नगर निगम के अधिकारियों द्वारा जनसुनवाई पोर्टल पर प्रतिदिन फर्जी तरीके से समस्याओं का निस्तारण कर रहे हैं इस फर्जीवाड़े ने आम लोगों की नजर में पोर्टल की अहमियत को खत्म कर दिया है अफसर बड़ी चालाकी से पोर्टल पर लिख देते हैं कि समस्या का निस्तारण हो चुका है और समस्या खत्म दिखा दिया जाता है और दूसरी जगह की फोटो फर्जी होती है उसे अपलोड कर दी जाती है जबकि समस्या बरकरार रहती है यह बल्कि 1 दिन नहीं रोज ही हो रहा है नगर निगम समस्याओं का समाधान नहीं करता केवल जनसुनवाई पोर्टल का सहारा लेते हुए शिकायत को फर्जी तरीके से समाधान दिखा देता है इस कड़ी में अफसर के हिसाब से पोर्टल पर फर्जी निस्तारण कर दिया जाता है अधिकारी निस्तारण ना करने के लिए ढूंढते रहते हैं बहाना और गोलमोल अफसर जवाब देकर बाहर निकल जाते हैं पोर्टल पर फर्जी समस्याओं के निस्तारण हो रहे हैं आला अधिकारी इसमें कुछ नहीं कर रहे हैं इसमें कार्यवाही होनी चाहिए जब इस बात की शिकायत जनसुनवाई पोर्टल के गाजियाबाद के महेंद्र सिंह तंवर नगर आयुक्त से की गई तो उन्होंने कहा कि हमने अपने स्तर से जनसुनवाई पोर्टल पर त्वरित कार्यवाही करने के आदेश दे दिए हैं यह फर्जी निस्तारण की जानकारी मिलेगी तो उस कड़ी में बहुत कड़ी कार्यवाही की जाएगी परंतु अधिकारियों के कथनी और करनी में अंतर है यह बात सभी जानते हैं कितने इनके बातों का और उनके निर्देशों का पालन होता है वह तो आने वाला समय ही बताएगा परंतु कूड़ा निस्तारण की समस्या सीवर लाइन की समस्या सड़क पर गड्ढे होने की समस्या मेनहोल खुला होने की समस्या स्ट्रीट लाइट ना झड़ने की समस्या आवारा पशुओं की समस्या कुत्तों का आतंक बंदरों का आतंक आज समस्याएं जस की तस है इस पर कार्यवाही होनी चाहिए समस्या नगर निगम की जस की तस बनी हुई है उस पर ध्यान देने की जरूरत है
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