उत्तरप्रदेश

ब्रेकिंग न्यूज़…23.09.2023

फुल पैंट शर्ट पहनकर आएंगे परिषदीय विद्यालयों के छात्र

संचारी रोगों से बचाव के लिए योगी सरकार की ओर से सभी परिषदीय विद्यालयों को जारी किया गया निर्देश

अत्यधिक बच्चों के बुखार आने पर विद्यालय में ही डॉक्टर को बुलाकर कराया जाए उपचार

छात्रों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए किया जाए जागरूक

3 अक्टूबर से शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग भी निभाए सक्रिय भूमिका

लखनऊ-विशेष संवाददाता:बच्चों को संचारी रोगों से बचाव के लिए योगी सरकार ने निर्देश दिए हैं कि परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को फुल पैंट शर्ट में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। विद्यालय प्रांगण में पानी का जमाव न होने दिया जाए। मच्छरों से संबंधित फागिंग कराई जाए। साथ ही नोडल अध्यापक के माध्यम से छात्रों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जाए।सीएम योगी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव की ओर से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा गया है कि तीन अक्तूबर से शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाए। परिषदीय स्कूलों व निजी स्कूलों में संचारी रोगों के प्रति जागरूकता को लेकर गतिविधियां आयोजित कराई जाएं। पत्र में निर्देशों का कड़ाई से पालन किए जाने को भी कहा गया है।

विद्यालय में उपलब्ध कराएं चिकित्सीय परीक्षण और उपचार

पत्र में कहा गया है कि परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को निर्देश दिए जाएं कि वह विद्यालय फुल पैंट शर्ट पहनकर आएं, जिससे कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारी जैसे डेंगू, मलेरिया इत्यादि से बचा जा सके। साथ ही ये भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि विद्यालय में अत्यधिक संख्या में छात्र-छात्राएं बुखार से पीड़ित हों तो तत्काल पीएचसी को सूचित करते हुए डॉक्टर से चिकित्सीय परीक्षण एवं समुचित उपचार सुनिश्चित कराया जाए।

विद्यालय और आसपास न हो जलभराव

संचारी रोग खासकर मलेरिया, डेंगू इत्यादि के नियंत्रण व रोकथाम के लिए आवश्यक है कि परिषदीय विद्यालयों के प्रांगण के साथ-साथ उसके आसपास की जगहों पर साफ-सफाई की पूर्ण व्यवस्था की जाए। चूंकि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां जलभराव के कारण होती हैं, इसलिए विद्यालय प्रांगण व आसपास कहीं भी जलभराव न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

प्रत्येक स्कूल में हो नोडल अध्यापक

प्रत्येक स्कूल में एक स्वास्थ्य नोडल अध्यापक तैनात किया जाए जो विद्यार्थियों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया इत्यादि से बचाव के लिए जागरूक करें। स्वास्थ्य नोडल अध्यापक समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर बीमारियों से बचाव के उपाय भी बताएं। साथ ही विभिन्न कक्षाओं में शिक्षक वाट्सएप ग्रुप बनाकर अभिभावकों को उससे जोड़ें और समय-समय पर उन्हें जागरूक करने के लिए वीडियो भेजें। आनलाइन मीटिंग के माध्यम से भी उन्हें सतर्क करें।

नीट-पीजी में जब तक सीट, तब तक काउंसिलिंग 

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नीट पीजी 2023 में काउंसिलिंग के लिए क्वालिफाइंग परसेंटाइल को शून्य करने पर सफाई दी है। मंत्रालय का कहना है कि सरकार का मकसद है कि जब तक एडमिशन के लिए सीटें खाली हैं, तब तक काउंसिलिंग चलती रहे।केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि शून्य का मतलब यह नहीं है कि शून्य नंबर वाले को दाखिला मिलेगा। क्वालिफाइंग परसेंटाइल शून्य करने के पीछे उद्देश्य यह है कि पीजी की सीटें खाली न रहें और पीजी कॉलेज में पिछले दरवाजे से सीटें भरने के विकल्प न बचें। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय की मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी ने एक नोटिस में कहा है कि नीट पीजी काउंसलिंग 2023 के लिए पीजी पाठ्यक्रमों (मेडिकल/डेंटल) के लिए क्वालीफाइंग परसेंटाइल को मंत्रालय ने सभी श्रेणियों में शून्य कर दिया है।

