राष्ट्रपति चुनावः द्रोपदी मुर्मु का समर्थन करेगी शिवसेना, उद्धव ठाकरे ने किया ऐलान, शिंदे भी एनडीए उम्मीदवार को डालेंगे वोट
मुंबईः सीएम एकनाथ शिंदे ने भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी के दिशा निर्देशन में उनके सभी विधायक द्रोपदी मुर्मु के पक्ष में वोटिंग करेंगे।

ऐसा लगता है कि MVA अब टूटने के कगार पर है। एक तरफ कांग्रेस और शरद पवार की मौजूदगी में संयुक्त विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं सीएम की कुर्सी जाने के बाद शिवसेना ने दोनों पार्टियों से अलग स्टैंड लेकर एनडीए की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मु का समर्थन करने का ऐलान किया है। कहने की जरूरत नहीं कि उद्धव का ये फैसला कांग्रेस और शरद पवार को रास नहीं आएगा। शिवसेना के इस प्रयास में महाविकास अघाड़ी में भी फूट पड़ने की पूरी संभावना है।
उधर उद्धव के धुर विरोधी और महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे ने भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी के दिशा निर्देशन में उनके सभी विधायक द्रोपदी मुर्मु के पक्ष में वोटिंग करेंगे। शिंदे का कहना है कि एनडीए उम्मीदवार का राष्ट्रपति बनना तय है और एक आदिवासी महिला का इस पद पहुंचना बहुत अहम बात है।
हालांकि शिवसेना सांसद संजय राउत ने सुबह ही इस बात का संकेत दे दिया था। एक ट्वीट में राउत ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवसेना की एक बैठक का जिक्र किया। उनका कहना था कि एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नाम पर पार्टी ने विचार किया। लेकिन उन्हें समर्थन का मतलब बीजेपी को सपोर्ट करना नहीं है। इस बारे में कोई भी अंतिम फैसला उद्धव ठाकरे ही लेंगे।
#JustIn | “Shiv Sena will support Droupadi Murmu for Presidential elections”: Shiv Sena chief Uddhav Thackeray pic.twitter.com/AiWfdU7CQc
— NDTV (@ndtv) July 12, 2022
सोमवार को उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री पर शिवसेना सांसदों की एक बैठक भी हुई थी। इस बैठक में भी सभी सांसदों ने एक सुर में मुर्मू को समर्थन देने के बाद मांग की थी। हालांकि कल इस विषय पर उद्धव ठाकरे ने कोई फैसला नहीं लिया था।
विधायकों के टूटने के बाद बीते दिनों जिस तरह से शिवसेना सांसदों ने भी बगावती रुख अख्तियार किया है, उसको देखते हुए यह माना जा रहा है कि शिवसेना द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दे सकती है, ताकि विधायकों के बाद अब सांसदों को टूटने से बचाया जा सके।
गौरतलब है कि शिवसेना इसके पहले भी राष्ट्रपति चुनाव में गठबंधन के उम्मीदवार के विपरीत जाकर मतदान कर चुकी है। इसका उदाहरण प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी हैं। इन दोनों की उम्मीदवारी के समय शिवसेना ने एनडीए के खिलाफ जाकर मतदान किया था। राउत ने कहा कि शिवसेना किसी के दबाव में फैसला नहीं लेती है।