने लायक नहीं है। प्रबंध समिति बीएसए के अनुमोदन पर ही बर्खास्तगी आदेश दे सकती है।

फर्जी लेटर हेड मामला : सचिव ने एफआईआर के लिए दी तहरीर, पुलिस ने लिखने से किया इन्कार

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज यूपी बोर्ड के लेटर हेड पर सचिव दिव्यकांत शुक्ल के फर्जी हस्ताक्षर से जौनपुर के पब्लिक इंटर कॉलेज में एक शख्स ने क्लर्क की नौकरी हासिल कर ली। इसकी जानकारी से बोर्ड में खलबली मच गई है। बोर्ड सचिव ने नौकरी पाने वाले जौनपुर में ग्राम विरमपुर निवासी राजीव रतन सिंह के खिलाफ एफआईआर के लिए सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी है। बकौल सचिव, पुलिस ने उनकी रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया है।बोर्ड सचिव के मुताबिक, कुछ अराजक तत्व लोगों को भ्रमित करते हुए ऐसा कर रहे हैं। इसमें हस्ताक्षर ही नहीं, बल्कि बोर्ड का लेटर हेड भी फर्जी लगाया जा रहा है। इसके लिए सभी जिलों को आगाह करते हुए उन्होंने लिखा है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद से प्रदेश के विद्यालयों में क्लर्क या किसी अन्य पद पर नियुक्ति नहीं की जाती है। जो नियुक्ति पत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड उत्तर प्रदेश, लखनऊ के लेटर हेड पर मुद्रित है, वह फर्जी है।निर्गत फर्जी नियुक्ति पत्र पर दर्ज पत्रांक संख्या (यूपीएस 821) भी परिषद कार्यालय का पत्रांक नहीं है। उन्होंने बताया कि परिषद के फर्जी लेटर हेड पर परिषद के सचिव प्रयागराज के स्कैन किए गए हस्ताक्षर से राजीव रतन सिंह के नाम से जौनपुर में क्लर्क के पद पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया गया है। बोर्ड सचिव का कहना है कि इसके खिलाफ एफआईआर के लिए सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी है, लेकिन पुलिस ने एफआईआर लिखने से मना कर दिया है।बकौल शुक्ल, पुलिस का तर्क है कि मामला जौनपुर का है, इसलिए वहीं दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि जब यूपी बोर्ड की शिकायत दर्ज नहीं हो रही है तो आम जनता का क्या हाल होगा। वहीं, इंस्पेक्टर भानू प्रताप का कहना है कि घटना जौनपुर की है, इसलिए वहीं दर्ज कराना चाहिए।

…और भी तो नियुक्तियां नहीं हो गईं?

बोर्ड सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से नौकरी दिलाने में कामयाब रहा गैंग कहीं पूरे प्रदेश में तो अपना जाल नहीं फैला चुका? सचिव का पत्र ऐसा ही संकेत दे रहा है। इसका खुलासा तभी संभव है, जब जांच हो, लेकिन अभी तो पुलिस एफआईआर ही नहीं लिख रही।

कॉलेजों के 80 शिक्षक बने प्रोफेसर लेकिन अभिलेखों में अभी भी एसोसिएट

ईश्वर सिंह, गोरखपुर।दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एडेड कॉलेजों के करीब 80 शिक्षक पिछले दो वर्षों में प्रोफसर तो बन गए लेकिन डीडीयू के अभिलेखों में अभी भी दर्जा एसोसिएट प्रोफेसर का ही है। अभिलेख अपडेट नहीं किए जाने के कारण ये प्रोफेसर कई अवसरों से वंचित हो रहे है।अनुदानित महाविद्यालयी शिक्षकों के संगठन के लंबे आंदोलन के बाद प्रदेश सरकार ने नवम्बर 2021 में उन्हें भी प्रोफेसर पदनाम और वेतनमान दिए जाने का आदेश जारी किया था। गुआक्टा ने इसे लागू किए जाने के लिए कई बार डीडीयू प्रशासन से मांग की, उसके बाद महाविद्यालयी शिक्षकों के प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके अन्तर्गत कुलपति द्वारा नामित विषय विशेषज्ञ और उच्च शिक्षा निदेशक के नामिनी द्वारा प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी की गई। कॉलेजों के करीब 80 एसोसिएट प्रोफेसर उसके बाद प्रोफेसर बन गए। लेकिन विश्वविद्यालय के अभिलेखों में अभी भी उनका नाम एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में ही दर्ज है।

