दिल्ली: सीएम केजरीवाल ने 150 इलेक्ट्रिक बसों को दिखाई हरी झंडी – 150 इलेक्ट्रिक बसों से 10 साल में सीएनजी बस की तुलना में – पीएम-2.5 में 0.16 मिलियन टन और पीएम-10 में 0.17 मिलियन टन कार्बनडाई ऑक्साइड के उत्सर्जन से दिल्ली को मुक्ति मिलेगी
- सीएम ने इलेक्ट्रिक बस के साथ सेल्फी लेकर सेल्फी प्रतियोगिता की भी शुरूआत की, 30 जून तक चलेगी प्रतियोगिता – 26 मई तक सभी के लिए इलेक्ट्रिक बसों में मुफ्त सफर -सार्वजनिक बेड़े में बसों की संख्या 7200 पहुंची
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आईपी डिपो से 150 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और कहा कि सरकार का लक्ष्य एक साल के भीतर राष्ट्रीय राजधानी की सडक़ों पर 2,000 इलेक्ट्रिक बसें उतारने की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अगले 10 वर्षों में इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर 1,860 करोड़ रुपए खर्च करेगी। जबकि इसमें 150 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिल रहा है। केजरीवाल ने इस अवसर पर एक ई-बस से आईपी डिपो से राजघाट डिपो तक यात्रा भी की। उनके साथ दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और मुख्य सचिव नरेश कुमार भी थे। दिल्ली के सार्वजनिक बेड़े में बसों की संख्या 7200 हो गई हैं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। एक महीने में 150 और इलेक्ट्रिक बसें आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर अब इलेक्ट्रिक बसें ही आएंगी और धीरे-धीरे सार्वजनिक बस बेड़े को इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा। हालांकि बीच में सरकार 600 से 700 सीएनजी बसें भी खरीदेगी। क्योंकि अभी इतनी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें नहीं बन रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 मई तक यात्री इलेक्ट्रिक बसों में मुफ्त यात्रा का लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक बस के साथ सेल्फी लेकर सेल्फी प्रतियोगिता की शुरूआत की और लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप भी इन बसों में सफर करें, तो एक सेल्फी लेकर उसको आईराइडईबस पर 30 जून तक पोस्ट कर दें। सबसे ‘यादा लाइक और शेयर किए जाने वाले तीन प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा, जिन्हें सरकार की ओर से आई-पैड इनाम स्वरूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने 150 करोड़ की लागत से बने तीन इलेक्ट्रिक चार्जिंग डिपो का भी उद्घाटन किया।
प्रदूषण रहित हैं इलेक्ट्रिक बसें
इलेक्ट्रिक बसें प्रदूषण रहित हैं। इन बसों के चलने से प्रदूषण नहीं होता है। जीरो एमिशन के साथ ही ये बसें जीरो आवाज वाली हैं। 150 इलेक्ट्रिक बसों से 10 साल में सीएनजी बस की तुलना में पीएम-2.5 में 0.16 मिलियन टन और पीएम-10 में 0.17 मिलियन टन कार्बनडाई ऑक्साइड के उत्सर्जन से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, इनमें जीपीएस डिवाइस, दिव्यांगों के लिए रैंप, पैनिक बटन व सीसीटीवी कैमरा समेत सुरक्षा संबंधित अन्य सुविधाओं से लैस हैं।
12 ई-बस डिपो
2000 ई-बसों के लिए 12 ई-बस डिपो बनाए जा रहे हैं, जिसका काम अगले एक साल में पूरा हो जाएगा। वहीं, 150 में इलेक्ट्रिक बसों के लिए 24 करोड़ रुपए की लागत से बना मुंडेला कलां डिपो में 32 चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जबकि 120 करोड़ रुपए में बने रोहिणी सेक्टर-37 डिपो में 48 चार्जिंग स्टेशन हैं।
अभी इन रूटों पर चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें इलेक्ट्रिक बसें मुद्रिका, कमला मार्केट से मंगोलपुरी वाई ब्लॉक, शिवाजी स्टेडियम से रोहिणी सेक्टर 22 (टर्मिनल) और 23, कश्मीरी गेट आईएसबीटी से कंझावाला, मोरी गेट से होकर महरौली नजफगढ़ तक चलेंगी।
27 मई से इन रूटों पर चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें