उत्तरप्रदेश

क्या BJP को पता था चुनाव आयोग का शेड्यूल? चुनावी पाबंदी से पहले ही मोदी-शाह-योगी ने 68% सीटों पर रैलियां कर ली थीं

चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनावी तारीखों का ऐलान कर दिया है। ऊपरी तौर पर तो यह सब रूटीन सा लगता है, पर थोड़ी गहराई से देखने पर कुछ और तस्वीर भी नजर आ रही है। खासकर उत्तर प्रदेश में। यूपी में चुनाव आयोग और भाजपा का शेड्यूल इतना फिट बैठा है कि इसे रूटीन मानना मुश्किल लग रहा है।

आयोग ने 15 जनवरी तक रैली, रोड-शो और नुक्कड़ सभाओं पर रोक लगा दी है, लेकिन इससे पहले ही भाजपा के टॉप नेता पूरे उत्तर प्रदेश में रैलियों और रोड-शो की बमबारी कर सुरक्षित अपने ठिकानों पर उतर चुके थे। विपक्षी नेताओं की बारी आने तक चुनावी आसमान में उड़ान पर ही रोक लगा दी गई।

दरअसल, नए साल के आठवें दिन चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही PM नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी सूबे की हर तीन में से दो एसेंबली सीटों पर रैली या रोड-शो कर चुके हैं। प्रतिशत के लिहाज से समझें तो यह आंकड़ा 68% होता है। सीटों के हिसाब से देखें तो यूपी की 403 सीटों में से 275 पर यह तिकड़ी पहुंच चुकी थी।

एक और मजेदार बात- इनमें से ज्यादातर रैलियां आचार संहिता लागू होने से पहले होने के कारण सरकारी खर्च पर की गई हैं।

विपक्षी अखिलेश यादव का रथ कोरोना ने रोक दिया, तो बसपा की मायावती अब तक बाहर ही नहीं निकलीं। हां, कांग्रेस की प्रियंका की लड़कियां कई शहरों में सड़कों पर तो उतरीं, लेकिन क्या वो लड़ाई का रुख बदल पाएंगी या इनामी स्कूटी लेकर घर बैठ जाएंगी, ये तो 10 मार्च ही बताएगा।

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