उत्तरप्रदेश
24 वें कारगिल विजय दिवस पर एक माँ अपने शहीद बेटे की याद में ये पक्तियाँ लिखते हुए अपने बेटे को फिर से एक बार प्यार, दुलार, और उठाकर उसकी एक बार फिर से बलिहारी लेना चाहती है,

चूम लूँ, दुलार लूँ,
चूम लूँ, दुलार लूँ,
प्यार से सौ-सौ बार निहार लूँ।
देश की रक्षा की खातिर,
यूँ ही तुम्हें पुकार लूँ।
टूट न जाएँ नींद किसी की,
तुम्हें धीरे से पुकार लूँ।
कल्पनाओं के, भवर में खड़ी हूँ,
जाग जाओं, तुम्हें पुकार लूँ।
कह रही हूँ, हठ की होती है हद,
उठ जा, इक बार तो, आरती उतार लूँ।
शहीदों के किस्से हर जुबाँ पर होंगे
एक मैं भी इन्हें दिल में उतार लूँ
एक बार फिर से याद कर ले मुझे । मैं हिचकियाँ हजार लूँ ।
देकर विजय, चले गये हो तुम,
साहस की प्रतिमूर्ति बन गये हो तुम,
आखिरी बार तुम्हें जी भर देख लूँ,
मन के पटल पर तुमको सजा लूँ।
चूम लूँ, दुलार लूँ,
प्यार से सौ-सौ बार निहार लूँ।।
(निधि शर्मा)
वैशाली, गाजियाबाद ।।