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लट्ठमार होली में मथुरा आने का है प्लान तो क्यूआर कोड कर लें स्कैन,कहीं भी भटकेंगे नहीं

मथुरा।हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक होली है,जिसे पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है।हालांकि देशभर में सबसे शानदार होली ब्रज में मनाई जाती है। कान्हा की नगरी मथुरा,राधारानी का धाम बरसाना और भक्ति से सराबोर वृंदावन में होली का जश्न एक अलग ही भव्यता से मनाया जाता है। यही वजह है कि ब्रज में जाकर होली खेलना अधिकतर लोगों का सपना होता है।

मथुरा की लट्ठमार होली विश्वविख्यात है।यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं।बरसाना और नंदगांव में ये होली देखने को मिलती है। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं और इस साल ब्रज में होली खेलने का प्लान बना रहे हैं, तो ये आपके लिए मददगार हो सकता है।इस बार मथुरा पुलिस ने लट्ठमार होली के दौरान भटके पर्यटकों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए क्यूआर कोड बनाया है,जिसे स्कैन करने पर बरसाना का नक्शा खुल जाएगा,नक्शे के आधार पर पर्यटक अपने पार्किंग स्थल,धर्मशाला,गेस्ट हाउस पहुंच जाएंगे। यहां तक पर्यटकों से जुड़ी अन्य जानकारी भी दी गई है।

बरसाना की लट्ठमार होली में देश-विदेश से लाखों पर्यटक श्रीजी के धाम बरसाना में आते हैं,जिनको वाहनों को विभिन्न पार्किंग स्थलों पर रोक दिया जाता है, जिससे पर्यटक रास्ता भूल जाते हैं। भटके पर्यटकों को सही रास्ता दिखलाने के लिए मथुरा पुलिस ने बरसाना होली 2025 के नाम से कोड बनाया है, जिसको विभिन्न मार्गों और प्रमुख जगहों पर लगा दिया जाएगा। रास्ता भटकने वाले पर्यटक अपने मोबाइल पर इस कोड को स्केन करेंगे तो बरसाना का नक्शा खुल जायेगा। पर्यटक इस नक्शे के आधार पर अपने गंतव्य तक पहुंच कर अपनों से मिल लेगा।

मथुरा प्रशासन ने 7 मार्च को लड्डू होली और 8 मार्च को लट्ठमार होली देखने आने वाले पर्यटकों के लिए गाइडलाइन जारी की है। मथुरा प्रशासन ने पर्यटकों से अपील की है कि बुजुर्ग,छोटे बच्चे,शारीरिक अक्षम,गंभीर बीमारी से पीड़ित और प्रेग्नेंट महिलाएं न आए। साथ ही अनुरोध किया गया है कि पर्यटक अपने गाड़ियों को निर्धारित पार्किंग स्थलों पर खड़ा करके लाडली जी मंदिर में राधाजी के दर्शन करने आएं।

वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में होली के उत्सव को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। मंदिर प्रबंधन ने उन भक्तों को होली में न आने की अपील की है। जिन्हें रंगों से एलर्जी है या जो रंगों को लेकर असहज महसूस करते हैं। इसके अलावा बीमार, बुजुर्ग, बच्चों को भी भीड़ के कारण मंदिर न आने की सलाह दी गई है। साथ ही दर्शनार्थियों को किसी प्रकार का रंग भी मंदिर में न लाने के लिए कहा गया है।

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