Shekhar News
लखनऊ में जिद पर अड़े संगठन, 72 घंटे बाद ही हड़ताल होगी वापस
UP में हड़ताल कर रहे विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की PC शुरू।
विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का बयान।
बिजलीकर्मियों की 16 मार्च रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल शुरू हुई है।
ऊर्जामंत्री से बात हुई लेकिन बात नही बनी।
ऊर्जामंत्री से हमने कहा था कि आप जब बुलाएंगे हम आ जाएंगे।
हमें वार्ता के लिए अबतक नही बुलाया गया है।
एस्मा के तहत FIR दर्ज कराई जा रही है।
1332 गरीब संविदाकर्मियों को निकाल दिया गया है।
ऊर्जामंत्री जले पर नमक छिड़कते हुए नए लोगो की भर्ती करने की बात कर रहे है।
ऊर्जामंत्री हमसे बात नही, क्रूर मज़ाक कर रहे है।
बिजलीकर्मियों ने कही कोई हिंसा या लाइन बाधित नही की है।
सरकार चाहे तो इस मामले की जांच करा लें।
अनपरा, ओबरा, परीक्षा, हरदुआगंज में बिजली उत्पादन हुआ ठप।
जब हमारे बिजलीकर्मी गए ही नही तो किसके चलते बिजली उत्पादन बंद हुआ।
हड़ताल को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था नही की गई।
मुझ पर SLDC बंद कर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया गया।
ऊर्जामंत्री के साथ लिखित समझौते को ही उनके मातहत नही मनाने को तैयार नही है।
ओबरा-अनपरा कोयले के खदान नही सोने की खदान है।
ओबरा-अनपरा परियोजनाओं की मांग कर कौन सा राष्ट्रविरोधी कार्य कर दिया।
ऊर्जा उत्पादन इकाइयों हमारी माँ के समान है, हम इनसे कभी छेड़छाड़ नही कर सकते।
8 हजार की पगार वाले संविदाकर्मियों पर कार्रवाई गलत।
बिजली इकाइयों के बंद होने में विधुत संघर्ष समिति की कोई भूमिका नही।
हमनें 72 घंटे की शांतिपूर्ण हड़ताल का ऐलान किया है।
हड़ताल के दौरान किसी के खिलाफ कार्रवाई हुई तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
हम सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे।
विधुत संघर्ष समिति के 22 पदाधिकारियों के खिलाफ एस्मा की कार्रवाई की गई है।
हमारे खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है, आप हमें अभी गिरफ्तार कर सकते है।
हम यहाँ आये है, यहाँ से जाएंगे नही।
ऊर्जामंत्री एक तरफ वार्ता की बात कर रहे है, दूसरी तरफ FIR करा रहे है।
हम 72 घंटे बाद फिर हड़ताल खत्म कर कार्य पर वापस लौटेंगे।
लेकिन अगर हड़ताल के दौरान किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
ऊर्जामंत्री के साथ हुए समझौते में सुधार पर हर माह प्रबंधन कर साथ बैठक करने की बात हुई थी।
लेकिन बिजली प्रबंधन के एक बार भी सुधार के लिए कर्मचारियों के साथ बैठक नही की।