नहीं कर पा रहे आवेदन

डीडीयू के अभिलेख में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नाम दर्ज होने के कारण कुलपति, निदेशक या किसी आयोग का सदस्य आदि बनने के लिए ये प्रोफेसर आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। जबकि करीब सभी विश्वविद्यालयों ने अभिलेख संशोधित कर दिया है।

नई कुलपति के आश्वासन से जगी आस

गुआक्टा के अध्यक्ष प्रो. केडी तिवारी और महामंत्री प्रो. धीरेन्द्र सिंह ने इसे लेकर कुलपति प्रो. पूनम टंडन से आग्रह किया है। गुआक्टा के मुताबिक कुलपति ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द सभी अभिलेखों में संशोधन कराया जाएगा।

सेडिका से भी बनेंगे करीब 40 प्रोफेसर

सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज से भी करीब 40 एसोसिएट प्रोफेसर अब प्रोफेसर बन सकते हैं। डीडीयू प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन के बीच चली खींचतान के कारण सेडिका को विवि द्वारा विषय विशेषज्ञ नहीं दिए गए थे। नई कुलपति के समक्ष कॉलेज प्रबंधन ने अपनी बात रखी है। कुलपति ने आश्वासन दिया है।

गुआक्टा के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को ही इसके बारे में जानकारी दी। इस सम्बंध में रजिस्ट्रार से सभी दस्तावेज मांगा गया है। जल्द इसे अपडेट करा दिया जाएगा।

  • प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू।

सेना में अग्निवीरों का कोटा बढ़ाने की तैयारी 

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। रक्षा मंत्रालय अग्निवीरों के स्थायी किए जाने के प्रतिशत को बढ़ाकर 50 करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी है।पिछले साल लागू की गई अग्निवीर योजना में चार वर्ष के बाद 25 फीसदी तक जवानों को एक परीक्षण प्रक्रिया के बाद स्थायी करने का प्रावधान है, जबकि शेष 75 फीसदी को एक तय राशि के साथ सेवा से अलग कर दिया जाएगा। थल, जल और नभ तीनों सेना में यही प्रक्रिया अपनाई गई है। तीनों सेनाओं में अग्निवीरों के पहले बैच आ चुके हैं। सूत्रो के अनुसार, योजना में सुधार को लेकर अनेक सुझाव सेनाओं की ओर से मिले हैं। खासकर नौसेना और वायुसेना का कहना है कि चार साल में 75 फीसदी प्रशिक्षित अग्निवीरों को घर भेजने से उसे नुकसान है, जैसे ही वे तकनीकी कार्य में दक्ष होंगे, उनका सेवाकाल पूरा हो जाएगा। नौसेना और वायुसेना में ज्यादातर सैनिक तकनीक कार्य करते हैं। थल सेना में भी काफी शाखाओं में जवानों को तकनीकी कार्य करना होता है। सूत्रों ने कहा कि सुझाव पर विचार किया जा रहा है।

पीसीएस 2023 मुख्य परीक्षा कल से

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) मुख्य परीक्षा 2023 प्रयागराज के चार और लखनऊ के एक केंद्र पर 26 से 29 सितंबर तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा दो पालियों सुबह 930 से 1230 और दो से पांच बजे तक होगी। परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी ने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि वेबसाइट www. uppsc. up. nic. in से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर संबंधित केंद्र पर उपस्थित हों।

हर बार सिर्फ आदेश, चार साल से समायोजन नहीं 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। प्रदेश के 2363 राजकीय विद्यालयों के सरप्लस शिक्षकों के लिए आदेश तो हर साल जारी हो रहे हैं लेकिन समायोजन चार साल में नहीं हो सका है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसर छात्रसंख्या के आधार पर सरप्लस शिक्षकों का समायोजन करना चाहते हैं जबकि शिक्षक संगठन सृजित पद पर कार्यरत शिक्षकों को हटाने के विरोध में हैं। इसी विवाद के कारण 2018 के बाद से समायोजन नहीं हो सका है। निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने पांच सितंबर को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों और मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से सरप्लस शिक्षकों की सूचना मांगी है।निदेशक ने छात्रसंख्या के अनुसार शिक्षकों का निर्धारण करते हुए रिपोर्ट मांगी है। साथ ही जिन विद्यालयों में छात्रसंख्या के अनुपात में शिक्षकों व प्रवक्ता की तत्काल आवश्यकता है उसे भी निर्धारित प्रारूप पर भेजने के निर्देश दिए हैं। राजकीय शिक्षक संघ बीपी सिंह गुट के प्रदेश महामंत्री डॉ. रवि भूषण का कहना है कि यदि शिक्षक अपने स्वीकृत विषय के पद पर कार्यरत हैं और उसमें छात्र नामांकित हैं तो उसे पीरियड की गणना कर सरप्लस घोषित करना विधिक नहीं है। राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक के पदों की स्वीकृति विषयवार होती है।