कट ऑफ अंक कम करने की अपील

पीजी काउंसिलिंग राउंड-3 का नया कार्यक्रम जल्द एमसीसी वेबसाइट पर डाला जाएगा। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने हाल में स्वास्थ्य मंत्रालय से नीट पीजी 2023 परीक्षा के लिए कट-ऑफ अंक को कम करने पर विचार करने की अपील की

बारावफात में पीसीएस मेंस, की आपत्ति 

प्रयागराज। 28 सितंबर को बारावफात की छुट्टी के दिन सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) मुख्य परीक्षा 2023 का पेपर कराने पर आपत्ति हुई है। एक अभ्यर्थी सोहेल अंसारी ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को ई-मेल करके लिखा है कि त्योहार होने के कारण कठिनाई होगी। अनुरोध किया है कि उस दिन की परीक्षा टालकर दूसरे दिन कराई जाए। पीसीएस 2023 मेंस 26 से 29 सितंबर तक प्रस्तावित है। 28 सितंबर को सामान्य अध्ययन तृतीय व चतुर्थ प्रश्नपत्र की परीक्षा है। परीक्षा प्रयागराज के चार और लखनऊ के एक केंद्र पर होगी।

क्रेज घटा तो लगा ताला, बढ़ा तो अब दाखिले की परेशानी

डीएलएड में प्रवेश के लिए बंद कॉलेजों के प्रबंधक भी दौड़ रहे 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 28 जून 2018 को जारी अधिसूचना में बीएड को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य करने के बाद डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) का क्रेज घटने लगा। एक के बाद एक प्राइवेट कॉलेजों पर ताले पड़ने लगे लेकिन पिछले महीने 11 अगस्त को एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट से निरस्त होने और डीएलएड में प्रवेश के लिए रिकॉर्ड 3,36,572 आवेदन होने के बाद तस्वीर बदल गई है।जिन 28 निजी कॉलेजों ने एनसीटीई को मान्यता वापस करते हुए 2023-24 सत्र में प्रवेश लेने से इनकार कर दिया था। उनमें से 15 कॉलेजों के प्रबंधक अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज से लेकर लखनऊ में शासन के अधिकारियों तक का चक्कर काट रहे हैं। निजी कॉलेज प्रबंधकों ने अपना प्रत्यावेदन देकर इसी साल डीएलएड की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने का दबाव बना रहे हैं ताकि 2018 से बंद कमाई फिर से चालू हो जाए। लेकिन चूंकि एनसीटीई ने मान्यता वापस कर दी है इसलिए अधिकारी भी बेबस हैं। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि मान्यता सरेंडर करने वाले जिन निजी डीएलएड कॉलेज के प्रबंधकों ने इस सत्र में प्रवेश के लिए आवेदन किया है, उसे शासन को संदर्भित किया जा चुका है।

आगरा और मऊ के तीन तीन, मेरठ के दो कॉलेज

प्रयागराज। मान्यता सरेंडर करने के बाद डीएलएड प्रवेश के लिए दौड़ लगा रहे निजी कॉलेजों में से आगरा व मऊ के तीन-तीन, मेरठ के दो जबकि गाजीपुर, मैनपुरी, बलिया व एटा के एक-एक कॉलेज शामिल हैं। एक समय डीएलएड की सरकारी और प्राइवेट कुल 242200 सीटों पर प्रवेश होता था जो घटते-घटते इस साल 2,33,350 रह गई है।

लोहिया में संविदा कर्मचारियों के वेतन से जबरन कटौती

हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ गोमतीनगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सैकड़ों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन से जबरन कटौती कर दी गई है। आरोप हैं कि कंपनियां मनमाने तौर पर गुजरे दो माह से 500 से 1000 रुपये तक की कटौती कर रही हैं। अधिकारी कर्मचारियों की पीड़ा तक सुनने को तैयार नहीं हैं। अब संविदा कर्मचारी संघ ने आन्दोलन की चेतावनी दी है।लोहिया संस्थान में सेवा प्रदाता फर्म सुदर्शन फैसिलिटी के नर्सिंग, कंप्यूटर ऑपरेटर व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत हैं। संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिदानन्द मिश्रा का आरोप है कि वेतन महीने की सात तारीख तक मिल जाता था पर कंपनी 15 तारीख के बाद वेतन दे रही है। अगस्त के वेतन से बिना किसी कारण 500 रुपये सैकड़ों कर्मचारियों के काट लिए। जुलाई में भी वेतन से 1000 रुपये की कटौती कर ली गई थी। शिकायत के बाद भी कटौती की रकम लौटाने को कंपनी तैयार नहीं है। महामंत्री का कहना है कि दूसरी फर्म प्रिंसिपल सिक्योरिटी ने सुरक्षा कर्मियों के वेतन से 500 से 1500 रुपये की कटौती की है।

