
परिस्थितियां तो आने जाने वाली हैं, फिर चाहे वो हर्ष की हों या शोक की, रोग या निरोग की, सुख अथवा दुख की, दुखद परिस्थितियों को हम चाह कर भी नही रोक सकते क्यों कि वे प्राकृतिक हैं फिर उनके भंवर में क्यों फंसे। ❤️🙏
परिस्थितियां तो आने जाने वाली हैं, फिर चाहे वो हर्ष की हों या शोक की, रोग या निरोग की, सुख अथवा दुख की, दुखद परिस्थितियों को हम चाह कर भी नही रोक सकते क्यों कि वे प्राकृतिक हैं फिर उनके भंवर में क्यों फंसे। ❤️🙏