संगीत, शारीरिक शिक्षा में दो पद पर तीन शिक्षक

कई स्कूल ऐसे हैं जहां स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं लेकिन उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। उदाहरण के तौर पर राजकीय इंटर कॉलेज प्रयागराज में संगीत व शारीरिक शिक्षा विषय के दो-दो पद स्वीकृत हैं लेकिन यहां इन विषयों के तीन-तीन की तैनाती है। जिला मुख्यालय के इस स्कूल में पुरुष शिक्षकों के पद पर अनियमित तरीके से शिक्षिकाओं को पदस्थापित कर दिया गया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पद खाली होने के बाद शिक्षकों की तैनाती नहीं है।

416 प्रवक्ताओं की ऑनलाइन तैनाती जल्द

राजकीय इंटर कॉलेजों में सहायक अध्यापक से पदोन्नत 416 प्रवक्ताओं की जल्द ऑनलाइन तैनाती होगी। एनआईसी के पोर्टल पर रिक्त पदों की फीडिंग का काम चल रहा है जो पूरा होने के बाद पदोन्नत प्रवक्ताओं से विकल्प लेते हुए पदस्थापन किया जाएगा। इन सहायक अध्यापकों की नियुक्ति 2010-11 से 2018-19 तक हुई थी। इनमें सर्वाधिक 109 शिक्षक हिंदी के हैं। संस्कृत 85, अर्थशास्त्रत्त् 57, नागरिक शास्त्रत्त् 51, व इतिहास के 46 प्रवक्ताओं को भी तैनाती दी जाएगी।

सेवा सुरक्षा, पेंशन के मुद्दे पर कल चाक डाउन 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों-प्रधानाचार्यों की सेवा सुरक्षा बरकरार रखने, सभी विद्यालयों का राजकीयकरण, पुरानी पेंशन की बहाली आदि मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) के बैनर तले मंगलवार को प्रदेश के सभी एडेड कॉलेजों में चाकडाउन रहेगा। कुलभास्कर इंटर कॉलेज में रविवार को संयुक्त मोर्चा की बैठक में पदाधिकारियों ने पूरी ताकत के साथ चाक डाउन करने तथा एक अक्तूबर को रामलीला मैदान नई दिल्ली में आयोजित पेंशन शंखनाद महारैली में भागीदारी का निर्णय लिया।अध्यक्षता करते हुए मोर्चा के संयोजक लालमणि द्विवेदी ने कहा कि शिक्षा का निजीकरण रोकने, शिक्षण संस्थाओं में संविदा और आउटसोर्सिंग की बजाय नियमित नियुक्तियां करने, वित्तविहीन शिक्षकों को समानता के आधार पर वेतन देने तथा भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर आगे बढ़ेंगे। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश शर्मा, एक अन्य गुट के प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह तथा प्रगतिशील शिक्षक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद शर्मा ने संयुक्त मोर्चा को समर्थन दिया है। माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश के शिक्षकों को एकजुट करके सेवा सुरक्षा के साथ ही पुरानी पेंशन को भी वापस लेंगे। संचालन सुरेंद्र प्रताप सिंह ने किया। बैठक में शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार, आदर्श माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश संगठन मंत्री अशोक कनौजिया, एकजुट के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे।

डीआईओएस का रिपोर्ट कार्ड भी बनेगा
 
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। अब जिला विद्यालय निरीक्षकों का रिपोर्ट कार्ड गुरुजी बनाएंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान एवं अवकाशों की स्वीकृति आदि से संबंधित फीडबैक सीधे लेने का निर्णय लिया गया है।प्रत्येक जिले में एक विस्तृत सर्वे करते हुए जिन जिला विद्यालय निरीक्षकों के कार्यालयों से योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में समस्या आ रही है, उनको सूचीबद्ध किया जाएगा। फीडबैक के आधार पर डीआईओएस के खिलाफ मिली प्रतिकूल टिप्पणी पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से विस्तृत जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने फीडबैक प्राप्त करने के लिए यूपीडेस्को के प्रबंध निदेशक को 20 सितंबर को पत्र लिखा है। अनुरोध किया है कि सभी जिलों में रैंडम आधार पर कुल 50 प्रतिशत शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से सीधी कॉल अथवा आईवीआरएस प्रणाली के माध्यम से फीडबैक लेने और उसकी समीक्षा रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। खास बात यह कि शिक्षक और कर्मचारी की जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी।

ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे

1- क्या आपके द्वारा मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अवकाश के लिए आवेदन किया जाता है अथवा नहीं?

