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महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरी डासना मंदिर महंत एवं गाजियाबाद पुलिस विवाद

डासना- पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी पर गुंडा एक्ट की पुलिस की प्रस्तावित कार्यवाही से पहले एसएसपी आकाश पटेल और नरसिंह आनंद गिरि के बीच डासना मंदिर गेट पर माता-पिता के साथ आए एक बच्चे के प्रवेश को लेकर बहस हुई थी यति महाराज के कहने पर आकाश पटेल ने सुरक्षा का हवाला देते हुए बिना आधार कार्ड के बच्चे को मंदिर में जाने से रोक दिया था इस घटना के 1 सप्ताह बाद पुलिस ने महंत नरसिंहनंद पर गुंडा एक्ट की कार्यवाही प्रस्तावित कर दी थी इस घटना के 3 वीडियो वायरल हो चुके हैं जबकि यती नरसिंहानंद का कहना है कि आकाश पटेल ने उनसे व्यक्तिगत खुन्नस निकालने के लिए कार्यवाही की है वह पूरे घटनाक्रम को अब मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे और लखनऊ जाएंगे इस विषय में एएसपी आकाश पटेल ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है 10 अक्टूबर 2021 को एक मुस्लिम बच्चा मंदिर परिसर में घुस गया था सेवादारों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था इस मामले में महंत श्री नरसिंहनंद महाराज ने बच्चे पर रेकी करने का आरोप लगाया था वह मंदिर के बराबर में अस्पताल में अपनी भाभी से मिलने आया था यह पुलिस का बयान था जबकि महाराज जी ने इसको रेकी करने की साजिश करार दिया था अगले दिन 11 अक्टूबर को पुलिस ने मंदिर के प्रवेश द्वार पर चौकसी बढ़ा दी थी वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि 11 अक्टूबर को एक दंपत्ति अपने बच्चे के साथ मंदिर में दर्शन के लिए आए थे दंपत्ति के पास आधार कार्ड था लेकिन बच्चे का आधार नहीं था इस पर पुलिस ने बच्चे को मंदिर में जाने से रोक दिया दंपत्ति ने मौके पर मौजूद एसपी आकाश पटेल से भी गुजारिश की कि उनके पास आधार है लेकिन बच्चे का आधार नहीं है एएसपी श्री आकाश पटेल ने उनकी एक नहीं सुनी और कहा बिना आधार कार्ड के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा मामला महंत जी के पास पहुंचा तो वह भी गेट पर आए और बच्चे के प्रवेश के लिए ए एसपी श्री आकाश पटेल से भी बात की परंतु उन्होंने साफ इनकार कर दिया इसी बात पर ए एसपी आकाश पटेल तथा मंदिर के एक व्यक्ति के बीच बच्चे के प्रवेश को लेकर कहासुनी भी हुई उक्त बात को को एएसपी साहब ने व्यक्तिगत मानकर 22 अक्टूबर को गाजियाबाद पुलिस ने यति के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्य प्रस्तावित कर दी एसएसपी श्री पवन कुमार ने कहा की एएसपी पर लगाए गए आरोप निराधार हैं सुरक्षा कारणों से मंदिर के प्रवेश के लिए पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है बिना पहचान पत्र के मंदिर परिसर में किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा इसी के लिए महंत जी नाराज हैं और उन्होंने जो आरोप लगाया है असत्य है परंतु फिर भी हर तरह से मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाहरी तत्वों को अवांछित तत्वों को प्रवेश न करने देने के लिए पुलिस हर वक्त मुस्तैद है गाजियाबाद पुलिस जनता की सेवा के लिए है किसी व्यक्तिगत खुन्नस के लिए नहीं नहीं है

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