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महाकुंभ भगदड़ में हुई थी 30 श्रध्दालुओं की मौत,डीजीपी ने गलती मानकर दिया बड़ा बयान

लखनऊ। संगम नगरी में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर संगम नोज के पास मची भगदड़ में 30 श्रध्दालुओं की मौत हो गई थी 60 घायल हुए थे।इस घटना ने सभी को झकझोर के रख दिया था।इस घटना के बाद सूबे की योगी सरकार पर कई सवाल खड़े हुए थे।अब इस मामले में बुधवार को पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार का बड़ा बयान सामने आया है।डीजीपी ने माना है कि मौनी अमावस्या वाले दिन गलती हुई थी।

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि महाकुंभ का ये पांचवा स्नान है,महाशिवरात्रि का स्नान होना बाकी है।मौनी अमावस्या के दिन एक गलती हुई थी,उससे सीख लेते हुए हम इस पर काम कर रहे हैं कि और बेहतर प्रबंधन कैसे हो।डीजीपी ने कहा कि हमने एक प्रबंधन तकनीक अपनाई,जिसका नतीजा है कि महाकुंभ में अब तक 46 से 47 करोड़ लोग आ चुके हैं।आज भी 10 बजे तक 1 करोड़ 3 लाख लोगों ने स्नान किया है।

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रयागराज के अलावा हमारा ध्यान चित्रकूट,काशी विश्वनाथ मंदिर,विंध्याचल मंदिर,अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर है। डीजीपी ने कहा कि हमने लखनऊ में वॉर रूम बनाया है,हमारे 2500 से ज्यादा कैमरे एक्टिव हैं,हम उन सभी से लाइव फीड ले रहे हैं,रेलवे मुख्य स्नान वाले दिन 400 से ज्यादा ट्रेनें चला रहा है और करीब 350 ट्रेनें रोजाना चलाई जा रही हैं।

बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर देश के अलग-अलग राज्यों से करोड़ों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे थे, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था।मंगलवार की देर रात 1 से 2 बजे के बीच संगम नोज पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठा होने से भगदड़ मच गई।घाटों पर लगाए गए बैरिकेड्स टूट गए,जिससे श्रद्धालु अनजाने में जमीन पर सो रहे श्रद्धालुओं को रौंदने लगे।भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवा दी और 60 अन्य घायल हो गए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ की न्यायालय-निरीक्षित जांच के आदेश दिए हैं और इसमें मारे गए श्रद्धालुओं के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है।

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