
आज का पवित्र पंचांग एवं राशिफल

यह छाया चित्र बहुत कुछ कहता है।चित्र उन 1100 भारतीयों में से कुछ का है जिन्हें अमेरिका ने कल ही विशेष विमान से भारत प्रत्यर्पित किया है।लेकिन न तो अमेरिका में इसके विरुद्ध कोई हो हल्ला हुआ न ही भारत की उन विपक्षी राजनीतिक दलों के मुख से विरोध का एक भी शब्द निकला जो भारत में अवैध रूप से रह रहे लगभग 5 करोड़ बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को देश से निकालने के नाम पर छाती पीटने लगते हैं।वह भी खामोश हैं जिनका कलेजा निर्दोष यहूदियों की निर्मम हत्या करने वाले फिलिस्तीनियों पर इजरायल की बमबारी से बम की तरह फटने लगता है।भारत में किसी दुर्दांत अपराधी या आतंकवादी को मुठभेड़ में मार गिरने या फिर उनको पकड़ कर उन पर मुकद्दमा चलाने पर जो मानव अधिकार संगठन गल्ला फाड़ फाड़ कर दुहाई देते और सरकार को धमकाते थे,वह भी हथकड़ी पहने और मुंह सिले इन भारतीयों को देख कर चुप हैं।
दरअसल बात यह है अमेरिका के मतदाता और वहां की आम जनता भी अपने देश से सच्चा प्यार करती है और राष्ट्रवाद उनके लिए सर्वोपरि है।इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप के इस कड़े कदम के विरुद्ध किसी विपक्षी दल या मानवाधिकार संगठन ने इसकी तनिक