2- अवकाश आवेदन के पश्चात किसी भी स्तर पर अपारदर्शिता अथवा अनावश्यक शोषण तो नहीं किया जा रहा है?

3- क्या आपने मानव सम्पदा पोर्टल पर लॉगिन करते हुए अपनी ऑनलाइन सेवा पुस्तिका की जांच कर ली

होम्योपैथी प्रोफेसर-अधिकारी के 81 पदों पर आवेदन कल से 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के 54 और विभिन्न विषयों में प्रोफेसर के 27 पदों पर ऑनलाइन आवेदन मंगलवार से शुरू होंगे।उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से 26 अक्तूबर तक ओटीआर आधारित आवेदन लिए जाएंगे। ऑनलाइन आवेदन में किए गए दावों के समर्थन में सभी शैक्षिक अभिलेखों की स्व प्रमाणित छायाप्रतियां संलग्न कर आवेदन पत्र की हार्डकॉपी आयोग कार्यालय में दो नवंबर तक जमा किए जाएंगे। आयोग ने कहा है कि आवेदन से पूर्व अभ्यर्थियों को एकल अवसरीय पंजीकरण नंबर प्राप्त करना अनिवार्य है। आयुष विभाग में होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के 54 पदों के अलावा प्रोफेसर (आर्गेनान ऑफ मेडिसिन, होम्योपैथी फार्मेसी, होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका, रिपटरी, कम्यूनिटी मेडिसिन, गायनेकोलॉजी एंड आब्सटेट्रिक्स, सर्जरी, प्रैक्टिस ऑफ मेडिसिन, फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी, पौथालॉजी व एनाटमी के 27 पदों पर आवेदन मांगे गए हैं

साल बीतने के बाद छात्रों को मिलेगा वजीफा 

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। दश्मोत्तर कक्षाओं में वजीफे के लिए विद्यार्थियों को इस बार पूरे साल इंतजार करना होगा। वजीफा 15 मार्च 2024 को छात्रों के खाते में जाएगा, जबकि इसकी प्रक्रिया अब पूरे साल चलेगी। छात्रवृत्ति के नियमों में संशोधन के कारण इस बार वजीफा मिलने में विलंब होगा।पिछले दिनों शासन ने दश्मोत्तर कक्षाओं की छात्रवृत्ति के लिए कैलेंडर जारी किया है। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में वजीफे की राशि छात्रों के खाते में 15 मार्च 2024 को जाएगी। इसके पहले 19 दिसंबर तक शिक्षण संस्थानों को मास्टर डेटा तैयार करना है। 22 दिसंबर तक छात्रों के विश्वविद्यालय या संस्थान की ओर से फीस जमा करने का सत्यापन कर समाज कल्याण अधिकारी तक भेजा जाएगा। 31 दिसंबर तक छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना है। तीन जनवरी 2024 तक त्रुटियों को सुधार कर उसे छात्र की लॉगिन में भेजना है। 25 सितंबर 2023 से 11 जनवरी 2024 तक हार्ड कॉपी का ऑनलाइन आवेदन से मिलान किया जाएगा और संस्थान इसे सत्यापित करेगा। आठ जनवरी से 10 फरवरी तक नवीनीकरण न करने वाले छात्रों को चिह्नित किया जाएगा। 12 जनवरी से 15 फरवरी के बीच वास्तवित छात्रों का सत्यापन और अपात्रों की सूची जारी होगी। 12 जनवरी से 30 जनवरी तक एनआईसी से स्क्रूटनी होगी। 31 जनवरी से चार मार्च तक जनपदीय डेटा लॉक किया जाएगा। जबकि 15 मार्च को 2024 को छात्रवृत्ति खाते में भेजी जाएगी।

सॉफ्टवेयर अपडेट करने के कारण हुआ विलंब

जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रज्ञा पांडेय का कहना है कि पहले अप्रैल से शासनादेश आता था और इसी के साथ प्रक्रिया शुरू हो रही थी। इस बार पूरा सॉफ्टवेयर अपडेट हुआ है और शासनादेश अभी आया है। इसके आधार पर मार्च में ही छात्रवृत्ति दी जाएगी। आखिरी महीने में पूरी राशि एक साथ दी जाएगी। जबकि अनुसूचित जाति के मामले में साल में दो बार मई, जून और दूसरी बार मार्च में राशि दी जाएगी।

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