मानकों पर खरे सभी संस्थानों को तीन साल में नैक ग्रेडिंग करानी होगी

राज्य स्तर पर गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ बनाएगा उत्तरदायित्व आधारित नीति

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता:मानक पूरा करने वाले प्रदेश के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को अगले तीन वर्षों में राष्ट्रीय मू्ल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से अपनी ग्रेडिंग करानी होगी। राज्य स्तर पर गठित गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ को इसके लिए उत्तरदायित्व आधारित नीति निर्धारित करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत नैक मूल्यांकन के लिए निर्धारित मापदंडों को उच्च शिक्षा संस्थानों में लागू कराया जाएगा।प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता एवं समय से मूल्यांकन कराने के लिए गठित राज्य स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (एसएलक्यूएसी) का गठन किया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष और प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा पदेन उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। एसएलक्यूएसी का कार्यालय क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी लखनऊ के भवन में बनाया जाएगा, जबकि इसकी बैठकें उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित की जाएंगी। दरअसल, नई शिक्षा नीति 2020 में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए शिक्षण संस्थानों के सतत एवं तय समय में मूल्यांकन पर विशेष जोर दिया गया है।शासन ने नैक मूल्यांकन के लिए निर्धारित मापदंडों को एसएलक्यूएसी के माध्यम से उच्च शिक्षा संस्थानों में लागू कराने की योजना बनाई है। इन मापदंडों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय व महाविद्यालय स्तर पर कार्यशाला कराई जाएगी। संस्थानों को नैक मूल्यांकन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा। साथ ही नैक मूल्यांकन में सहायता के लिए मेंटर व मेंटी नामित किए जाएंगे। यह जिम्मेदारी उन संस्थानों को दी जाएगी, जो नैक में अच्छी ग्रेडिंग प्राप्त कर चुके हैं। माना जा रहा है कि सभी राजकीय व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को तीन साल में नैक मूल्यांकन के लिए तैयार करा लिया जाएगा। साथ ही निजी संस्थानों को भी इसके लिए प्रेरित किया

एडेड जूनियर भर्ती के लिए धरने पर बैठे अभ्यर्थी

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज प्रदेश के 3049 सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों के 1894 पदों पर भर्ती पूरी करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज के बाहर धरना दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से हाईकोर्ट में प्रभावी पैरवी न होने के कारण उनकी भर्ती में बेवजह देरी हो रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर दो साल पहले यह भर्ती शुरू हुई थी। 17 अक्तूबर 2021 को भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई। 15 नवंबर 2021 को घोषित परिणाम हाईकोर्ट के आदेश पर छह सितंबर 2022 को संशोधित किया गया। उसके बाद फिर कुछ अभ्यर्थियों ने याचिकाएं कर दीं जो हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने अभ्यर्थियों को प्रकरण के जल्द समाधान के लिए पैरवी का भरोसा दिलाया। प्रदर्शन करने वालों में सीपी सिंह सिंगरौर, राहुल, अमरजीत, सनोज यादव, शुभम तिवारी व सुधीर तिवारी आदि शामिल थे।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय : बीएफए का नया कटऑफ जारी

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शैक्षिक सत्र 2023-24 में परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पर शनिवार को विराम लग जाएगा। अंतिम तिथि 22 सितंबर तय की गई थी। वहीं स्नातक में प्रवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में है।प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. जेके पति ने बताया कि स्नातक में दाखिले के लिए दो पाठ्यक्रमों का नया कटऑफ जारी कर दिया गया है। जारी कटऑफ के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग शनिवार से होगी। बीएफए में अनारक्षित 394, ओबीसी 317, एससी 271.38, ईडब्ल्यूएस के 308.77 या इससे अधिक अंक, फाइव ईयर बीसीए-एमसीए (डाटा साइंस) में ओबीसी के 310, ईडब्ल्यूएस के 298 या इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी 23 सितंबर से दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे। सीएमपी, जगत तारन, राजर्षि टंडन, एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज और आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में भी प्रवेश को नया कटऑफ जारी कर दिया गया है।

ईश्वर शरण में आज का कटऑफ

बीएएलएलबी में ओबीसी 440, एससी 400, ईडब्ल्यूएस 440, बीकॉम में ओबीसी 160, एससी 20, बीएससी बायो में अनारक्षित 200, बीएससी गणित में अनारक्षित 230, बीए 200 या इससे अधिक अंक वाले प्रवेश ले सकते हैं।

