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साल का सबसे बड़ा सुपरमून आज।

पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी सबसे कम होगी, जानें भारत में कब नजर आएगा

आज रात पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम हो जाएगी, जिसके बाद आधी रात को हमें इस साल का सबसे बड़ा सुपरमून देखने को मिलेगा। ऐसा ही कुछ संयोग पिछले महीने भी बना था, जब पूर्णिमा के दिन चांद का रंग पूरी तरह लाल हो गया था। इस बार पूर्णिमा बुधवार को है, जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जा रहा है।

क्या होता है सुपरमून?

सुपरमून एक ऐसी खगोलीय घटना है, जिसमें चांद अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा दिखाई देता है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, सुपरमून नॉर्मल चांद के मुकाबले 7% बड़ा दिखता है। साथ ही यह 15% ज्यादा चमकीला भी नजर आता है। सुपरमून हर साल तीन से चार बार देखा जाता है।सुपरमून दिखने की वजह भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, इस दौरान चांद धरती का चक्कर लगाते-लगाते उसकी कक्षा के बेहद करीब आ जाता है।

इस स्थिति को परीजी (Perigee) कहा जाता है। वहीं, चांद के धरती से दूर जाने पर उसे अपोजी (Apogee) कहते हैं। एस्ट्रोलॉजर रिचर्ड नोल ने पहली बार 1979 में सुपरमून शब्द का इस्तेमाल किया था।

भारत में कब दिखेगा सुपरमून?

भारत में सुपरमून बुधवार देर रात 12 बजकर 8 मिनट पर दिखेगा। हालांकि, अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक अगले तीन दिन भी चांद धरती के करीब ही देखा जाएगा। इसे फुल मून कहा जा सकता है, लेकिन यह असल में पूर्णिमा नहीं होगी। सिर्फ चांद के आकार की वजह से ही यह फुल मून प्रतीत होगा।

इसके बाद सुपरमून की घटना अगले साल 3 जुलाई को होगी। सुपरमून और पूर्णिमा का एक साथ होना दुर्लभ है, इसलिए आज सुपरमून देखने से आपको चूकना नहीं चाहिए।

पूर्णिमा और सुपरमून में क्या रिश्ता है?

हर 27 दिन में चांद पृथ्वी का एक चक्कर पूरा कर लेता है। 29.5 दिन में एक बार पूर्णिमा भी आती है। हर पूर्णिमा को सुपरमून नहीं होता, पर हर सुपरमून पूर्णिमा को ही होता है। चांद पृथ्वी के आसपास अंडाकार रेखा में चक्कर लगाता है, इसलिए पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी हर दिन बदलती रहती है।

पृथ्वी और चांद के बीच कितनी दूरी?

सुपरमून के दौरान चंद्रमा पृथ्वी से सिर्फ 3,57,264 किलोमीटर की दूरी पर होगा। आमतौर पर चांद और धरती के बीच का औसतन फासला 3,84,400 किलोमीटर होता है। वहीं, अपोजी की स्थिति में यह बढ़कर 4,05,500 किलोमीटर हो जाता है।

जुलाई में दिखने वाले सुपरमून को बक (हिरण) मून भी कहते हैं ।

जुलाई में होता है सुपर बक मून।

जुलाई में नजर आने वाले सुपरमून को बक मून भी कहा जाता है। हिंदी में बक का मतलब वयस्क नर हिरण होता है। ऐसा साल के उस समय के संदर्भ में कहा जाता है, जब हिरणों के नए सींग उगते हैं। वहीं, कुछ जगहों में जुलाई के सुपरमून को थंडर मून भी कहा जाता है, क्योंकि इस महीने में बादल गरजना और बिजली कड़कना आम बात है।

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