परसपुर (गोंडा): सोमवार को मोहर्रम के चालीसवें दिन परसपुर कस्बे और आसपास के ग्रामीण इलाकों में ताजिया का जुलूस निकाला गया। इस दिन भी शहादत-ए-कर्बला की याद में लोग अकीदत और शिद्दत के साथ इबादत में शामिल हुए। दोपहर बाद, कस्बे के चौक और चौराहों पर इबादत के बाद ताजिया का जुलूस निकला, जिसमें गाजे-बाजे के साथ ताजियादारों ने मातम करते हुए “या हुसैन” के नारे लगाए।
जुलूस के दौरान ताजियेदार साईं तकिया, नौशहरा, नई बस्ती कॉलोनी, अंजही और गाड़ी बाजार शान नगर से होते हुए सबलकुआं चौक पर पहुंचे। इसके बाद जुलूस सीबीएन मार्ग से होते हुए शाम करीब 4:00 बजे राजपुर में आटा परसपुर की सीमा पर पहुंचा, जहां परंपरागत जुलूसों का मिलान हुआ। अंत में, ताजियेदार अपनी-अपनी ताजिया लेकर कर्बला पहुंचे, जहां उन्होंने शिद्दत और अकीदत के साथ इबादत की और गमगीन माहौल में ताजिया को दफन किया।
इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और इबादत करते हुए शहादत-ए-कर्बला की याद ताजा की।
इस अवसर पर इलाके में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन की ओर से कड़े इंतजाम किए गए थे। परसपुर थानाध्यक्ष दिनेश सिंह मय पुलिस फोर्स के साथ गश्त पर रहे, जिससे त्यौहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
ताजिया के इस चालीसवें दिन भी विभिन्न समुदायों के लोग एकत्रित होकर इस त्यौहार को मनाते देखे गए, जो आपसी भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक था। इस अवसर पर शेरू राइनी, मुस्तकीम फारूकी, ताज, मोनीखान, अहसान कोटेदार, राजा बाबू, अख्तर अहमद समेत हजारों लोग शामिल थे।