अंतर्जनपदीय स्थानांतरित 16,000 शिक्षकों के मनचाहे विद्यालय आवंटन का दावा

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता:बेसिक शिक्षा विभाग ने दो माह पूर्व अन्तर्जनपदीय स्थानांतरित हुए 16,000 शिक्षकों को आनलाइन विद्यालय आवंटित कर दिया है। इसके तहत शिक्षकों से विकल्प प्राप्त कर उनके मनचाहे विद्यालयों में उन्हें तैनाती के आदेश जारी किए गए हैं।इसमें दिव्यांग महिला शिक्षक, दिव्यांग पुरुष शिक्षक और इसके बाद महिला शिक्षकों को विद्यालय आवंटन किया गया। अन्त में बचे विद्यालयों में पुरुष शिक्षकों की तैनाती की गई। स्कूल महानिदेशक विजय किरण आनन्द ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों के 1197 प्रधानाध्यापक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 66 प्रधानाध्यापक समेत प्राथमिक विद्यालयों के 12, 925 सहायक अध्यापक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 1342 सहायक अध्यापक (कुल 15,530) को विद्यालय आवंटित किए गए। यह कार्य 13 से 22 सितम्बर के बीच पूरा किया गया।उन्होंने बताया कि शेष बचे सहायक अध्यापकों को भी विद्यालय आवंटन की कार्रवाई जारी है और इसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। श्री आनन्द ने बताया कि स्थानांतरण से लेकर विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया बिना किसी शिकायत के पारदर्शी तरीके से पूरा की गई है। शिक्षकों की तैनाती एकल शिक्षक विद्यालयों में की गई है, जिसे छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार हुआ है और एकल शिक्षक विद्यालयों की स्थिति समाप्त हुई है।

मांगों को लेकर लखनऊ में प्रदर्शन करने जाएंगी आशाएं

हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज मांगों को लेकर 25 सितंबर को लखनऊ के ईको गार्डन में होने वाले प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन में जिले की आशा कार्यकत्री भी जाएंगी। बघाड़ा स्थित स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार को आशाओं को संबोधित करते हुए आशा वर्कर्स यूनियन से संबद्ध एक्टू की जिला अध्यक्ष आशा देवी ने कहा कि सरकार आशाओं का हर महीने दो-चार हजार का मानदेय भुगतान नहीं कर पा रही है। जिला सचिव देवानंद ने कहा कि आशाओं को स्वास्थ्यकर्मी का दर्जा देना चाहिए। उनका न्यूनतम मासिक भुगतान 21 हजार होना चाहिए। मंडल उपाध्यक्ष रेखा कुशवाहा ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर रही है। इसलिए 25 सितंबर को पूरे प्रदेश की आशा कार्यकत्री राजधानी का रुख करेंगी।

कनिष्ठ सहायक, कनिष्ठ लिपिक व सहायक के 3831 पदों की भर्ती में 1681 और रिक्तियां हुईं शामिल

लखनऊ, विशेष संवाददाता:प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में खाली पड़े कनिष्ठ सहायक, कनिष्ठ लिपिक, सहायक स्तर-तृतीय के साथ ही टंकक के कुल 5512 पदों पर भर्तियां की जाएंगी। इसमें सामान्य चयन के कुल 3768 और 63 विशेष यानि कुल 3831 पदों के साथ अब कनिष्ठ सहायक / टंकक कम कनिष्ठ लिपिक के 1681 पदों को भी शामिल कर लिया गया है।इन पदों में 1518 पद सामान्य चयन और 163 पद विशेष चयन के हैं। इन पदों में 5286 पद सामान्य चयन के और 226 पद विशेष चयन के होंगे।यह जानकारी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव अवनीश सक्सेना ने दी है। उन्होंने बताया कि इन पदों पर चयन के लिए 12 सितम्बर को आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। इन भर्तियों के लिए आवेदन शुल्क और आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख तीन अक्तूबर तय की गई है। शुल्क समायोजन और आवेदन में संशोधन की आखिरी तारीख 10 अक्तूबर तय की गई है।ऐसे सभी अभ्यर्थी जो पूर्व में आयोग के चार अगस्त 2023 को प्रकाशित विज्ञापन संख्या-08-परीक्षा/2023 के अन्तर्गत अपना आनलाइन आवेदन भर चुके हैं, उन्हें फिर से आवेदन करने की जरूरत नहीं है। उनके द्वारा पूर्व में जमा किया गया आवेदन ही इन रिक्तियों के लिए भी मान्य होगा।

