अयोध्या में 5वीं बार बनेगा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड:32 घाटों पर 9.51 लाख दीप सजाए गए, 5 मिनट में जलाना होगा इन्हें
अयोध्या 5वें दीपोत्सव पर एक और रिकॉर्ड बनाने को आतुर है। 3 नवंबर की शाम 32 घाटों पर सजाए गए 9.51 लाख दीपकों की छटा देखने लायक होगी। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए 12 हजार वॉलंटियर तैनात हैं। इन्होंने दीप से रामायण कालीन प्रसंग सजाए हैं।
गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में फिर नाम दर्ज कराने की तैयारी
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने राम की पैड़ी पर दीप बिछाने के काम को अंतिम रूप दे दिया है। कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह की गाइडेंस में विश्वविद्यालय प्रशासन ने 32 घाटों पर लगभग 200 समन्वयक, 32 पर्यवेक्षक एवं 32 प्रभारी नियुक्त किए हैं। विश्वविद्यालय परिसर के कई विभाग, महाविद्यालय, स्वयंसेवी संस्थाएं और इंटर कॉलेज के शिक्षक और छात्र बतौर वॉलंटियर शामिल किए गए हैं।
आजादी के अमृत महोत्सव, केवट प्रसंग का पैटर्न
राम की पैड़ी के 32 घाटों पर रामायण कालीन प्रसंग के लिए 9 लाख से अधिक दीप सजाए गए हैं। 3 नवंबर को इनमें तेल डालने के साथ 9 लाख 51 हजार दिये जलाने का लक्ष्य है। हर एक वॉलंटियर को 75 दीप जलाने हैं। राम की पैड़ी के घाट नंबर 2 पर आजादी के अमृत महोत्सव का पैटर्न दिया गया है। घाट नंबर 3 और 4 पर केवट प्रसंग और राम-रावण युद्ध के पैटर्न पर दीए सजाए गए हैं। घाट नंबर 5 और 6 पर रामभक्त हनुमान, जबकि एक पर भारत श्रेष्ठ भारत का लोगो देखते ही बन रहा है।
वॉलियंटर को असुविधा न हो इसके लिए बसों का इंतजाम
विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र वर्मा ने बताया कि वॉलंटियर के लिए बसों का इंतजाम किया गया है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल के साथ उन्हें दीप जलाने को कहा गया है। बिना ID कार्ड के किसी को घाट पर प्रवेश नहीं मिलेगा।
ऐसे होती है दीपकों की गिनती
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के टाइम कंसल्टेंट निश्चल भनोट ने बताया कि रिकॉर्ड के लिए हर दीपक को कम से कम 5 मिनट एक समान जलाना होता है। एक ड्रोन के जरिए हम दीपों की गिनती करते हैं और दूसरा ड्रोन दीप के जलने और न जलने की हमें विजुअल जानकारी देता है।