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मार्गशीर्ष अगहन कृष्ण पक्ष सप्तमी रात्रि में ९/१९ तक उपरि अष्टमी शुक्रवार श्लेषा नक्षत्र रात्रि में ८/५७ तक उपरि मघा २२ नवम्बर २०२४
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नरोहिताहारविहारसेवी
समीक्षकारी विषयेष्वसक्त:।
दाता सम:सत्यपर:क्षमावान्
आप्तोपसेवी च भवत्यरोग:।।चरक
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अर्थात जो मनुष्य सदैव हितकर आहार- विहार का सेवन करता है ,सोच -समझकर कार्य करता है, विषयों में आसक्त नहीं होता,जो दानशील,समत्व वुद्धि से युक्त सत्यपरायण, क्षमावान,वृद्ध जनों की सेवा करनेवाला है वह सदैव स्वस्थ एवं निरोग रहता है।।
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मंगलमय शुभदिन सुप्रभात
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