19 पीसीएस अफसरों को मिली तरक्की

लखनऊ, विशेष संवाददाता:प्रदेश सरकार ने 19 पीसीएस अफसरों को प्रोन्नत कर उच्चतर वेतनमान देने का आदेश जारी किया है। वेतनबैण्ड-4, रुपये-37, 400-67000 ग्रेड पे रुपये-8700 (पे मैट्रिक्स लेवल-13) में कार्यरत इन अफसरों को उच्चतर वेतनमान वेतन बैण्ड-4 रुपये 37, 400-67000 ग्रेड पे (पे मैट्रिक्स लेबल-13 क) में वर्तमान पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से प्रोन्नति प्रदान की गई है।इन अफसरों में बरेली मण्डल की अपर आयुक्त प्रीति जायसवाल, गाजीपुर के मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य, सूडा लखनऊ के अपर निदेशक आनन्द कुमार शुक्ल, फर्रुखाबाद के मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द कुमार मिश्र, सहारनपुर के मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार-द्वितीय, उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव अवनीश सक्सेना, स्थानीय निकाय निदेशालय की अपर निदेशक ऋतु सुहास, आगरा मण्डल के अपर आयुक्त राजेश कुमार, कानपुर विकास प्राधिकरण के सचिव शत्रोहन वैश्य, मुख्य सचिव के स्टाफ आफिसर रवीन्द्र कुमार, मेरठ मण्डल के अपर आयुक्त हिमांशु गौतम, उप्र सहकारी चीनी मिल्स संघ लि. के संयुक्त प्रबंध निदेशक मुकेश चन्द्र शामिल हैं। यह सभी पीसीएस अफसर वर्ष 2004 बैच के अधिकारी हैं।इनके अलावा वर्ष 2006 बैच के परिवहन आयुक्त कार्यालय के अपर आयुक्त प्रशासन नरेन्द्र सिंह द्वितीय, पीलीभीत के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम सिंह गौतम, देवरिया के मुख्य राजस्व अधिकारी रजनीश राय, वाराणसी के अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकॉल एवं कानून व्यवस्था) बच्चू सिंह, अलीगढ़ मण्डल के अपर आयुक्त भगवान शरण, ग्राम्य विकास निदेशालय के संयुक्त आयुक्त नन्द लाल सिंह और मुरादाबाद मण्डल के अपर आयुक्त बृजनाथ यादव को भी प्रोन्नति दी गई

शिक्षकों की पदोन्नति को लगाई गुहार

प्रयागराज। राजकीय शिक्षकों की समय से पदोन्नति करने की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संघ के एक गुट ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर गुहार लगाई है। गुट के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय का कहना है कि पिछले 14 सालों से दस विषयों में सहायक अध्यापक (एलटी) से प्रवक्ता में पदोन्नति नहीं हुई है। वर्ष 2000 के बाद से अब तक एलटी ग्रेड शिक्षकों की अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी नहीं हुई है।

एसटीएफ ने 23 शिक्षकों के खिलाफ दी जांच रिपोर्ट, कूटरचित दस्तावेज के सहारे कर रहे थे नौकरी

संतकबीरनगर। एसटीएफ ने परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की है। इसमें कुल 23 शिक्षक फर्जी मिले हैं। एसटीएफ ने इन फर्जी शिक्षकों पर केस दर्ज कराकर उसकी रिपोर्ट बीएसए से मांगी है। एसटीएफ की इस कार्रवाई से फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है।प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद परिषदीय विद्यालयों में फर्जी तरीके से नियुक्ति किए गए शिक्षकों की जांच की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी।तीन साल पहले एसटीएफ की जांच में 12 शिक्षक फर्जी पाए गए थे। उन शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हुई थी। इसके बाद दो माह पहले एसटीएफ ने 14 शिक्षकों की सूची बीएसए को भेजी थी। जिसमें कहा था कि यह शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रहे हैं। इन पर कार्रवाई करें।इधर, दो दिन पहले एसटीएफ ने फिर नौ शिक्षकों की रिपोर्ट भेजी है। पुलिस अधीक्षक ने बीएसए को पत्र भेजकर कहा है कि शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितता की जांच गोपनीय तरीके से की गई। जिसमें कूटरचित दस्तावेज के सहारे नौ शिक्षक जिले में कार्यरत हैं। इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी रिपोर्ट एसटीएफ को भी प्रेषित की जाए। एसटीएफ की इस कार्रवाई से फर्जी तरीके से नौकरी हासिल किए शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। शिक्षक बीएसए कार्यालय से हो रही कार्रवाई पर नजर लगाए हुए हैं।

