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गोंडा : भीषण गर्मी और लू से करें बचाव , सीएमओ ने दिया सुझाव


हीट वेव के खतरे को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

गोंडा : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी से राहत मिलेगी | अगले चार से पांच दिनों के दौरान देश के लगभग सभी राज्यों में मानसून दस्तक देगा | हालांकि कुछ राज्यों में हीटवेव को लेकर आईएमडी ने अलर्ट जारी किया है, जिसको लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है | जिला स्तरीय अस्पताल से लेकर सभी सीएचसी/पीएचसी अधीक्षकों व प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को मौसम की वजह से होने वाली बीमारियों के पीड़ितों के उपचार में कोई कमी न रखने के निर्देश दिए हैं |

सीएमओ ने कहा है कि भीषण गर्मी व लू से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम रखे जायें | अस्पतालों में ठंडे पानी, ओआरएस की व्यवस्था कराए जाने के साथ ही हीट वेव के मरीजों के लिए अलग वार्ड भी बनाए जाएं | गर्मी की वजह से बीमार पड़ने वाले मरीजों के इलाज की तैयारियां पहले से की जाएं | तीन से चार बेड ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित हों, जिससे आपात स्थिति में रोगियों के उपचार में देरी न हो, उन्हें इलाज का इंतजार न करना पड़े |

तुरंत मिले इलाज

सीएमओ ने सरकारी अस्पतालों में डायरिया, उल्टी, बुखार, पेट दर्द समेत अन्य दूसरी बीमारियों से पीड़ितों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं | उन्होंने कहा कि लक्षणों के आधार पर रोगियों को अलग वार्ड में शिफ्ट किया जाए |

एसीएमओ व नोडल वेक्टर बॉर्न डिजीज डॉ सीके वर्मा
ने कहा कि तापमान बढ़ने के साथ ‘लू’ की शुरुआत हो गई है | गर्मी में होने वाली समस्याओं जैसे- बेहोशी, मांसपेशियों में दर्द, मिर्गी / दौरा पड़ना, चिड़चिड़ापन, सिर दर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी / चक्कर आना, बेतुकी बातें करना, सांस और दिल की धड़कन तेज होना, मतली और उल्टी तथा नींद से जागने में कठिनाई या नींद न खुलना आदि लक्षण बच्चों में दिखें, तो तुरंत सतर्क हो जाएं | तापमान बढ़ने से उमस ज्यादा बढ़ जाती है | इससे किसी भी प्रकार की बीमारी वाले व्यक्ति को बेचैनी होने लगती है, खासकर सांस, उल्टी, दस्त और बुखार के मरीजों को | अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या ज्यादा आ रही है | हीटवेव से तेज बुखार, उल्टी, दस्त और बुजुर्ग मरीजों की संख्या बढ़ रही है |

हीट स्ट्रोक के कारण

हीट स्ट्रोक तेज धूप या ज्यादा गर्मी/तापमान के कारण होता है | लेकिन हीट स्ट्रोक के और भी कई कारण होते हैं | डिहाइड्रेशन, थायराइड में असंतुलन पैदा होना व शरीर के ब्लड शुगर स्तर में कमी आना | शराब के सेवन से, उच्च रक्तचाप या अवसाद आदि के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की वजह से भी हीट स्ट्रोक होता है |

हीट स्ट्रोक के लक्षण

तेज बुखार, ब्लड-प्रेशर लो होना, गर्मी या तेज धूप में काम करने से चक्कर लगना, उल्टी आना या मन खराब लगना हीट स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं |

बचाव के लिए पानी वाले फलों का करें ज्यादा सेवन

गर्मी से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें | पानी वाले फलों का सेवन करें | खाली पेट बिल्कुल न रहें | बहुत जरूरी हो तभी घर से निकले | थोड़ी-सी भी परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें | बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।

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