अयोध्या
लव जिहाद के लिए मुस्लिम मां बाप के द्वारा अपनी ही बेटी को इस्तेमाल करने वाला देश का पहला मामला
जिहाद के लिए अपनी ही बेटी को इस्तेमाल कर रहे मुस्लिम मां बाप।
11 सालों से हिंदू बनकर रह रही मुस्लिम मां बाप की बेटी।
अनाथ बन कर हिंदू दलित जगवीर कोरी से की शादी।
अनाथ महिला ने अपना नाम बताया पूजा।
पूजा बन कर हिंदू दलित जगबीर से की शादी।
हिंदू दलित के साथ किया कोर्ट मैरिज।
शादी के बाद सभी हिंदू रीति रिवाज और पहनावो को अपनाया।
शादी के बाद दो बच्चों को भी दिया जन्म।
पहले बेटे का नाम आयुष और दूसरी बेटी का नाम है शगुन।
मई 2011 में हुई थी दोनों की शादी।
9 साल तक चलता रहा सब कुछ ठीक-ठाक।
2020 में अचानक एक शख्स राजू बन कर आया सामने।
खुद को बताया पूजा का भाई।
फिर धीरे-धीरे बदलने लगे हालात।
पूजा ने धीरे-धीरे अपने पहनावे में भी किया बदलाव।
साड़ी की जगह पहनने लगी सलवार कमीज।
घर में ही चुपके चुपके कुरान पढ़ना और नमाज पढ़ना शुरू किया।
फिर अचानक उसके मां-बाप आए सामने।
और सामने आया पूजा का असली नाम।
पूजा बन कर रही लड़की असलियत में निकली हसीना बानो।
ठाकुर के भेष में भाई बनकर आया राजू निकला मुस्लिम।
हकीकत में राजू का असली नाम सामने आया निसार अहमद।
मां बाप के साथ पूजा चली गई अपने मायके।
बच्चों को भी साथ लेकर गई मायके।
मायके में ही पूजा ने कराया अपने बेटे आयुष का खतना।
मायके से लौटने के बाद जब पूजा ने अपने बेटे का स्कूल में कराया एडमिशन।
स्कूल में बेटे आयुष का नाम लिखाया अनीस।
देवकाली स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में लिखाया नाम।
तकरीबन डेढ़ माह पहले पूजा उर्फ हसीना बानो दोनों बच्चों को लेकर यहां से हुई फरार।
साथ में बटोर कर ले गई घर की सारी नगदी और जेवर।
पूजा उर्फ हसीना बानो अब रह रही है अपने मां-बाप के साथ।
अब लड़की के मां-बाप सारी प्रॉपर्टी लड़की के नाम ट्रांसफर कराने का दे रहे दबाव।
साथ ही जगबीर से कह रहे कि इस्लाम कुबूल करो और परिवार के साथ खुश रहो।
अगर इस्लाम कबूल ना किया तो कर देंगे सर धड़ से जुदा।
जगबीर को पड़े अपनी जान के लाले।
डीएम एसएसपी व मुख्यमंत्री से भी लगाई गुहार
प्रशासन से करता रहा न्याय व सुरक्षा की मांग।
निराश होकर जगबीर पहुंचा जगतगुरु आचार्य परमहंस दास के पास।
आचार्य परमहंस दास ने किया हर संभव मदद का वादा।
पत्रकारों को बुलाकर प्रेस वार्ता के माध्यम से कराया घटना से अवगत।
थाना कोतवाली अयोध्या के शाहनवाजपुर के हल्कारा का पुरवा का मामला।