एक शिक्षकों पर कार्रवाई से कतरा रहा बीएसए कार्यालय

एसटीएफ ने एक साल पहले एक शिक्षक पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा था। जिसमें शिक्षक पर कूटरचित दस्तावेज के सहारे नौकरी करने का आरोप था। बीएसए कार्यालय ने शिक्षक को निलंबित तो किया पर उन्हें बर्खास्त नहीं किया। एक साल से वह शिक्षक बर्खास्त है। इधर, एसटीएफ ने जो फर्जी शिक्षकों की रिपोर्ट दी है, उसमें भी यह शिक्षक शामिल है। बीएसए कार्यालय इस शिक्षक पर एक साल से मेहरबान है और कार्रवाई करने से कतरा रहा है।

एसटीएफ ने जिन शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट दी है, जल्द ही उन पर कार्रवाई की जाएगी, शिक्षकों को उनके क्षेत्र के थानों पर केस दर्ज कराया जाएगा। अगर पिछली बार के कुछ शिक्षक रह गए हैं और कार्रवाई नहीं हुई है तो उनकी भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

अमित कुमार सिंह, बीएसए

साहब ! प्रधानाध्यापिका और सहायक अध्यापक स्कूल में करते हैं गंदी हरकत

संतकबीरनगर। डीएम के जनता दरबार में बृहस्पतिवार को पहुंची खलीलाबाद ब्लॉक के एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षामित्र ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका और सहायक अध्यापक पर गंदी हरकत करने का आरोप लगाया है। शिक्षामित्र ने कहा-उनके इस हरकत से विद्यालय का माहौल खराब हो रहा है। साथ ही बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा है। हरकत का विरोध करने पर उसे नौकरी से हटाने की धमकी दी जा रही है। शिक्षामित्र ने डीएम से अपना स्थानांतरण दूसरे विद्यालय पर करने की मांग की है।उसने बताया कि दोनों विद्यालय में आए दिन इस तरह की हरकत करते हैं। नागपंचमी के दिन दोनों को गंदी हरकत मनाते पकड़ा गया तो उल्टा उसी से बदतमीजी करने लगे। इस मामले में डीएम ने बीएसए को जांच का निर्देश दिया है। साथ ही शिक्षामित्र का स्थानांतरण बगल के विद्यालय पर करने का निर्देश दिया।खलीलाबाद ब्लॉक के एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षामित्र कलक्ट्रेट पर डीएम के जनता दरबार में पहुंचीं। शिक्षामित्र का कहना था कि वह विद्यालय पर 20 सालों से तैनात है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका और सहायक अध्यापक दोनों अविवाहित हैं। विद्यालय परिसर में दोनों आए दिन गंदी हरकत करते हैं। पढ़ाने के लिए निर्धारित कक्षाओं में नहीं जाते हैं। जिससे पूरे विद्यालय का माहौल व बच्चों के मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। नागपंचमी के दिन दोनों को विद्यालय में आपत्तिजनक हाल में देखा लिया था। इसके बाद उसे किसी को बताने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी गई। इसकी जानकारी गांव के लोगों को भी है। रजिस्टर में गैर हाजिर कर दिया जा रहा है। इससे उसका मानदेय कट जा रहा है। विद्यालय का पठन-पाठन का माहौल खराब हो चुका है। उनका किसी नजदीक के विद्यालय में स्थानांतरण किया जाए।

खलीलाबाद ब्लॉक के एक विद्यालय का मामला संज्ञान में आया है, पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी, इसके साथ गांव वालों का भी बयान दर्ज किया जाएगा। अगर मामला सही मिला तो प्रधानाध्यापिका और सहायक अध्यापक पर कड़ी कार्रवाई होगी।

अमित कुमार सिंह, बीएसए

परिषदीय विद्यालय की एक शिक्षामित्र आई थी। उसने विद्यालय के प्रधानाध्यापिका और सहायक अध्यापक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बीएसए को जांच का निर्देश दिया गया है, इसके साथ ही शिक्षा मित्र को किसी अन्य विद्यालय पर स्थानांतरित करने के लिए बीएसए को कहा गया है।

महेंद्र सिंह तंवर, डीएम

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