राष्ट्रपति चुनाव 2022 की नामांकन प्रक्रिया शुरू 11 लोगों ने नामांकन पत्र भरा
Presidential Election 2022: देश में बुधवार से राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई. पहले दिन कुल 11 लोगों ने अपने नॉमिनेशन पेपर जमा किए.
Presidential Election 2022: देश में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. नामांकन दाखिल करने के पहले दिन बुधवार को 11 लोगों ने राष्ट्रपति बनने के लिए नॉमिनेशन पेपर फाइल किए. इनमें से 10 आवेदन मंजूर कर लिए गए और 1 रिजेक्ट हो गया. उम्मीदवार 29 जून तक इस पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
बुधवार से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया
चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बुधवार को नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया औपचारिक तौर पर शुरू हो गई. पहले दिन कुल 11 आवेदन दाखिल किए गए. इनमें से एक आवेदन में समुचित कागजात नहीं लगे थे, इसलिए वह खारिज कर दिया गया. नॉमिनेशन दाखिल करने की यह प्रक्रिया 29 जून तक चलेगी. इसके बाद 30 जून को दाखिल हुए आवेदनों की स्क्रूटनी की जाएगी.
18 जुलाई को डाले जाएंगे वोट
अधिकारियों के अनुसार स्क्रूटनी में पात्र पाए गए उम्मीदवार 2 जुलाई तक अपना नाम वापस ले सकेंगे. अगर सभी दलों में आम सहमति नहीं बनी तो 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद का इलेक्शन होगा और 21 जुलाई को रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा. इस चुनाव में लोकसभा-राज्यसभा के सांसद और देश की विभिन्न विधानसभाओं में चुने गए विधायक हिस्सा लेंगे.
इन राज्यों के लोगों ने भरे नामांकन
जिन लोगों ने बुधवार को राष्ट्रपति पद के लिए नॉमिनेशन दाखिल किया, उनमें से एक का नाम लालू प्रसाद यादव है. वे बिहार में सारन जिले के रहने वाले हैं. उनके अलावा दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के लोगों ने भी बुधवार को नामांकन जमा किए. इस चुनाव के लिए राज्यसभा के महासचिव को रिटर्निंग अफसर बनाया गया है. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई तक है. नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को पद की शपथ ले लेंगे.
ऐसे किया जाता है राष्ट्रपति का चुनाव
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में उस उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाता है, जिसे कुल वोटों में 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल होते हैं. इन चुनावों में सिंगल ट्रांसफरेबल वोट डाले जाते हैं. यानी कि एक वोटर राष्ट्रपति चुनाव के लिए विभिन्न उम्मीदवारों को अपनी वरीयता देते हुए मतदान करता है. अगर पहली पसंद के उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोट नहीं मिल पाते तो वे वोट दूसरी वरीयता वाले कैंडिडेट के लिए ट्रांसफर हो जाते हैं. इसके बाद जो कैंडिडेट 50 प्रतिशत के आंकड़े को छू लेता है, उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है. पिछली बार की तरह इस बार भी एनडीए की स्थिति राष्ट्रपति चुनाव में मजबूत नजर आ रही है.
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